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Navratri In West Bengal: मूर्ति विसर्जन के साथ पश्चिम बंगाल में हुआ दुर्गा पूजा उत्सव का समापन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मंगलवार को 5 दिवसीय दूर्गा पूजा का समापन हुआ. समापन के दौरान कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में 34 विसर्जन घाटों और 40 झीलों और कृत्रिम जल निकायों में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. Durga Pooja, Durga Visarjan, Navratri In West Bengal, Durga Puja festival ends in West Bengal.

Durga idol immersion in West Bengal
पश्चिम बंगाल में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2023, 10:45 PM IST

पश्चिम बंगाल में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 5 दिवसीय दुर्गा पूजा समाप्त हो गई है. मूर्ति विसर्जन का समय आते ही बंगाल के कोने-कोने में उत्साह छाया रहा. कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में 34 विसर्जन घाटों और 40 झीलों और कृत्रिम जल निकायों में विसर्जन प्रक्रिया मंगलवार दोपहर से शुरू हो गई. कोलकाता में बाबूघाट के बगल में आउट्राम घाट पर सबसे अधिक संख्या में मूर्तियां विसर्जित की गईं.

राज्य भर के विभिन्न नदी घाटों पर 'विजयादशमी' पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया. महिलाओं ने देवी को सिन्दूर, पान और मिठाई के साथ विदाई दी. परंपरा के अनुसार, ज्यादातर लाल और सफेद साड़ी पहने महिलाओं ने सबसे पहले दुर्गा मां के चेहरे को पान के पत्ते से ढका, माथे पर सिन्दूर लगाया और अंत में मिठाइयां चढ़ाईं.

इसके बाद फिर पारंपरिक 'सिंदूर खेला' में हिस्सा लिया. पश्चिम बंगाल का मानना है कि दुर्गा सिर्फ बुराई का नाश करने वाली देवी नहीं हैं. वह घर में एक बेटी की तरह होती है, जो लंबे समय के बाद ससुराल से अपने घर आती है. इस 5 दिन की दुर्गा पूजा ने पूरे देश भर में पूरे वर्ष के लिए स्मृतियां एकत्रित कर ली.

विसर्जन प्रक्रिया कोलकाता पुलिस, नदी यातायात गार्ड, आपदा प्रबंधन विभाग और कोलकाता नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जा रही है. प्रक्रिया को परेशानी मुक्त बनाने के लिए केएमसी विसर्जन कार्यकर्ताओं का एक समूह नियुक्त करता है. अगले साल लोग 9-13 अक्टूबर को दुर्गोत्सव मनाएंगे.

पश्चिम बंगाल में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 5 दिवसीय दुर्गा पूजा समाप्त हो गई है. मूर्ति विसर्जन का समय आते ही बंगाल के कोने-कोने में उत्साह छाया रहा. कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में 34 विसर्जन घाटों और 40 झीलों और कृत्रिम जल निकायों में विसर्जन प्रक्रिया मंगलवार दोपहर से शुरू हो गई. कोलकाता में बाबूघाट के बगल में आउट्राम घाट पर सबसे अधिक संख्या में मूर्तियां विसर्जित की गईं.

राज्य भर के विभिन्न नदी घाटों पर 'विजयादशमी' पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया. महिलाओं ने देवी को सिन्दूर, पान और मिठाई के साथ विदाई दी. परंपरा के अनुसार, ज्यादातर लाल और सफेद साड़ी पहने महिलाओं ने सबसे पहले दुर्गा मां के चेहरे को पान के पत्ते से ढका, माथे पर सिन्दूर लगाया और अंत में मिठाइयां चढ़ाईं.

इसके बाद फिर पारंपरिक 'सिंदूर खेला' में हिस्सा लिया. पश्चिम बंगाल का मानना है कि दुर्गा सिर्फ बुराई का नाश करने वाली देवी नहीं हैं. वह घर में एक बेटी की तरह होती है, जो लंबे समय के बाद ससुराल से अपने घर आती है. इस 5 दिन की दुर्गा पूजा ने पूरे देश भर में पूरे वर्ष के लिए स्मृतियां एकत्रित कर ली.

विसर्जन प्रक्रिया कोलकाता पुलिस, नदी यातायात गार्ड, आपदा प्रबंधन विभाग और कोलकाता नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जा रही है. प्रक्रिया को परेशानी मुक्त बनाने के लिए केएमसी विसर्जन कार्यकर्ताओं का एक समूह नियुक्त करता है. अगले साल लोग 9-13 अक्टूबर को दुर्गोत्सव मनाएंगे.

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