चेन्नई : अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर तुच्छ राजनीतिक कदम उठाया है.
पूर्व मंत्री एमआर विजयभास्कर से संबंधित परिसरों में सतर्कता अधिकारियों द्वारा छापेमारी करने के एक दिन बाद, पार्टी ने द्रमुक सरकार पर 'अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले थोपने संबंधी तुच्छ राजनीतिक कदम उठाने का आरोप लगाया.'
पार्टी के शीर्ष दो नेताओं ओ पनीरसेल्वम (O Panneerselvam) और के पलानीस्वामी (K. Palaniswami) ने एक बयान में कहा कि अगर द्रमुक शासन इस तरह की रणनीति के माध्यम से अन्नाद्रमुक को खत्म करने का सपना देखता है, तो यह केवल एक दिन के सपने के रूप में समाप्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक एक ऐसा आंदोलन है जो इस तरह के 'दमन' के बावजूद और ताकतवर होता गया.
उन्होंने द्रमुक सरकार से 'इस प्रतिगामी कदम को छोड़ने' और ईमानदारी और कुशलता से शासन करने के लिए आगे आने को कहा.
20 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी
गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में गुरुवार को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के अधिकारियों ने अन्नाद्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व परिवहन मंत्री विजयभास्कर के करीब 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
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पार्टी ने इसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया था और कहा था कि 'झूठे वादों के दम पर सत्ता में आई' द्रमुक लोक कल्याण पर नहीं बल्कि विपक्ष के खिलाफ 'प्रतिशोधात्मक कार्रवाई' पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
(पीटीआई-भाषा)