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ऑक्सीजन बिना हो रही मौतों से डॉक्टर भी विचलित, बेबसी में आंखों से छलके आंसू

देशभर में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा है. ऑक्सीजन की आपूर्ति की लिए अस्पतालों के डॉक्टर कभी मीडिया से गुहार लगा रहे हैं, तो कुछ ने अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

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Published : Apr 22, 2021, 5:03 PM IST

नई दिल्ली : गंभीर रूप से कोविड प्रभावित राज्यों के अस्पतालों में डॉक्टर ऑक्सीजन की आपूर्ति की बहाली की दलील दे रहे हैं. उनमें से कई मीडिया से गुहार लगा रहे हैं, जबकि कुछ अस्पतालों ने अदालत में मुकदमा दायर किया है, ताकि ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने के लिए सरकारों की ओर से कार्रवाई की जा सके. इतना ही नहीं कुछ अस्पतालों ने अस्पताल में रोगियों के प्रवेश को भी रोक दिया है.

इस बीच दिल्ली के शांति मुकंद अस्पताल के सीईओ डॉ सुनील सग्गर गैस की कमी के बारे में बात करते हुए पूरी तरह से टूट गए और उनकी आंखे नम हो गईं. उन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन संकट के बारे में बात की करते हुए कि हमारे पास शायद की ऑक्सीजन बची हो. हमने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि जिस मरीज को भी छुट्टी दी जा सके उसे छुट्टी दे दी जाए.

डॉ सुनील सग्गर का बयान

सुनील सग्गर ने बताया कि उनके पास जो ऑक्सीजन है वह 2 घंटे या उससे थोड़ी अधिक और चल पाए.

इस बीच नोएडा के कैलाश अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऑक्सीजन खत्म हो रहे है, उनके पास जो ऑक्सीजन है वो केवल कुछ और घंटों तक चलेगा.

ग्रुप मेडिकल के निदेशक डॉ ऋृतु बोहरा ने कहा कि हमने गौतम बौद्ध नगर में चार अस्पताल खोले हैं, चारों संकटों का सामना कर रहे हैं. हमें बताया गया है कि हमें अगले 36 घंटे के बाद ऑक्सीजन सप्लाई दी जाएगी.

डॉ ऋृतु बोहरा का बयान

इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई अस्पताल अभी ऑक्सीजन संकट का सामना कर रहे हैं. कुछ में ऑक्सीजन पूरी तरह से समाप्त होना वाली है. मुझे सुबह से अस्पतालों से मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं. सिसोदिया ने हुए कहा कि हम दूसरे अस्पतालों से किसी तरह से उन्हें सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं.

पढ़ें - ऑक्सीजन का संकट : क्या है स्थिति, एक नजर

ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टर्स पर रोक लगाने को लेकर गृहमंत्रालय ने कुछ राज्यों के दबाव में एक परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि, राज्य के बीच मेडिकल ऑक्सीजन के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और परिवहन अधिकारियों को तदनुसार निर्देश दिया जाएगा कि वे अंतर-राज्य में ऑक्सीजन की आवाजाही जारी रखें

कोई प्राधिकारी किसी विशेष जिले (क्षेत्रों) या क्षेत्रों के लिए आपूर्ति करने के लिए गुजरने वाले ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को नहीं रोकेगा.

नई दिल्ली : गंभीर रूप से कोविड प्रभावित राज्यों के अस्पतालों में डॉक्टर ऑक्सीजन की आपूर्ति की बहाली की दलील दे रहे हैं. उनमें से कई मीडिया से गुहार लगा रहे हैं, जबकि कुछ अस्पतालों ने अदालत में मुकदमा दायर किया है, ताकि ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने के लिए सरकारों की ओर से कार्रवाई की जा सके. इतना ही नहीं कुछ अस्पतालों ने अस्पताल में रोगियों के प्रवेश को भी रोक दिया है.

इस बीच दिल्ली के शांति मुकंद अस्पताल के सीईओ डॉ सुनील सग्गर गैस की कमी के बारे में बात करते हुए पूरी तरह से टूट गए और उनकी आंखे नम हो गईं. उन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन संकट के बारे में बात की करते हुए कि हमारे पास शायद की ऑक्सीजन बची हो. हमने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि जिस मरीज को भी छुट्टी दी जा सके उसे छुट्टी दे दी जाए.

डॉ सुनील सग्गर का बयान

सुनील सग्गर ने बताया कि उनके पास जो ऑक्सीजन है वह 2 घंटे या उससे थोड़ी अधिक और चल पाए.

इस बीच नोएडा के कैलाश अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऑक्सीजन खत्म हो रहे है, उनके पास जो ऑक्सीजन है वो केवल कुछ और घंटों तक चलेगा.

ग्रुप मेडिकल के निदेशक डॉ ऋृतु बोहरा ने कहा कि हमने गौतम बौद्ध नगर में चार अस्पताल खोले हैं, चारों संकटों का सामना कर रहे हैं. हमें बताया गया है कि हमें अगले 36 घंटे के बाद ऑक्सीजन सप्लाई दी जाएगी.

डॉ ऋृतु बोहरा का बयान

इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई अस्पताल अभी ऑक्सीजन संकट का सामना कर रहे हैं. कुछ में ऑक्सीजन पूरी तरह से समाप्त होना वाली है. मुझे सुबह से अस्पतालों से मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं. सिसोदिया ने हुए कहा कि हम दूसरे अस्पतालों से किसी तरह से उन्हें सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं.

पढ़ें - ऑक्सीजन का संकट : क्या है स्थिति, एक नजर

ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टर्स पर रोक लगाने को लेकर गृहमंत्रालय ने कुछ राज्यों के दबाव में एक परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि, राज्य के बीच मेडिकल ऑक्सीजन के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और परिवहन अधिकारियों को तदनुसार निर्देश दिया जाएगा कि वे अंतर-राज्य में ऑक्सीजन की आवाजाही जारी रखें

कोई प्राधिकारी किसी विशेष जिले (क्षेत्रों) या क्षेत्रों के लिए आपूर्ति करने के लिए गुजरने वाले ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को नहीं रोकेगा.

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