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जस्टिस यूयू ललित बने 49वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ - सीजेआई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति यू यू ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी. इससे पहले न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि कम से कम एक संविधान पीठ उच्चतम न्यायालय में पूरे साल कार्य करे.

President Droupadi Murmu to administer the oath of Office of the Chief Justice of India to Justice Uday Umesh Lalit at Rashtrapati Bhavan today
द्रौपदी मुर्मू आज न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाएंगी
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Published : Aug 27, 2022, 7:30 AM IST

Updated : Aug 27, 2022, 12:22 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी. जस्टिस यूयू ललित दो महीने से कुछ अधिक समय के लिए सीजेआई के रूप में काम करेंगे और 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे. न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित मुसलमानों में 'तीन तलाक' की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. वह ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया. उनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे. वह जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे.

भारत के नामित प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) यू यू ललित ने शुक्रवार को उन तीन क्षेत्रों पर जोर दिया, जिन पर वह देश की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान काम करना चाहते हैं. न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि कम से कम एक संविधान पीठ उच्चतम न्यायालय में पूरे साल कार्य करे.

देश के 49वें सीजेआई के रूप में शनिवार को शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि अन्य दो क्षेत्र जिन पर वह काम करना चाहते हैं उनमें शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों का उल्लेख करना शामिल है. निवर्तमान सीजेआई एन वी रमण को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि शीर्ष अदालत की भूमिका स्पष्टता के साथ कानून बनाना है और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जितनी जल्दी हो सके बड़ी पीठें गठित हों ताकि मुद्दों का तुरंत समाधान किया जा सके.

न्यायमूर्ति ललित ने कहा, 'इसलिए हम यह कहने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि हां, हमारे पास कम से कम एक संविधान पीठ है जो पूरे वर्ष काम करेगी.' न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि जिन क्षेत्रों में वह काम करना चाहते हैं उनमें से एक संविधान पीठों के समक्ष मामलों को सूचीबद्ध करना और विशेष रूप से तीन-न्यायाधीशों की पीठ को भेजे जाने वाले मामलों से संबंधित विषय हैं.

ये भी पढ़ें- एनवी रमना हुए रिटायर, लिए कई ऐतिहासिक फैसले, नए सीजेआई यूयू ललित ने बड़े सुधार करने का किया ऐलान

मामलों को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को यथासंभव सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.' अत्यावश्यक मामलों का उल्लेख करने के संबंध में न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि वह निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं पीठ पर अपने सभी विद्वान सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करूंगा और हम निश्चित रूप से बहुत जल्द इसे सुलझा लेंगे, और आपके पास एक स्पष्ट व्यवस्था होगी जहां संबंधित अदालतों के समक्ष किसी भी जरूरी मामले का स्वतंत्र रूप से उल्लेख किया जा सकता है.'

निवर्तमान सीजेआई की सराहना करते हुए न्यायमूर्ति ललित ने उनकी दो ‘असाधारण’ उपलब्धियों का उल्लेख किया जिनमें शीर्ष अदालत में रिकॉर्ड 11 तथा उच्च न्यायालयों में 220 से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्तियां सुनिश्चित करने सहित कई महत्वपूर्ण न्यायिक और प्रशासनिक फैसले शामिल हैं. निवर्तमान सीजेआई के स्थान पर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित नये प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल दो महीने से थोड़ा अधिक होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी. जस्टिस यूयू ललित दो महीने से कुछ अधिक समय के लिए सीजेआई के रूप में काम करेंगे और 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे. न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित मुसलमानों में 'तीन तलाक' की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. वह ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया. उनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे. वह जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे.

भारत के नामित प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) यू यू ललित ने शुक्रवार को उन तीन क्षेत्रों पर जोर दिया, जिन पर वह देश की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान काम करना चाहते हैं. न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि कम से कम एक संविधान पीठ उच्चतम न्यायालय में पूरे साल कार्य करे.

देश के 49वें सीजेआई के रूप में शनिवार को शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि अन्य दो क्षेत्र जिन पर वह काम करना चाहते हैं उनमें शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों का उल्लेख करना शामिल है. निवर्तमान सीजेआई एन वी रमण को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि शीर्ष अदालत की भूमिका स्पष्टता के साथ कानून बनाना है और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जितनी जल्दी हो सके बड़ी पीठें गठित हों ताकि मुद्दों का तुरंत समाधान किया जा सके.

न्यायमूर्ति ललित ने कहा, 'इसलिए हम यह कहने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि हां, हमारे पास कम से कम एक संविधान पीठ है जो पूरे वर्ष काम करेगी.' न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि जिन क्षेत्रों में वह काम करना चाहते हैं उनमें से एक संविधान पीठों के समक्ष मामलों को सूचीबद्ध करना और विशेष रूप से तीन-न्यायाधीशों की पीठ को भेजे जाने वाले मामलों से संबंधित विषय हैं.

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मामलों को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को यथासंभव सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.' अत्यावश्यक मामलों का उल्लेख करने के संबंध में न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि वह निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं पीठ पर अपने सभी विद्वान सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करूंगा और हम निश्चित रूप से बहुत जल्द इसे सुलझा लेंगे, और आपके पास एक स्पष्ट व्यवस्था होगी जहां संबंधित अदालतों के समक्ष किसी भी जरूरी मामले का स्वतंत्र रूप से उल्लेख किया जा सकता है.'

निवर्तमान सीजेआई की सराहना करते हुए न्यायमूर्ति ललित ने उनकी दो ‘असाधारण’ उपलब्धियों का उल्लेख किया जिनमें शीर्ष अदालत में रिकॉर्ड 11 तथा उच्च न्यायालयों में 220 से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्तियां सुनिश्चित करने सहित कई महत्वपूर्ण न्यायिक और प्रशासनिक फैसले शामिल हैं. निवर्तमान सीजेआई के स्थान पर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित नये प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल दो महीने से थोड़ा अधिक होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.

Last Updated : Aug 27, 2022, 12:22 PM IST
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