मेरठ: एक तरफ जहां देश में आए दिन बेजुबान जानवरों के साथ क्रुरता के वीडियो सामने आते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक बेहद ही प्यारी तस्वीर सामने आई है. जी हां यहां एक बेजुबान कुत्ते का जन्मदिन पूरे जोर-शोर और धूमधाम से मनाया गया. खास बात यह है कि जिस घर में यह कुत्ता रहता है, उस मकान के बाहर मालिक का नहीं बल्कि एक बेजुबान कुत्ते का नाम दिया गया है, जिसके जरिए इस मकान को पहचाना जाता है. मालकिन का कहना है कि यह कुत्ता उसके लिए बहुत ही भाग्यशाली है या यूं कहा जाए कि इस कुत्ते के घर में आने के बाद उनकी तकदीर बदल गई है. इसीलिए न सिर्फ मकान के बाहर नेम प्लेट कुत्ते के नाम की लगाई जा रही है.
दरअसल, मेरठ के गंगा नगर क्षेत्र के रहने वाली सोनिया गौतम पैरामिलिट्री फोर्स की सीएएसएफ में कार्यत हैं. सोनिया के द्वारा अपने घर पर एक जन्मदिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे पूरे परिवार ने बड़े ही खुशी के साथ केक काटकर मनाया. खास बात यह रही कि यह जन्मदिन किसी इंसान का नहीं था बल्कि सोनिया के द्वारा पाले गए उस बेजुबान जानवर का था, जिसके शरीर का कुछ हिस्सा पैरालाइज हो चुका है, जिसका नाम कल्लू रखा गया है. सोनिया ने बताया कि वो पिछले 5 साल से सड़क पर बेसहारा घूमने वाले पशुओं के लिए न सिर्फ उनकी तीमारदारी कर रही हैं. बल्कि उनके खाने-पीने का भी इंतजाम कर रही हैं.
कल्लू के जन्मदिन के मौके पर सोनिया के घर वालों ने केक काट कर अपनी खुशी का इजहार किया. सड़क पर बेसहारा घूमने वाले पशुओं के लिए बाकायदा खास तौर पर खाना तैयार कराया गया, जो कि सड़क पर पहुंचकर उन बेसहारा पशुओं को खिलाया गया. सोनिया के द्वारा कुछ सालों पहले सड़क पर बेसहारा घूमने वाले पशुओं को सहारा दिया गया, जिनमें कुत्ते और बछड़े शामिल है. इन बेजुबान जानवरों के लिए सोनिया के द्वारा न सिर्फ उनकी तीमारदारी की गई. बल्कि उनके पेट भरने का भी इंतजाम किया गया. सोनिया ने बताया कि जब उन्होंने इन बेजुबानों के पेट भरने की शुरुआत तो पैसे की काफी तंगी सामने आई. लेकिन थोड़े वक्त के बाद जब बात लोगों को पता चली तो लोगों ने उनकी मदद भी की, जिसमें सोनिया ने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया. सोनिया का कहना है कि कल्लू उनके परिवार के लिए बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली है. एक वक्त ऐसा भी था कि उन्हें यह नहीं पता रहता था कि घर में अगले वक्त का खाना बनेगा या नहीं. लेकिन जब से कल्लू को उन्होंने सहारा दिया है तब से उनका नसीब बदल गया है. इसी के चलते उन्होंने यह फैसला किया है कि वो अपने इस काम को जारी रखेंगी. इन बेजाबानों को सहारा देंगीं और उनके लिए आगे बढ़कर आएंगी.
सोनिया के द्वारा अपने घर में करीब दो दर्जन जानवरों को पाला जा रहा है. जिनमें मुख्यतः पशु विकलांग है. सोनिया का कहना है कि उनकी चाहत यही है कि वो इन जैसे बेसहारा पशुओं के लिए एक अस्पताल बनाए, जिसमें कि इन जैसे पशुओं का इलाज बेहतर तरीके से किया जा सके. साथ ही सोनिया का यह भी कहना है कि जब उन्होंने इन बेजाबान जानवरों को सहारा देना शुरू किया था तो लोगों ने उनका मजाक भी बनाया था. लेकिन वो लोगों की बातों की परवाह न करते हुए अपने इस काम में लगी रही. उसी का नतीजा यह है कि आज उनके पास सब कुछ है और वह इन जानवरों को सहारा देने में जी जान से लगी हुई है.
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