श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद, हेरोइन का इस्तेमाल और तस्करी गंभीर समस्याएं हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर ईटीवी भारत द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर में हेरोइन की सबसे अधिक मांग है और इसलिए भारी मात्रा में दवा का निर्यात किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में नशा तस्करों से करीब 17187.60 किलोग्राम हेरोइन बरामद की जाएगी. नशा तस्करों से जनवरी माह में 2.017 किग्रा हेरोइन बरामद की गई, फरवरी माह में 5.805 किग्रा, मार्च माह में यह राशि घटाकर मात्र 82.5 ग्राम ही बरामद की गई.
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वहीं अप्रैल माह में अब तक की सर्वाधिक हेरोइन 7.355 किग्रा तथा मई माह में 903.96 ग्राम तथा जून एवं जुलाई में क्रमशः 35 व 43 ग्राम हेरोइन नशा तस्करों से बरामद की गई. इसमें अगस्त में वृद्धि हुई थी और 15.5 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी, वहीं सितंबर में 423.89, अक्टूबर में 59, नवंबर में 443 और दिसंबर में अब तक 4.75 ग्राम हेरोइन बरामद की जा चुकी है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कई कदम उठाए गए हैं लेकिन मादक पदार्थों की तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
लेकिन ड्रग डीलर किसी ना किसी तरह से ड्रग्स लाने का प्रबंधन कर लेते हैं. तस्कर ड्रोन या कई अन्य तरीकों अपना काम कर रहे हैं. इन सबके बावजूद, मादक पदार्थों के तस्करों पर कार्रवाई की जाती है. समाज से इस अभिशाप को खत्म करने और मिटाने के अपने अभियान में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस साल उत्तरी कश्मीर के बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में कड़े जन सुरक्षा कानून के तहत 45 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
बडगाम में पुलिस ने 66 प्राथमिकी दर्ज की और 117 ड्रग पेडलर्स को गिरफ्तार किया, जिनमें 15 कुख्यात ड्रग पेडलर्स भी शामिल हैं, जिन्हें पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. दक्षिण कश्मीर की विस्तृत रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, हालांकि अवंतीपोरा और कुलगाम में कई ड्रग डीलर्स को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान कुपवाड़ा और बारामूला के उत्तरी जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी देखी गई है और कई ड्रग पेडलर्स को गिरफ्तार किया गया है और मुकदमा चलाया गया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग में पुलिस हमेशा समाज के सम्मानित लोगों का सहयोग मांगती है. हेरोइन व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को खत्म करना हम सभी की जिम्मेदारी है. आंकड़ों की बात करें तो इस साल अप्रैल के महीने में सबसे अधिक मात्रा में हेरोइन (7355 ग्राम) का पकड़ा गया. इसके बाद फरवरी के महीने में 5805 ग्राम जब्त किया गया. इस पृष्ठभूमि में बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि ड्रग्स वहां कैसे पहुंची, इसकी जांच की जा रही है.
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जिन लोगों के पास से मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उनके बयान आने वाले महीनों में पुलिस को उनके गुप्त नेटवर्क को खत्म करने में मदद करेंगे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नशा तस्करों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो न केवल हेरोइन की तस्करी की जा रही है, बल्कि हशीश (101825 ग्राम), अवैध शराब (172 बोतल), ब्राउन शुगर (3175.5 ग्राम), नशे की लत के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोलियां (63183), कोडीन (2736) के अलावा अन्य नशीले पदार्थों की भी तस्करी की जा रही है.
इस साल नशा तस्करों से 7,120,245 रुपये की नकदी बरामद की गई. अगर घाटी के दस जिलों की बात करें तो सबसे ज्यादा बारामूला (77), उसके बाद पुलवामा (66), बडगाम (56), कुपवाड़ा (48) से मामले सामने आए हैं, जबकि राजधानी श्रीनगर से केवल 14 मामले सामने आए हैं.
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