चेन्नई : तमिलनाडु की भाजपा इकाई के अध्यक्ष एल. मुरुगन ने आरोप लगाया कि यहां 'मुरासोली' जमीन के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर द्रमुक उन्हें और उनकी पार्टी को डराने का प्रयास कर रहा है. इसके बाद द्रमुक ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है.
मुरुगन ने कहा कि द्रमुक को सामाजिक न्याय के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके दो सांसदों ने अनुसूचित जाति के लोगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं.
'मुरासोली' कार्यालय की जमीन के बारे में टिप्पणी को लेकर द्रमुक द्वारा उन्हें कानूनी नोटिस भेजे जाने के बारे में उन्होंने कहा कि द्रविड़ों की पार्टी उन्हें और भाजपा को इस मुद्दे पर 'डराने' का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि बहरहाल उन्हें और भगवा दल को इस तरह के हथकंडों से नहीं डराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वह इस तरह के कितने भी नोटिस का सामना कर सकते हैं.
द्रमुक के राज्यसभा सदस्य और मुरासोली न्यास के न्यासी आर एस भारती ने मंगलवार को मुरुगन को नोटिस भेजा.
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द्रमुक के संगठन सचिव भारती ने मुरुगन से अपना बयान वापस लेने के लिए कहा और ऐसा न करने पर एक करोड़ रुपये के दीवानी मुकदमे का सामना करने की चेतावनी दी.
भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह के कदमों पर विचार करने के बजाए द्रमुक को मामले की सच्चाई सामने लानी चाहिए. उन्होंने आश्चर्य जताया कि पार्टी के पास अगर संपत्ति के मूल दस्तावेज हैं, तो वह इसका खुलासा करने में क्यों हिचक रही है.
पिछले वर्ष पीएमके और फिर भाजपा ने आरोप लगाए थे कि द्रमुक के मुखपत्र 'मुरासोली' का कार्यालय जिस स्थान पर है वहां पहले अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए सरकारी छात्रावास था.
आरोप है कि यह 'पंचमी' श्रेणी की जमीन है जिसे अंग्रेजों के समय में अनुसूचित जातियों के लिए आवंटित किया गया था.
बहरहाल, द्रमुक ने दावों से इंकार किया और जमीन का 'पट्टा' जारी किया.