कोलकाता: बंगाल और दुनिया भर में बसे बंगाली समुदाय के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा को लेकर गतिविधियां हर साल की तरह इस बार भी कई महीने पहले ही शुरू हो गई है. मुख्य सड़क के साथ-साथ गली-मोहल्लों में भी पूजा समितियों के बैनर व होर्डिंग दिखने लगे हैं. कई साल पहले कोलकाता समेत राज्य के कई जिलों में टीजर लिखे होर्डिंग्स से पटे हुए नजर आते थे.
दुबई में भी इस बार बंगाली समुदाय के लोग जोर शोर से पूजा की तैयारी में जुटे हैं. दुबई में पूजा का अपना एक अलग ही अंदाज है. इस बार यहां आकर्षण का मुख्य केंद्र सबसे ऊंची मूर्ति के साथ थीम आधारित दुर्गा पूजा होगी. कोलकाता के चर्चित कलाकार कौशिक घोष उस थीम पर आधारित मंडप (मंच) और मूर्ति बनाने के लिए अगले महीने दुबई के लिए उड़ान भरेंगे.
बंगाल का कोलकाता थीम भव्यता का एक अलग आयाम देता है. परिणामस्वरूप कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा 'अमूर्त विरासत' के रूप में मान्यता दी गई है. दुबई में हर साल फाइबर की छोटी-छोटी मूर्तियाँ कोलकाता से जाती थीं. जिसकी ऊंचाई अधिकतम 5-6 फीट होती है. दुबई में बंगाल का टच देने के लिए पूजा सामग्री, पुजारी और रसोइया सभी पश्चिम बंगाल से जाती हैं. लेकिन यह पहली बार है कि इसे अंतिम रूप देने के लिए खुद थीम आर्टिस्ट भी यहां से जाएंगे.
बताया गया है कि लगभग 13-16 फीट ऊंची फाइबर दुर्गा की मूर्ति पहली बार दुबई में निर्यात की जा रही है. दुबई में पहले कभी इतनी ऊंची और बड़ी मूर्ति नहीं देखी गई है. दूसरे शब्दों में दुबई में इस बार सबसे ऊंची देवी दुर्गा की मूर्ति होने वाली है. इसके अलावा एक और समिति की ओर से थीम पूजा का आयोजन किया जा रहा है. शांति के संदेश के साथ दुर्गा प्रतिमा को बुद्ध प्रतिमा के अनुरूप बनाया गया है.
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उस मंडप में बौद्ध मठ का टच होगा और इन दोनों का श्रेय कोलकाता के कलाकार कौशिक घोष को जाता है. अब तक जो मूर्ति दुबई भेजी गई थी वह बहुत छोटी थी. इस बार बड़ी मूर्ति भेजी जा रही है. पिछली मूर्ति एक-चाल (एक छत वाली) थी. यह तीन-चाल (तीन छत वाली) है. इसके अलावा, एक अन्य समिति ने थीम और मूर्ति पर सहमति व्यक्त की है. कौशिक घोष ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मैं जल्द ही दुबई जाऊंगा. थीम पूजा पहले दुबई में आयोजित नहीं की गई है.