गुरुग्राम: साइबर सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम की पॉश सोसाइटी में आवारा कुत्तों (stray dogs in gurgram) का खौफ है. यह कुत्ते अब लोगों को घर से बाहर तक नहीं निकलने देते हैं. किसी को भी अकेला देखते ही कुत्तों का झुंड हमला कर देता है. ये मंजर किसी आम मुहल्ले का नहीं है बल्कि अब शहर की वीआईपी सोसायटी मानी जाने वाली एमार पाम हिल्स (Emaar Palm Hills) का है. आलम ये है कि यहां कुत्तों ने पिछले एक सप्ताह में ही आठ लोगों को अपना शिकार बनाकर लहुलूहान कर दिया. जिसके चलते हालात अब ये हो गये हैं कि लोग अब या तो अपने घरों में कैद हो गए हैं या सोसाइटी से पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं.
सोसायटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ लोग यहां कुत्तों को खाना खिलाते हैं. उन्हें कुत्तों को खाना खिलाने से ऐतराज नहीं है. लेकिन जो स्थान सोसाइटी के बाहर निर्धारित किया गया है. उसी स्थान पर ही इन कुत्तों को खाना खिलाया जाए. चार साल पहले तक सोसाइटी के अंदर एक भी कुत्ता नहीं था लेकिन अब यहां कुत्तों की पूरी फौज है. जो कई ग्रुप में सोसाइटी के अंदर घूमते रहते हैं. हालात यह है कि यहां सिक्योरिटी गार्ड को भी अब डंडा लेकर हर वक्त सतर्क रहना पड़ता है ताकि किसी को अकेला पाकर कुत्ते उन पर अटैक न कर दें.
यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि गुरुग्राम नगर निगम (gurugram municipal corporation) में शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है. नगर निगम के अधिकारियों ने लोगों की शिकायत का फोन पर तो समाधान निकाल दिया, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं किया. इसके अलावा कुछ लोगों ने इन कुत्तों के हमले को लेकर पुलिस को भी शिकायत दी है. पुलिस ने जीव जंतुओं के लिए कार्य करने वाली संस्था की साइड लेनी शुरू कर दी है. लोगों का आरोप है कि उन पर यह कहकर भी पुलिस ने दबाव बनाया कि स्थानीय लोग इन कुत्तों को परेशान कर रहे हैं.
कुत्तों का खौफ और शिकायतों पर कोई कार्रवाई ना होने से परेशान लोग अब सोसाइटी से पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. लोगों का कहना है कि न तो उन्हें इन कुत्तों से निजात मिल रही है और न ही प्रशासन उनकी कोई मदद कर रहा है. ऐसे में अब उन्हें अपने करोड़ों रुपए के फ्लैट छोड़कर किसी दूसरे स्थान पर जाना होगा. जिस तरह से प्रशासन का रवैया है उससे तो यह लगता है कि उन्हें गुरुग्राम ही नहीं बल्कि किसी दूसरे जिले अथवा राज्य में जाकर बसना होगा.
नगर निगम ने आवारा कुत्तों के लिए पॉलिसी बनाई हुई है. इस पॉलिसी के तहत नगर निगम आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन करने के साथ ही इनका बर्थ कंट्रोल करने के लिए काम करता है. करीब दो साल पहले नगर निगम का बर्थ कंट्रोल सेंटर विवादों में आ गया था. इसके बाद से नगर निगम का यह कार्य ठप पड़ा हुआ है. निगम के कंट्रोल रूम में यदि कोई शिकायत करता है तो उसे कुत्तों के वैक्सीनेशन करने व उनका बर्थ कंट्रोल करने संबंधी आश्वासन तो दिए जाते हैं, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं किया जाता. हालात यह हो गए हैं कि अब जिले में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.