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बाबा रामदेव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, Supreme Court में याचिका दायर

बाबा रामदेव और मेडिकल एसोसिएशन के बीच का विवाद हाल-फिलहाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अब दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है और बाबा रामदेव के बयानों को संज्ञान में लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.

SUPREME COURT, Delhi Medical Association
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 3, 2021, 4:41 PM IST

नई दिल्ली: मेडिकल एसोसिएशन और बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बीच का विवाद शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है. अब दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव के खिलाफ याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 (COVID-19) का इलाज करने वाले एलोपैथ डॉक्टरों (Allopathic Doctor) के खिलाफ बाबा रामदेव ने कई बार आपत्तिजनक बयान दिए हैं. याचिका में बाबा रामदेव के बयानों को संज्ञान में लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.

एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में बताया गया है कि कोविड-19 के टीके और केंद्र सरकार की ओर से मंजूर कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल के खिलाफ बाबा रामदेव ने झूठा प्रचार किया. इसके पीछे बाबा रामदेव का उद्देश्य रहा कि उनकी कंपनी पतंजलि के उत्पादों जैसे कोरोनिल, स्वरसारी वटी और अनु तनिला की बिक्री को बढ़ावा मिल सके.

पढ़ें: बाबा रामदेव एलोपैथी पर दिए अपने बयान की मूल रिकॉर्ड पेश करें : सुप्रीम कोर्ट

इसके लिए रामदेव की ओर से कई बार आईसीएमआर, एआईएमएस और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्धारित इलाज और वैक्सीन के खिलाफ बयान दिए गए थे. यही नहीं रामदेव ने डॉक्टरों को दवा कंपनियों और ड्रग माफियाओं का एजेंट तक बता दिया था और कहा ​था कि अपने फायदे के लिए ये लोगों की जान ले रहे हैं.

डीएमए ने बताया कि हकीकत ये है कि कोरोना काल में डॉक्टरों ने पिछले 15 महीनों में प्रतिदिन लगभग 18 घंटे प्रतिदिन बिना किसी ब्रेक के काम किया है. इस दौरान कोविड-19 से पीड़ित रोगियों को सर्वोत्तम उपचार देने के लिए हर संभव प्रयास किया. बताते चलें कि इससे पहले सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी किया था और संभावना है कि अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है.

नई दिल्ली: मेडिकल एसोसिएशन और बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बीच का विवाद शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है. अब दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव के खिलाफ याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 (COVID-19) का इलाज करने वाले एलोपैथ डॉक्टरों (Allopathic Doctor) के खिलाफ बाबा रामदेव ने कई बार आपत्तिजनक बयान दिए हैं. याचिका में बाबा रामदेव के बयानों को संज्ञान में लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.

एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में बताया गया है कि कोविड-19 के टीके और केंद्र सरकार की ओर से मंजूर कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल के खिलाफ बाबा रामदेव ने झूठा प्रचार किया. इसके पीछे बाबा रामदेव का उद्देश्य रहा कि उनकी कंपनी पतंजलि के उत्पादों जैसे कोरोनिल, स्वरसारी वटी और अनु तनिला की बिक्री को बढ़ावा मिल सके.

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इसके लिए रामदेव की ओर से कई बार आईसीएमआर, एआईएमएस और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्धारित इलाज और वैक्सीन के खिलाफ बयान दिए गए थे. यही नहीं रामदेव ने डॉक्टरों को दवा कंपनियों और ड्रग माफियाओं का एजेंट तक बता दिया था और कहा ​था कि अपने फायदे के लिए ये लोगों की जान ले रहे हैं.

डीएमए ने बताया कि हकीकत ये है कि कोरोना काल में डॉक्टरों ने पिछले 15 महीनों में प्रतिदिन लगभग 18 घंटे प्रतिदिन बिना किसी ब्रेक के काम किया है. इस दौरान कोविड-19 से पीड़ित रोगियों को सर्वोत्तम उपचार देने के लिए हर संभव प्रयास किया. बताते चलें कि इससे पहले सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी किया था और संभावना है कि अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है.

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