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डीआरडीओ ने 2-डीजी दवा की तकनीक देने के लिए ईओआई आमंत्रित किए - 2-डीजी

कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा उद्योग को हस्तांतरित करने के वास्ते रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित की है.

2-डीजी दवा
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Published : Jun 9, 2021, 1:38 PM IST

हैदराबाद : कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा उद्योग को हस्तांतरित करने के वास्ते रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित की है.

2-डीजी दवा डीआरडीओ की प्रयोगशाला, नाभिकीय औषधि एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की है.क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों में देखा गया कि यह अन्नु अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से बीमारी से उबरने और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद करता है. ईओआई दस्तावेज के अनुसार, आवेदन ईमेल के जरिए 17 जून से पहले भेजे जाने चाहिए। इसमें कहा गया है.

उद्योगों द्वारा दी जाने वाली ईओआई की एक तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) जांच करेगी. केवल 15 उद्योगों को ही उनकी क्षमताओं और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टीओटी दिया जाएगा.

पढ़ें :डीआरडीओ ने कोविड रोधी दवाई '2-डीजी' के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए



बोली लगाने वाली कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंसिंग एथॉरिटीज से एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) से दवा बनाने का लाइसेंस होना चाहिए.

हैदराबाद : कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा उद्योग को हस्तांतरित करने के वास्ते रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित की है.

2-डीजी दवा डीआरडीओ की प्रयोगशाला, नाभिकीय औषधि एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की है.क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों में देखा गया कि यह अन्नु अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से बीमारी से उबरने और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद करता है. ईओआई दस्तावेज के अनुसार, आवेदन ईमेल के जरिए 17 जून से पहले भेजे जाने चाहिए। इसमें कहा गया है.

उद्योगों द्वारा दी जाने वाली ईओआई की एक तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) जांच करेगी. केवल 15 उद्योगों को ही उनकी क्षमताओं और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टीओटी दिया जाएगा.

पढ़ें :डीआरडीओ ने कोविड रोधी दवाई '2-डीजी' के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए



बोली लगाने वाली कंपनियों के पास ड्रग लाइसेंसिंग एथॉरिटीज से एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) से दवा बनाने का लाइसेंस होना चाहिए.

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