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नशेड़ी ने बिहार पुलिस को किया चैलेंज, कहा 'मैं नशे में हूं पकड़कर दिखाओ'

बेतिया में एक व्यक्ति ने चैलेंज देकर खुद ही पुलिस बुला ली. इसपर पुलिस (Bettiah Shikarpur SHO) ने उसे हवालात की सैर भी करा दी. जब व्यक्ति का नशा उतरा तो खुद को जेल में बंद पाकर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. आगे की कहानी किसी कॉमेडी फिल्म से कम नहीं है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

drunk youth challenged to police
नशेड़ी ने किया पुलिस को चैलेंज
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Published : Mar 27, 2022, 7:43 AM IST

पश्चिम चंपारण: बिहार के बेतिया से एक अजब ही मामला सामने आया. यहां के नरकटियागंज में पुलिस को एक 'पियक्कड़' ने चुनौती (Drunken youth challenged to police) दे डाली. व्यक्ति ने खुद को पत्रकार बताते हुए थानेदार से कहा कि, 'मैं नशे में हूं मुझे पकड़कर दिखाओ.' पहले तो थानेदार ने मामले को हल्के में लेकर छोड़ दिया. लेकिन नशेड़ी के बार-बार फोन करने पर थानाध्यक्ष ने टीम बनाकर उसके घर पर छापा मारा. इस दौरान युवक को नशे में पाकर एसएचओ भी हैरान रह गए.

फोन कर पकड़ने की चुनौती दे रहा था पियक्कड़: मामला शिकारपुर थाना क्षेत्र के चानकी गांव का है. फोन करने वाले नशेड़ी युवक का नाम अमरेश कुमार सिंह है. जब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसकी जांच ब्रेथ एनलाइजर से जांच की, तो वो शराब के नशे में पाया गया. पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर उत्पाद अधिनियम के तहत जेल भेज दिया है.

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SHO ने यूं स्वीकारा नशेड़ी का चैलेंज: शिकारपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उनके सरकारी मोबाइल नंबर एक फोन कॉल आया. कॉल पर उधर से कहा गया कि मैं नशे में हूं, मुझे पकड़कर दिखाओ. पहले तो ये लगा कि कोई शरारत कर रहा होगा. हमने उस वक्त अनदेखा कर दिया, लेकिन व्यक्ति के बार बार फोन करने पर थानाध्यक्ष ने भी उसके चैलेंज को स्वीकर कर लिया.

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टीम बनाकर मारा छापा: इसके बाद थानाध्यक्ष अजय कुमार ने तुरंत एक टीम तैयार की और फोन पर बताए गए पते पर पहुंचकर उन्होंने छापा मारा. शुरूआत में तो थानाध्यक्ष को यकीन नहीं हो रहा था कि वाकई ये फोन किसी व्यक्ति द्वारा ही किया जा रहा है, लेकिन जब अमरेश झूमता हुआ उनके सामने खड़ा हो गया तब उन्हें हैरानी हुई. इसके बाद व्यक्ति की तुरंत ही ब्रेथ एनलाइजर से शराब की मात्रा जांची गई जिसमें युवक हद से ज्यादा नशे में पाया गया. इसके बाद टीम ने उसे तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया.

यह भी पढ़ें- शराब के नशे में धुत युवती का हंगामा, कैब चालक ने की हर एक्शन की रिकार्डिंग

बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.

पश्चिम चंपारण: बिहार के बेतिया से एक अजब ही मामला सामने आया. यहां के नरकटियागंज में पुलिस को एक 'पियक्कड़' ने चुनौती (Drunken youth challenged to police) दे डाली. व्यक्ति ने खुद को पत्रकार बताते हुए थानेदार से कहा कि, 'मैं नशे में हूं मुझे पकड़कर दिखाओ.' पहले तो थानेदार ने मामले को हल्के में लेकर छोड़ दिया. लेकिन नशेड़ी के बार-बार फोन करने पर थानाध्यक्ष ने टीम बनाकर उसके घर पर छापा मारा. इस दौरान युवक को नशे में पाकर एसएचओ भी हैरान रह गए.

फोन कर पकड़ने की चुनौती दे रहा था पियक्कड़: मामला शिकारपुर थाना क्षेत्र के चानकी गांव का है. फोन करने वाले नशेड़ी युवक का नाम अमरेश कुमार सिंह है. जब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसकी जांच ब्रेथ एनलाइजर से जांच की, तो वो शराब के नशे में पाया गया. पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर उत्पाद अधिनियम के तहत जेल भेज दिया है.

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SHO ने यूं स्वीकारा नशेड़ी का चैलेंज: शिकारपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उनके सरकारी मोबाइल नंबर एक फोन कॉल आया. कॉल पर उधर से कहा गया कि मैं नशे में हूं, मुझे पकड़कर दिखाओ. पहले तो ये लगा कि कोई शरारत कर रहा होगा. हमने उस वक्त अनदेखा कर दिया, लेकिन व्यक्ति के बार बार फोन करने पर थानाध्यक्ष ने भी उसके चैलेंज को स्वीकर कर लिया.

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टीम बनाकर मारा छापा: इसके बाद थानाध्यक्ष अजय कुमार ने तुरंत एक टीम तैयार की और फोन पर बताए गए पते पर पहुंचकर उन्होंने छापा मारा. शुरूआत में तो थानाध्यक्ष को यकीन नहीं हो रहा था कि वाकई ये फोन किसी व्यक्ति द्वारा ही किया जा रहा है, लेकिन जब अमरेश झूमता हुआ उनके सामने खड़ा हो गया तब उन्हें हैरानी हुई. इसके बाद व्यक्ति की तुरंत ही ब्रेथ एनलाइजर से शराब की मात्रा जांची गई जिसमें युवक हद से ज्यादा नशे में पाया गया. इसके बाद टीम ने उसे तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया.

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बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.

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