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Callers Name on Mobile: तो बार-बार कॉल करके कोई नहीं कर पायेगा तंग

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Published : Nov 30, 2022, 9:18 AM IST

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है.

Telecom Regulatory Authority of India
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण

नई दिल्ली: बार-बार परेशान करने वाली अवांछित फोन कॉल पर लगाम लगाने की पहल के तौर पर मोबाइल पर कॉल करने वाले का नाम प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लेकर सार्वजनिक परामर्श का दौर ट्राई ने शुरू कर दिया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है. इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसंबर तक विचार आमंत्रित किए गए हैं. उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे.

पढ़ें: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरपर्सन विक्रम किर्लोस्कर का निधन

अभी तक ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी एंड एंटी-स्पैम जैसे मोबाइल ऐप की मदद से मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते हैं. लेकिन इन ऐप पर नजर आने वाले नाम पूरी तरह भरोसेमंद स्रोत पर आधारित नहीं होते हैं. ट्राई के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान जान सकेगा. इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी एवं व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: बार-बार परेशान करने वाली अवांछित फोन कॉल पर लगाम लगाने की पहल के तौर पर मोबाइल पर कॉल करने वाले का नाम प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लेकर सार्वजनिक परामर्श का दौर ट्राई ने शुरू कर दिया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है. इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसंबर तक विचार आमंत्रित किए गए हैं. उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे.

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अभी तक ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी एंड एंटी-स्पैम जैसे मोबाइल ऐप की मदद से मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते हैं. लेकिन इन ऐप पर नजर आने वाले नाम पूरी तरह भरोसेमंद स्रोत पर आधारित नहीं होते हैं. ट्राई के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान जान सकेगा. इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी एवं व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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