नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक अब उपराज्यपाल के खिलाफ मुखर हो गए हैं. AAP के विधायकों ने दिल्ली विधानसभा में भी उपराज्यपाल की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. इसी दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि एलजी कबीले के सरकार की तरह शासन चलाना चाहते हैं. असंवैधानिक तरीके से सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं. सदन में एकमत से इस बात पर सभी ने माना है. वे कबीले के सरदार की तरह मनमर्जी चला रहे हैं.
चर्चा के अंत में सिसोदिया ने कहा कि वह दिल्ली के एलजी हैं और एलजी क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं, यह पूरी व्यवस्था संविधान में लिखित तौर पर है. एलजी साहब संविधान को नकार रहे हैं. वह अपनी मर्जी से सिस्टम को चलाना चाहते हैं. जैसे एक कबीला अपना शासन चलाता है. मैं एलजी साहब से रिक्वेस्ट करूंगा कि आप संविधान को मानना शुरू करें.
बता दें, बुधवार को दिल्ली विधानसभा में अल्पकालिक चर्चा के दौरान विधायकों ने उपराज्यपाल की कार्यशैली पर अपनी बात रखी. उपराज्यपाल पद पर आसीन होने से लेकर अब तक लिए गए फैसलों से सुर्खियों में रहने वाले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की दिल्ली सरकार के खिलाफ फैसलों और कार्यों पर विधायकों ने रोष जताया. अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने की.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि फिलहाल निगम में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो या फिर 10 पार्षदों का मनोनीत करने की बात, उपराज्यपाल ने संविधान को ताख पर रखकर काम किया है. यह सब नियुक्ति पहले भी होती थी, लेकिन इसमें सरकार के पास नाम भेजे जाते थे, फिर वह नाम उपराज्यपाल के पास भेजा जाता था. अगर उपराज्यपाल को किसी नाम से असहमति होती थी तो वे उसमें बदलाव करते थे और यह फिर अंतिम माना जाता था. लेकिन मौजूदा एलजी चुनी हुई सरकार को बाईपास करते हुए सीधे फैसले ले रहे हैं, यह गलत है.
चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि हज कमेटी के गठन में भी बिना मंत्री और सरकार के उपराज्यपाल ने नाम तय कर दिए. इतना ही नहीं कांग्रेस की दानिश ने पार्षद पद की शपथ भी नहीं ली, लेकिन उसे हज कमेटी में सदस्य बनाया गया, यह गलत है.