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एडीएमके गठबंधन से बाहर हुआ डीएमडीके, कमल हासन ने बढ़ाया हाथ

विजयकांत की पार्टी डीएमडीके तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ एडीएमके गठबंधन से अलग हो गई है. पार्टी ने सीट बंटवारे की वार्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए गठबंधन से बाहर निकलने का एलान किया.

DMDK
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Published : Mar 9, 2021, 5:35 PM IST

चेन्नई : एडीएमके ने अपने प्रमुख साझेदार पीएमको को 23 और बीजेपी को 20 सीटें दी हैं. हालांकि, डीएमडीके को उसकी अपेक्षित शर्तों के लिए राजी नहीं किया जा सका. इस बीच कमल हासन के एमएनएम ने गठबंधन के लिए डीएमडीके की तरफ हाथ बढ़ाया है.

एमएनएम के उपाध्यक्ष पोनराज ने अपने आवास में डीएमडीके प्रमुख विजयकांत से मिलने का समय निर्धारित किया है. डीएमडीके ने पहली बार 2011 के विधानसभा चुनाव में एडीएमके के साथ गठबंधन किया था. जिससे डीएमके को निर्णायक जनादेश की वजह से सत्ता से बाहर होना पड़ा, क्योंकि तब गठबंधन को 234 सीटों में से 203 सीटें मिली थीं.

विजयकांत 2011 में विपक्ष के नेता के रूप में उभरे, क्योंकि पार्टी ने डीएमके से छह से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की और विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. 2016 के विधानसभा चुनाव में डीएमके और एडीएमके के विकल्प के रूप में पीडब्ल्यूए (पब्लिक वेलफेयर अलायंस) के नाम से एक गठबंधन बनाया. इस बीच गठबंधन विनाशकारी रूप से विफल रहा और 234 में से एक भी सीट नहीं जीत पाया.

यह भी पढ़ें-पीएम ने किया 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन, बोले- त्रिपुरा में डबल इंजन की सरकार में आए बदलाव

2019 के लोक सभा चुनावों के बाद डीएमडीके ने फिर से एनडीए गठबंधन के तहत एडीएमके के साथ गठबंधन किया. इसने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और हर सीट पर उसे भारी नुकसान हुआ.

चेन्नई : एडीएमके ने अपने प्रमुख साझेदार पीएमको को 23 और बीजेपी को 20 सीटें दी हैं. हालांकि, डीएमडीके को उसकी अपेक्षित शर्तों के लिए राजी नहीं किया जा सका. इस बीच कमल हासन के एमएनएम ने गठबंधन के लिए डीएमडीके की तरफ हाथ बढ़ाया है.

एमएनएम के उपाध्यक्ष पोनराज ने अपने आवास में डीएमडीके प्रमुख विजयकांत से मिलने का समय निर्धारित किया है. डीएमडीके ने पहली बार 2011 के विधानसभा चुनाव में एडीएमके के साथ गठबंधन किया था. जिससे डीएमके को निर्णायक जनादेश की वजह से सत्ता से बाहर होना पड़ा, क्योंकि तब गठबंधन को 234 सीटों में से 203 सीटें मिली थीं.

विजयकांत 2011 में विपक्ष के नेता के रूप में उभरे, क्योंकि पार्टी ने डीएमके से छह से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की और विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. 2016 के विधानसभा चुनाव में डीएमके और एडीएमके के विकल्प के रूप में पीडब्ल्यूए (पब्लिक वेलफेयर अलायंस) के नाम से एक गठबंधन बनाया. इस बीच गठबंधन विनाशकारी रूप से विफल रहा और 234 में से एक भी सीट नहीं जीत पाया.

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2019 के लोक सभा चुनावों के बाद डीएमडीके ने फिर से एनडीए गठबंधन के तहत एडीएमके के साथ गठबंधन किया. इसने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और हर सीट पर उसे भारी नुकसान हुआ.

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