सांगली: महाराष्ट्र के सांगली में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां बच्चे अपने माता-पिता से नशा छोड़ने की जिद (Drug De addiction Campaign of Children) पर अड़े हैं और एक-दो नहीं बल्कि 40 परिवारों ने अपने बच्चों की जिद पर नशामुक्ति का रास्ता अपनाया है. यह घटना सांगली के जाट तालुका के पंडोझरी गांव की है. समाज के हर स्तर पर दिन प्रतिदिन जिस प्रकार की लत बढ़ती जा रही है, माता-पिता की लत का प्रभाव बच्चों पर भी स्वत: ही पड़ता है.
इससे बच्चे भी नशे के आदी हो जाते हैं. सांगली के जाट तालुका के पंडोझरी गांव में माता-पिता को नशामुक्त करने का पाठ पिछले पांच साल से चल रहा है और इसकी सफलता अब दिख रही है. पंडोझरी गांव के बाबर वस्ती स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने अपने माता-पिता को नशे से मुक्त कराया है. अब तक 40 परिवार के लोगों ने नशामुक्ति को स्वीकार कर लिया है.
स्कूल के अध्यापक ने बच्चों को नशे की लत का पाठ पढ़ाया और फिर बच्चों ने अपने पिता और घर में नशे के आदी हो चुके अपने रिश्तेदारों से नशा छोड़ने की जिद की. पिछले पांच वर्षों में बाबर वस्ती के स्कूल के शिक्षकों और बच्चों ने नशामुक्ति आंदोलन चलाया, शिक्षकों और बच्चों ने घर-घर जाकर नशामुक्ति के प्रति जागरूकता पैदा की, जिसके बाद लगभग 40 परिवारों के पुरुष सदस्य नशामुक्त हो चुके हैं.
पहले बच्चों ने अपने पिता, चाचा, दादा से नशा छोड़ने की जिद की, जिसके बाद उनके घरों में महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ शामिल हुईं, नशा छुड़ाने की जिद पर कई बच्चों को उनके पिताओं ने पीटा, लेकिन माता-पिता बच्चों की जिद के आगे झुक गए और धीरे-धीरे गांव नशामुक्त हो गया.