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पंजाब में हार पर कांग्रेस में कलह, सुनील जाखड़ ने अंबिका सोनी पर साधा निशाना

विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंजाब कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने मुखरता से विरोध शुरू कर दिया है. उन्होंने इशारों में इस हार के लिए अंबिका सोनी पर निशाना साधा, जिनकी पैरवी के कारण राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया था.

Sunil Jakhar targets Ambika Soni
Sunil Jakhar targets Ambika Soni
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Published : Mar 14, 2022, 1:46 PM IST

नई दिल्ली : 2022 के विधानसभा में हार के बाद पंजाब कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने खुले तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी की पैरवी करने वाली नेता अंबिका सोनी को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने केंद्रीय नेताओं के सामने चन्नी को धरोहर के तौर पर पेश किया था, वह अब पार्टी के लिए भार बन गए. चन्नी उनके लिए व्यक्तिगत खजाना हो सकते हैं, पार्टी के लिए नहीं. उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि शुक्र है कि चरणजीत सिंह चन्नी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया गया है.

  • An asset - r u joking ?

    Thank God he wasn’t declared a
    ‘National Treasure'
    at CWC by the 'Pbi' lady who proposed him as CM in first place

    May be an asset for her but for the party he has been only a liability. Not the top brass,but his own greed pulled him and the party down pic.twitter.com/Lnf6vJgRzF

    — Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) March 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुनील जाखड़ ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के दिनों में जिस तरह की चाटुकारिता दिखाई गई, उसे देखकर निराशा हुई. रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ नेता जो 30 साल तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, कांग्रेस वर्किंग कमिटी में पंजाब की आवाज होने का दावा कर रहे हैं और पार्टी आलाकमान को धोखा दे रहे हैं. अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे. अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद अंबिका सोनी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने की वकालत की थी और लगातार राज्यसभा सांसद रही हैं.

कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब के लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन जिस व्यक्ति को बदलाव का चेहरा बनाया गया, उससे पार्टी को नुकसान हुआ. पंजाब में इलाज बीमारी से ज्यादा बुरा साबित हुआ. बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सुनील जाखड़ ने यह खुलासा किया था कि वह हिंदू होने की वजह से राज्य के सीएम नहीं बन पाए.

चुनाव के नतीजे आने के बाद भी कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी की हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व के उस फैसले को जिम्मेदार बताया था, जिसके तहत चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनाए गए थे. एक चैनल से बातचीत के दौरान भी उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो राज्य में बदलाव की आंधी रुक जाती. उन्होंने कहा था कि कुछ महीनों पहले बीमारी का आकलन सही किया गया लेकिन दवाई गलत थी. चेहरा बदला, छवि नहीं बदल पाए. जिसे कमान दी गई, उसे लोगों ने स्वीकार नहीं किया.

पढ़ें : पंजाब के नए सीएम के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ए वेणु प्रसाद ने संभाला कामकाज

नई दिल्ली : 2022 के विधानसभा में हार के बाद पंजाब कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने खुले तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी की पैरवी करने वाली नेता अंबिका सोनी को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने केंद्रीय नेताओं के सामने चन्नी को धरोहर के तौर पर पेश किया था, वह अब पार्टी के लिए भार बन गए. चन्नी उनके लिए व्यक्तिगत खजाना हो सकते हैं, पार्टी के लिए नहीं. उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि शुक्र है कि चरणजीत सिंह चन्नी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया गया है.

  • An asset - r u joking ?

    Thank God he wasn’t declared a
    ‘National Treasure'
    at CWC by the 'Pbi' lady who proposed him as CM in first place

    May be an asset for her but for the party he has been only a liability. Not the top brass,but his own greed pulled him and the party down pic.twitter.com/Lnf6vJgRzF

    — Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) March 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुनील जाखड़ ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के दिनों में जिस तरह की चाटुकारिता दिखाई गई, उसे देखकर निराशा हुई. रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ नेता जो 30 साल तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, कांग्रेस वर्किंग कमिटी में पंजाब की आवाज होने का दावा कर रहे हैं और पार्टी आलाकमान को धोखा दे रहे हैं. अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे. अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद अंबिका सोनी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने की वकालत की थी और लगातार राज्यसभा सांसद रही हैं.

कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब के लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन जिस व्यक्ति को बदलाव का चेहरा बनाया गया, उससे पार्टी को नुकसान हुआ. पंजाब में इलाज बीमारी से ज्यादा बुरा साबित हुआ. बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सुनील जाखड़ ने यह खुलासा किया था कि वह हिंदू होने की वजह से राज्य के सीएम नहीं बन पाए.

चुनाव के नतीजे आने के बाद भी कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी की हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व के उस फैसले को जिम्मेदार बताया था, जिसके तहत चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनाए गए थे. एक चैनल से बातचीत के दौरान भी उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो राज्य में बदलाव की आंधी रुक जाती. उन्होंने कहा था कि कुछ महीनों पहले बीमारी का आकलन सही किया गया लेकिन दवाई गलत थी. चेहरा बदला, छवि नहीं बदल पाए. जिसे कमान दी गई, उसे लोगों ने स्वीकार नहीं किया.

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