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बीआरडी मेडिकल कॉलेज कांड की जांच सीबीआई से कराई जाए : डॉ. कफील

'हेल्थ फॉर ऑल' के संस्थाक डॉ. कफील खान ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल के अपने फैसले में स्वीकार किया था कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण लिक्विड ऑक्सीजन की कमी हुई थी. उन्होंने कहा कि यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसके बावजूद उनकी बर्खास्तगी का फैसला लिया गया.

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Published : Nov 23, 2021, 9:05 AM IST

Updated : Nov 23, 2021, 2:35 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉ. कफील खान ने अपनी मांगें रखीं.

डॉ. कफील ने कहा कि बीआरडी कॉलेज ऑक्सीजन कांड में अधिकारियों की संलिप्तता की जांच करने के लिए इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और योगी सरकार को पीड़ित परिवारों से माफी मांगनी चाहिए.

डॉ. कफील खान का बयान

उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

साथ ही कफील खान ने कहा कि घटना के बाद उन्हें यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया है कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे, लेकिन घटना की रात बच्चों को बचाने के उनके प्रयास को देखते हुए उन्हें मेडिकल लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप से मुक्त कर दिया गया है. उन्हें सम्मान के साथ नौकरी वापस की जाए.

  • • My struggle to get justice would continue until my demand would met :
    • The BRD oxygen tragedy should be investigated by the CBI to rule out any complicity of state officials in these incidents.
    • The UP government should publicly apologize to the grieving parents pic.twitter.com/VI13TgZRu1

    — Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) November 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ. कफील ने कहा, 'प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने अपनी जांच में माना कि छुट्टी के बावजूद उस रात मैं अस्पताल पहुंचा. मेरे खिलाफ लगाए गए चिकित्सीय लापरवाही के आरोप निराधार पाए गए. मुझे अब तक नहीं पता कि किन आरोपों में मेरी बर्खास्तगी का फैसला लिया गया.'

उन्होंने कहा कि मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसके बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.

डॉ. कफील के मुताबिक इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल के अपने फैसले में स्वीकार किया था कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण लिक्विड ऑक्सीजन की कमी हुई थी. जिसकी वजह ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता को बकाया राशि का भुगतान न करना था. इतना ही नहीं, सीमा सुरक्षा बल ने भी स्वीकारा कि मैं उनसे मदद मांगने गया था.

यह भी पढ़ें- न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा : डॉ कफील खान

बता दें, गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से करीब 60 बच्चों की मौत हो गई थी. बच्चों की मौत मामले में घिरी योगी सरकार ने कुछ दिन बाद डॉ. कफील खान को निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. जांच में दोषी पाए जाने के बाद डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉ. कफील खान ने अपनी मांगें रखीं.

डॉ. कफील ने कहा कि बीआरडी कॉलेज ऑक्सीजन कांड में अधिकारियों की संलिप्तता की जांच करने के लिए इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और योगी सरकार को पीड़ित परिवारों से माफी मांगनी चाहिए.

डॉ. कफील खान का बयान

उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

साथ ही कफील खान ने कहा कि घटना के बाद उन्हें यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया है कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे, लेकिन घटना की रात बच्चों को बचाने के उनके प्रयास को देखते हुए उन्हें मेडिकल लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप से मुक्त कर दिया गया है. उन्हें सम्मान के साथ नौकरी वापस की जाए.

  • • My struggle to get justice would continue until my demand would met :
    • The BRD oxygen tragedy should be investigated by the CBI to rule out any complicity of state officials in these incidents.
    • The UP government should publicly apologize to the grieving parents pic.twitter.com/VI13TgZRu1

    — Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) November 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ. कफील ने कहा, 'प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने अपनी जांच में माना कि छुट्टी के बावजूद उस रात मैं अस्पताल पहुंचा. मेरे खिलाफ लगाए गए चिकित्सीय लापरवाही के आरोप निराधार पाए गए. मुझे अब तक नहीं पता कि किन आरोपों में मेरी बर्खास्तगी का फैसला लिया गया.'

उन्होंने कहा कि मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसके बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.

डॉ. कफील के मुताबिक इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल के अपने फैसले में स्वीकार किया था कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण लिक्विड ऑक्सीजन की कमी हुई थी. जिसकी वजह ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता को बकाया राशि का भुगतान न करना था. इतना ही नहीं, सीमा सुरक्षा बल ने भी स्वीकारा कि मैं उनसे मदद मांगने गया था.

यह भी पढ़ें- न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा : डॉ कफील खान

बता दें, गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से करीब 60 बच्चों की मौत हो गई थी. बच्चों की मौत मामले में घिरी योगी सरकार ने कुछ दिन बाद डॉ. कफील खान को निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. जांच में दोषी पाए जाने के बाद डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया.

Last Updated : Nov 23, 2021, 2:35 PM IST
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