गिरिडीहः गरीबों का निवाला रेलवे की लापरवाही के कारण मिट्टी में दफन कर दिया गया. एक तरफ जहां एक हजार से अधिक चावल की बोरियां जमीन में गाड़ दी गईं तो वहीं उसका हर्जाना भी अब एफसीआई को अदा करना पड़ेगा. यह अनाज की बोरियां पिछले दिनों छत्तीसगढ़ से न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन के रैक पर एफसीआई गोदाम ले जाने के लिए पहुंचाई गईं थीं. जब न्यू गिरिडीह स्टेशन के रैक पर अनाज की बोरियां उतारी गईं तो एफसीआई के संवेदक एवं कर्मियों ने चावल के खराब हो जाने का हवाला देकर लेने से मना कर दिया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद रेलवे अधिकारियों ने जांच की बात कही थी.
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बीते साल अनाज लेकर निकली थी मालगाड़ीः छत्तीसगढ़ के अनाज की बोरियां वर्ष 2021 में ही गिरिडीह के लिए निकली थीं मगर रास्ता तय करने में उसे एक लंबा अरसा बीत गया और अनाज खराब हो गया. अब जब की अनाज के खराब होने के कारण एफसीआई ने अनाज लेने से मना कर दिया तो रेलवे के अधिकारी मंगलवार को यहां जांच के लिए पहुंचे थे. धनबाद एवं कोडरमा से आए रेलवे के अधिकारियों के साथ फूड जांच के लिए एक डॉक्टर भी साथ थे. न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद अधिकारियों की टीम ने रैक पर पड़े चावल की बोरियों की जांच की और उसके खराब हो जाने की बात कही गई, जिसके बाद अनाज से भरी बोरियों को मिट्टी के अंदर डंप कर उसे गाड़ देने का काम किया गया.
दोषी को बचाने के चक्कर में लगे रहे रेलवे के अधिकारीः इस संबंध में जब मीडियाकर्मियों ने रेलवे अधिकारियों एवं एफसीआई के अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो किसी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. सभी लोग बात को एक दूसरे पर टालते रहे और अपने आप को बचाते नजर आए. घंटों इंतजार के बाद जब चावल की बोरियों को जमीन में गाड़ने का काम शुरू हुआ तो मीडिया कर्मियों ने एक बार फिर इस बाबत अधिकारियों से सवाल किया, मगर रेलवे के अधिकारी साफ तौर पर ये कहते रहे कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है.
जब अनाज के खराब होने में लापरवाही के संदर्भ में पूछा गया तो अधिकारी बचते बचाते नजर आए. ईटीवी भारत ने धनबाद से आए रेलवे के एसीएम विजय गौड़ से पूछा तो उन्होंने कहा कि चावल की बोरियों को कहां और क्यों ले जाया जा रहा है मुझे नहीं पता. उन्होंने आला अधिकारियों के पास जाकर बात करने की बात कह डाली. इस मामले को लेकर न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन के एसएम संतोष कुमार ने ऑफ द कैमरा कहा कि जांच टीम में शामिल फूड डॉक्टर ने अनाज को इंसान एवं जानवर के लिए हानिकारक बताया है, इसलिए इसे जमीन के अंदर डंप कराया जा रहा है.
और भाग खड़े हुए एफसीआई के प्रतिनिधिः इधर मौके पर उपस्थित एफसीआई के अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने ने भी टाल मटोल करना शुरू कर दिया. सवाल पूछे जाने पर एफसीआई के प्रतिनिधि मौके पर से खाना खाने का बहाना बनाकर गायब हो गए. कुल मिलाकर अनाज के बर्बाद होने पर रेलवे एवं एफसीआई ने चुप्पी साध ली और गरीबो के हक का अनाज जमीन में दफन कर दिया गया.