कानपुर: देश की सीमा के पार जो दुश्मन हैं, उन पर अब करारा वार करने के लिए भारतीय सेना की मदद एक ड्रोन करेगा. ये विशेष ड्रोन हथियार से लैस होगा. उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री और आईआईटी के विशेषज्ञ एक साथ मिलकर इस नई तकनीक पर काम कर रहे हैं. नई तकनीक से जो ड्रोन बनकर तैयार होगा उसमें एक हथियार को जोड़ने की तैयारी है, जिससे ड्रोन तड़ातड़ गोलियां बरसा सकेगा.
स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री के अफसरों का कहना था कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में जो विकास हो रहा है, उनमें ड्रोन माउंटेन सिस्टम को विकसित किया जा रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए, हमने पहले इस तरह के ड्रोन को लेकर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ मंथन किया. तय हुआ कि साथ मिलकर इस नई तकनीक को हम रक्षा मंत्रालय को दे सकते हैं. इसका लाभ, भारतीय सेना व अन्य पुलिस के जवानों को मिल जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह दुर्गम क्षेत्रों या अधिक खतरे वाले स्थानों में जाकर दुश्मनों पर वार कर सकेगा.
कब तक तैयार हो जाएगा ड्रोन: ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में एसएएफ के कार्यकारी निदेशक राजीव शर्मा ने बताया कि अभी यह मामला कांसेप्ट स्टेज पर है. हालांकि, हमें काम तो करना ही है. हम सबसे पहले इसका प्रोटोटाइप बनाएंगे. फिर, एक साल के अंदर एक नए तरह के ड्रोन को तैयार कर देंगे. इस ड्रोन में जो हथियार होगा, उससे फायर किया जा सकेगा.
अभी से मिल रहे ऑर्डर: शहर में रक्षा उत्पाद तैयार करने वाली एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया कंपनी को आठ हजार करोड़ रुपये के आर्डर मिल चुके हैं. एसएएफ समेत अन्य रक्षा संस्थानों में जो रक्षा उत्पाद तैयार हो रहे हैं, उनकी मांग पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में तो है ही, यूरोप के तमाम देशों में यहां के उत्पादों की मांग भी जबर्दस्त है.
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