बेंगलुरु: स्वदेशी में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) की हवा से हवा में मार करने की क्षमता में और इजाफा हो गया. सफल परीक्षण के बाद पांचवी पीढ़ी का पाइथन 5 प्रक्षेपास्त्र इसमें जुड़ गया.
रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इस परीक्षण का उद्देश्य तेजस में पहले से ही समन्वित डर्बी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) एयर-टू-एयर मिसाइल (एएएम) की बढ़ी हुई क्षमता का आकलन करना भी था.
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#WATCH Firing of the Python-5 Air to Air missile by the Light Combat Aircraft Tejas during trials pic.twitter.com/zbZEmbEEiV
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गोवा में किए गए इस टेस्ट ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों में इस मिसाइल के प्रदर्शन को सत्यापित करने के लिए उससे जुड़ी परीक्षणों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया. डर्बी मिसाइल ने तेज गति के साथ पैंतरेबाज़ी करने वाले एक हवाई लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सीधा प्रहार किया. पाइथन मिसाइल भी लक्ष्य पर शत–प्रतिशत निशाना साधने में सफल रहीं.
इन परीक्षणों से पहले बेंगलुरु में तेजस में लगी विमानन प्रणाली के साथ प्रक्षेपास्त्र के एकीकृत होने के आकलन के लिए व्यापक हवाई परीक्षण भी किए गए. इनमें एवियोनिक्स, फायर-कंट्रोल रडार, मिसाइल वेपन डिलीवरी सिस्टम और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जैसे प्रणाली शामिल हैं.
विमान से प्रक्षेपास्त्र के सफलतापूर्वक अलग होने के बाद गोवा में लक्ष्य भेदने का परीक्षण किया गया.
इन मिसाइलों को नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर (एनएफटीसी) से संबद्ध भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के टेस्ट पायलटों द्वारा उड़ाए गए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के तेजस विमान से दागा गया था.
डीआरडीओ की ओर से बताया गया कि सीईएमआईएलएसी, डीजी – एक्यूए, आईएएफ पीएमटी, एनपीओ (एलसीए नेवी) और आईएनएस हंसा के सराहनीय सहयोग के साथ-साथ एडीए और एचएएल-एआरडीसी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम के वर्षों की कड़ी मेहनत की वजह से ऐसा संभव हुआ.
रक्षा मंत्री राजनाथ ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, एडीए, भारतीय वायु सेना, एचएएल की टीमों और इस परीक्षण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी है.
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने विभिन्न संगठनों और उद्योग के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के प्रयासों की सराहना की.