नई दिल्ली : कोविड से बड़ी संख्या में रिकवर हुए मरीजों को हृदय की समस्याओं का सामना करना पड़ा है और यहां तक कि मौजूदा हृदय समस्याओं वाले रोगियों ने भी इसके प्रभाव को महसूस किया है. डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस दिल को नुकसान पहुंचा सकता है.
पुणे अपोलो क्लीनिक के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रमोद नरखेड़े ने कहा, 'कोविड से बीमार लोग जिन्हें हृदय की समस्याओं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य बीमारियां हैं वे लोग उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं. वायरस न केवल फेफड़ों और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, बल्कि दिल को भी प्रभावित करता है. सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और दर्द, अचानक धड़कन का बढ़ना, हार्ट अटैक, कम पंप करने की क्षमता, रक्त के थक्के जैसी हृदय संबंधी दिक्कतें कोविड से रिकवरी के बाद मरीज में पाई गई हैं.
नरखेड़े ने कहा, 'कोविड संक्रमण नसों और धमनियों की आंतरिक सतहों को प्रभावित करता है जो रक्त वाहिका में सूजन, छोटे वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है, हृदय और शरीर के अन्य भागों में रक्त के प्रवाह पर असर डालता है. यदि आपको चक्कर आना, अचानक धड़कन बढ़ जाना, उच्च रक्तचाप, उल्टी, पसीना और सांस की तकलीफ हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें.'
डॉक्टर का कहना है कि जिन लोगों ने सीने में दर्द के बाद कोविड से रिकवरी की है या जिन्हें पहले से ही मामूली दिल की समस्या है और कोविड 19 से संक्रमित हैं, उन्हें हृदय परीक्षण कराना चाहिए.
नरखेड़े ने कहा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए अपने दिल का ख्याल रखें, यह समय की आवश्यकता है. नियमित रूप से व्यायाम करें, अच्छी तरह से संतुलित आहार लें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपना ख्याल रखें.
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