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मिजोरम-असम की सीमा पर बढ़ा विवाद, जमीन पर अतिक्रमण का लगाया आरोप

मिजोरम और असम ने एक-दूसरे की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया है, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 30, 2021, 4:22 PM IST

मिजोरम-असम
मिजोरम-असम

आइजोल/हैलाकांडी : अमस और मिजोरम के अधिकारियों ने एक-दूसरे की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है.

मिजोरम ने बुधवार को जहां असम पर सीमा से लगे कोलासिब जिले में उसकी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया तो दूसरी ओर असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर असम में हैलाकांडी के अंदर कथित तौर पर दस किलोमीटर की दूरी पर संरचनाओं के निर्माण और सुपारी तथा केले के पौधे लगाने के आरोप लगाए.

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि वह सभी सीमावर्ती राज्यों के साथ समझौते पर काम कर रहे हैं.

कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक वनलालफाका राल्ते ने दावा किया कि असम के हैलाकांडी जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में सौ से अधिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मिजोरम के इलाके में घुस आए हैं और मंगलवार से वहां डेरा डाले हुए हैं.

उन्होंने कहा कि यह इलाका मिजोरम का है और असम के करीमगंज जिले की सीमा से लगे कोलासिब के वैरेंगते गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित है. इस इलाके को स्थानीय स्तर पर ऐतलांग हनार (ऐतलांग नदी का स्रोत) के रूप में जाना जाता है.

हालांकि, कतलीचेरा से एआईयूडीएफ के विधायक सुजामुद्दीन लस्कर ने आरोप लगाया कि मिजोरम के निवासियों ने ढोलचेरा-फैसेन सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऐसनंगलॉन गांवों के चुनिनुल्ला में लगभग दस किलोमीटर असम की भूमि का अतिक्रमण किया है.

असम सरकार के अधिकारियों ने कहा कि हैलाकांडी से एक टीम सीमा पर पहुंची, लेकिन मिजो अतिक्रमणकारियों ने उन्हें रोक दिया और वापस लौटने के लिए मजबूर किया. इस टीम में डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर मुंताज अली, बॉर्डर डीएसपी निर्मल घोष और अन्य शामिल थे.

राल्ते ने कहा कि वैरेंगते के निवासी इस इलाके में खेती करते हैं और उनका दावा है कि यह इलाका पुरातन समय से मिजोरम का हिस्सा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि असम से कई जिला अधिकारी और पुलिसकर्मी मंगलवार को इलाके में पहुंचे और उन्होंने जबरन वहां कब्जा कर लिया.

पढ़ें :- मिजोरम : असम राइफल्स ने डेटोनेटर और विस्फोटक किया जब्त, एक गिरफ्तार

इस समय इलाके में मौजूद राल्ते ने कहा, यह पड़ोसी राज्य का पूरी तरह आक्रामक व्यवहार है, क्योंकि यह इलाका मिजोरम का है. सशस्त्र कर्मियों के हमले के डर से स्थानीय किसानों को वहां से भागना पड़ा.

राल्ते ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिलने पर मिजोरम के उपमंडलीय अधिकारी के नेतृत्व में जिले के अधिकारी और पुलिसकर्मी हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को घटनास्थल पहुंचे.

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मंगलवार को घटनास्थल पर वार्ता की, लेकिन असम के अधिकारियों ने इलाके से हटने से इनकार कर दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचे वैरेंगते के निवासियों को घर वापस भेज दिया गया है, ताकि हिंसा न भड़के.

कोलासिब के उपायुक्त एच. ललथलांगलियाना भी इलाके में हैं. मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है और इससे निपटने के लिए 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ.

(पीटीआई-भाषा)

आइजोल/हैलाकांडी : अमस और मिजोरम के अधिकारियों ने एक-दूसरे की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है.

मिजोरम ने बुधवार को जहां असम पर सीमा से लगे कोलासिब जिले में उसकी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया तो दूसरी ओर असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर असम में हैलाकांडी के अंदर कथित तौर पर दस किलोमीटर की दूरी पर संरचनाओं के निर्माण और सुपारी तथा केले के पौधे लगाने के आरोप लगाए.

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि वह सभी सीमावर्ती राज्यों के साथ समझौते पर काम कर रहे हैं.

कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक वनलालफाका राल्ते ने दावा किया कि असम के हैलाकांडी जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में सौ से अधिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मिजोरम के इलाके में घुस आए हैं और मंगलवार से वहां डेरा डाले हुए हैं.

उन्होंने कहा कि यह इलाका मिजोरम का है और असम के करीमगंज जिले की सीमा से लगे कोलासिब के वैरेंगते गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित है. इस इलाके को स्थानीय स्तर पर ऐतलांग हनार (ऐतलांग नदी का स्रोत) के रूप में जाना जाता है.

हालांकि, कतलीचेरा से एआईयूडीएफ के विधायक सुजामुद्दीन लस्कर ने आरोप लगाया कि मिजोरम के निवासियों ने ढोलचेरा-फैसेन सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऐसनंगलॉन गांवों के चुनिनुल्ला में लगभग दस किलोमीटर असम की भूमि का अतिक्रमण किया है.

असम सरकार के अधिकारियों ने कहा कि हैलाकांडी से एक टीम सीमा पर पहुंची, लेकिन मिजो अतिक्रमणकारियों ने उन्हें रोक दिया और वापस लौटने के लिए मजबूर किया. इस टीम में डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर मुंताज अली, बॉर्डर डीएसपी निर्मल घोष और अन्य शामिल थे.

राल्ते ने कहा कि वैरेंगते के निवासी इस इलाके में खेती करते हैं और उनका दावा है कि यह इलाका पुरातन समय से मिजोरम का हिस्सा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि असम से कई जिला अधिकारी और पुलिसकर्मी मंगलवार को इलाके में पहुंचे और उन्होंने जबरन वहां कब्जा कर लिया.

पढ़ें :- मिजोरम : असम राइफल्स ने डेटोनेटर और विस्फोटक किया जब्त, एक गिरफ्तार

इस समय इलाके में मौजूद राल्ते ने कहा, यह पड़ोसी राज्य का पूरी तरह आक्रामक व्यवहार है, क्योंकि यह इलाका मिजोरम का है. सशस्त्र कर्मियों के हमले के डर से स्थानीय किसानों को वहां से भागना पड़ा.

राल्ते ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिलने पर मिजोरम के उपमंडलीय अधिकारी के नेतृत्व में जिले के अधिकारी और पुलिसकर्मी हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को घटनास्थल पहुंचे.

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मंगलवार को घटनास्थल पर वार्ता की, लेकिन असम के अधिकारियों ने इलाके से हटने से इनकार कर दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचे वैरेंगते के निवासियों को घर वापस भेज दिया गया है, ताकि हिंसा न भड़के.

कोलासिब के उपायुक्त एच. ललथलांगलियाना भी इलाके में हैं. मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है और इससे निपटने के लिए 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ.

(पीटीआई-भाषा)

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