पटना : लैंड फॉर जॉब केस में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने तेजस्वी यादव को समन किया है. तेजस्वी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगे या नहीं इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. ईडी के समक्ष भी सीमित विकल्प हैं. बता दें कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय एक्शन में है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होना है. ईडी ने दूसरी बार तेजस्वी यादव को समन किया है.
तेजस्वी यादव को ईडी का तीसरा समन : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगे या नहीं, इसे लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है. आपको बता दें कि इससे पहले तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेजा गया था. लेकिन, वह विदेश जाने का हवाला देखकर जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. हालांकि तेजस्वी ने अपना विदेश दौरा रद्द कर दिया था. पहले समन पर तेजस्वी यादव पूछताछ में सहयोग के लिए ईडी दफ्तर भी गए थे.
पहले समन पर पेश हुए थे तेजस्वी : तेजस्वी यादव से लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में 11 अप्रैल को पूछताछ की गई थी. लगभग 8 घंटे तक पूछताछ चली थी तीसरी बार प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बुलाया गया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव इस बार भी परिवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं होने जा रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल उठाये गए हैं.
तीसरे समन में पेश होंगे तेजस्वी इसपर संशय : राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष वृषण पटेल ने कहा है कि ''हमारे नेता जांच एजेंसी को सहयोग करते हैं. चुनाव को देखते हुए ऐसा माहौल बनाया जा रहा है. जानबूझकर लोगों को परेशान करने के लिए कार्रवाई हो रही है.'' राजद नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव के जाने को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है.
भाजपा ने साधा तेजस्वी पर निशाना : भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा है कि ''प्रवर्तन निदेशालय कानून के हिसाब से काम करती है. अगर तेजस्वी यादव दोषी होंगे तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.'' जांच एजेंसियों पर आरोपों को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि ''दुरुपयोग तो तब हो रहा था, जब नरेंद्र मोदी और अमित शाह को बेवजह तंग और तबाह किया जा रहा था.''
क्या कहते हैं अधिवक्ता : पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रजनीश कुमार ने कहा कि ''प्रवर्तन निदेशालय कितनी बार समन भेजती है या कितनी बार समन भेजा जाएगा? इसके बारे में कोई कानून नहीं है. लेकिन आमतौर पर तीन बार के बाद प्रवर्तन निदेशालय या जांच एजेंसी नॉन बेलेबल वारंट के लिए कोर्ट में प्रे करती है. उसके बाद गिरफ्तारी हो सकती है. कई बार पूछताछ के दौरान ही आरोपी को कस्टडी में ले लिया जाता है. फिर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया जाता है.''
तेजस्वी समेत तीन नेताओं पर लटकी ED की तलवार : बता दें कि ईडी अभी तक झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को 7 बार समन भेज चुकी है. लेकिन सातों बार हेमंत सोरेन हाजिर नहीं हुए. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने शराब घोटाले में समन किया है. लेकिन तीन-तीन बार समन भेजे जाने के बाद भी नहीं पहुंचे. वहीं तेजस्वी यादव भी इन्ही तीनों नेताओं की तरह ईडी के समन को नजर अंदाज करते दिख रहे हैं. इन तीनों नेताओं और इनकी पार्टियों का मानना है कि चुनावी साल में सिर्फ परेशान करने के लिए ये समन दिए जा रहे हैं.
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