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गुजरात: आईसीयू को भूतल पर रखने के फैसले के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल - गुजरात डॉक्टर हड़ताल

गुजरात में अस्पतालों के आईसीयू को भूतल पर रखने और कांच के शीशे को हटाने के सरकार के निर्देश के विरोध में राज्य भर के डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल किया. राज्य भर में निजी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल एकमात्र विकल्प था.

Doctors strike in Gujarat
गुजरात: आईसीयू को भूतल पर रखने के सरकार के फैसले, विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : Jul 23, 2022, 7:51 AM IST

अहमदाबाद: गुजरात में अहमदाबाद नगर निगम के दमकल विभाग द्वारा आईसीयू को भूतल पर रखने और कांच के शीशे को हटाने के सरकार के निर्देश का राज्य भर के डॉक्टरों ने विरोध किया है. शहर में 2 हजार से ज्यादा अस्पताल बंद रहे. साथ ही राज्य भर से करीब 30 हजार डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए जबकि इमरजेंसी, ओपीडी समेत सेवाएं बंद रहीं.

इस मामले में अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है. सरकार को स्थिति को समझनी चाहिए. विदेशों में भी सभी अस्पतालों में ऊपरी मंजिल पर ओपीडी है. हमें उम्मीद है कि सरकार इस फैसले को वापस ले लेगी. हम सरकार को एक याचिका देकर पेश करने जा रहे हैं. यदि सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती है, तो हम निकट भविष्य में फिर से हड़ताल पर जाएंगे. अस्पताल बंद होने से कई मरीजों को परेशानी हुई. हम मरीजों से माफी मांगते हैं. हंगामे के चलते मरीजों की हालत गंभीर हो गई. आज डॉक्टर काम पर वापस आएंगे.

वडोदरा: सरकार और हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया. इसके विरोध में प्रदेश के डॉक्टर हड़ताल रहे. ग्राउंड फ्लोर पर आईसीयू रखने से कई तरह की परेशानी होने की संभावना है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक मरीजों में संक्रमण और मृत्यु दर बढ़ने की आशंका को देखते हुए डॉक्टरों ने यह हड़ताल की है.

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद में कूड़े के ढेर पर मिल रहे मानव अंग, अखिर कौन है हत्यारा?

वडोदरा शहर में फिलहाल 600 से ज्यादा निजी अस्पताल बंद रहे. वडोदरा आईएमए के अध्यक्ष डॉ मितेश शाह के अनुसार, अस्पतालों के भूतल पर आईसीयू रखने से कई समस्याएं पैदा होंगी, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा होगा. खासकर मरीजों के परिजन आईसीयू के बाहर भीड़ में बैठेंगे. संक्रमण दर बढ़ेगी और मरीजों की मौत होगी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी ग्राउंड फ्लोर के आईसीयू खतरनाक साबित होंगे. ऐसे कई सवालों के चलते हमने इस मामले को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और नगर अध्यक्ष डॉ. विजय शाह के सामने भी उठाया और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है.

सूरत: सरकार द्वारा जारी कानून को लेकर शहर समेत पूरे गुजरात में निजी अस्पतालों के 20000 से ज्यादा डॉक्टर आज हड़ताल रहे. सूरत शहर में 600 से ज्यादा अस्पताल और 3500 से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल पर रहे. इसके चलते इमरजेंसी और ओपीडी इलाज बंद रहा. हड़ताल के बाद सिविल और सिमर अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ बढ़ा दिया गया.

पाटन : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गुजरात स्टेट ब्रांच के बंद के आह्वान का पाटन मेडिकल एसोसिएशन ने समर्थन किया. इसके चलते पाटन शहर समेत जिले के सभी निजी अस्पतालों में डॉक्टर ओपीडी समेत आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे बंद रहीं. इस संबंध में पाटन शहर सहित जिले के 275 से अधिक डॉक्टरों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया. पाटन ने सुबह से ही अपना अस्पताल बंद रखा था.

अहमदाबाद: गुजरात में अहमदाबाद नगर निगम के दमकल विभाग द्वारा आईसीयू को भूतल पर रखने और कांच के शीशे को हटाने के सरकार के निर्देश का राज्य भर के डॉक्टरों ने विरोध किया है. शहर में 2 हजार से ज्यादा अस्पताल बंद रहे. साथ ही राज्य भर से करीब 30 हजार डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए जबकि इमरजेंसी, ओपीडी समेत सेवाएं बंद रहीं.

इस मामले में अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है. सरकार को स्थिति को समझनी चाहिए. विदेशों में भी सभी अस्पतालों में ऊपरी मंजिल पर ओपीडी है. हमें उम्मीद है कि सरकार इस फैसले को वापस ले लेगी. हम सरकार को एक याचिका देकर पेश करने जा रहे हैं. यदि सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती है, तो हम निकट भविष्य में फिर से हड़ताल पर जाएंगे. अस्पताल बंद होने से कई मरीजों को परेशानी हुई. हम मरीजों से माफी मांगते हैं. हंगामे के चलते मरीजों की हालत गंभीर हो गई. आज डॉक्टर काम पर वापस आएंगे.

वडोदरा: सरकार और हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया. इसके विरोध में प्रदेश के डॉक्टर हड़ताल रहे. ग्राउंड फ्लोर पर आईसीयू रखने से कई तरह की परेशानी होने की संभावना है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक मरीजों में संक्रमण और मृत्यु दर बढ़ने की आशंका को देखते हुए डॉक्टरों ने यह हड़ताल की है.

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद में कूड़े के ढेर पर मिल रहे मानव अंग, अखिर कौन है हत्यारा?

वडोदरा शहर में फिलहाल 600 से ज्यादा निजी अस्पताल बंद रहे. वडोदरा आईएमए के अध्यक्ष डॉ मितेश शाह के अनुसार, अस्पतालों के भूतल पर आईसीयू रखने से कई समस्याएं पैदा होंगी, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा होगा. खासकर मरीजों के परिजन आईसीयू के बाहर भीड़ में बैठेंगे. संक्रमण दर बढ़ेगी और मरीजों की मौत होगी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी ग्राउंड फ्लोर के आईसीयू खतरनाक साबित होंगे. ऐसे कई सवालों के चलते हमने इस मामले को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और नगर अध्यक्ष डॉ. विजय शाह के सामने भी उठाया और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है.

सूरत: सरकार द्वारा जारी कानून को लेकर शहर समेत पूरे गुजरात में निजी अस्पतालों के 20000 से ज्यादा डॉक्टर आज हड़ताल रहे. सूरत शहर में 600 से ज्यादा अस्पताल और 3500 से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल पर रहे. इसके चलते इमरजेंसी और ओपीडी इलाज बंद रहा. हड़ताल के बाद सिविल और सिमर अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ बढ़ा दिया गया.

पाटन : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गुजरात स्टेट ब्रांच के बंद के आह्वान का पाटन मेडिकल एसोसिएशन ने समर्थन किया. इसके चलते पाटन शहर समेत जिले के सभी निजी अस्पतालों में डॉक्टर ओपीडी समेत आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे बंद रहीं. इस संबंध में पाटन शहर सहित जिले के 275 से अधिक डॉक्टरों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया. पाटन ने सुबह से ही अपना अस्पताल बंद रखा था.

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