बालासोर (ओडिशा: भारत ने ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल (क्यूआरएसएएम) प्रणाली का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने गुरुवार को बताया कि इस मिसाइल प्रणाली के छह परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए है. उसने कहा कि विभिन्न परिदृश्यों के तहत हथियार प्रणालियों की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न प्रकार के खतरों को प्रतिरूपित करते हुए उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ उड़ान परीक्षण किए गए थे.
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#WATCH | DRDO & Indian Army have successfully completed 6 flight tests of Quick Reaction Surface to Air Missile (QRSAM) system from Integrated Test Range (ITR) Chandipur, off the Odisha Coast. The flight tests have been conducted as part of evaluation trials by Indian Army: DRDO pic.twitter.com/IB5eF23jkC
— ANI (@ANI) September 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 8, 2022#WATCH | DRDO & Indian Army have successfully completed 6 flight tests of Quick Reaction Surface to Air Missile (QRSAM) system from Integrated Test Range (ITR) Chandipur, off the Odisha Coast. The flight tests have been conducted as part of evaluation trials by Indian Army: DRDO pic.twitter.com/IB5eF23jkC
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डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि इन परीक्षणों के दौरान मिशन के सभी लक्ष्यों को हासिल किया गया तथा वॉरहेड चेन समेत अत्याधुनिक निर्देशन और नियंत्रण एल्गोरिदम के साथ हथियार प्रणाली सटीकता स्थापित हुई. इसमें कहा गया है कि एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) द्वारा स्थापित टेलीमीट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम्स (ईओटीएस) जैसे कई उपकरणों द्वारा लिए गए आंकड़ों से इस प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि की गयी.
इस मिसाइल प्रणाली में सभी स्वदेशी उपकरण लगे हैं, जिसमें स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली मिसाइल, सचल लॉन्चर, पूरी तरह स्वचालित कमान एवं नियंत्रण प्रणाली तथा निगरानी रडार शामिल हैं. बयान में कहा गया कि यह प्रणाली अब सेना के बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना को इस सफल परीक्षण के लिये बधाई दी.
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ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज से छह मिसाइलें दागी गईं. मिसाइलों को दागने के दौरान यह देखा गया कि क्या वो तेज गति से आ रहे टारगेट पर सटीकता से हमला कर पाते हैं या नहीं. परीक्षण के दौरान कई तरह की परिस्थितियों को पैदा किया गया. जिसमें दुश्मन का हवाई टारगेट तेज गति से आता है. उसे खत्म करने के लिए QRSAM को लॉन्च किया जाता है. भारतीय सेना और भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने आज यानी 8 सितंबर को क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) का सफल परीक्षण किया. इस दौरान लॉन्ग रेंज मीडियम एल्टीट्यूड, शॉर्ट रेंज, हाई एल्टीट्यूड मैनुवरिंग टारगेट, लो राडार सिग्नेचर, क्रॉसिंग टारगेट्स और दो मिसाइलों को एक के एक बाद दागकर टारगेट के बचने और खत्म होने की समीक्षा की गई. परीक्षण को दिन और रात दोनों परिस्थितियों में किया गया.