नागपुर : मुंबई में रात भर हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं में 20 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इस हादसे के बाद एक बार फिर आम लोगों की सुरक्षा और जर्जर इमारतों को लेकर सरकार के रूख पर सवाल खड़ा हुए हैं. इसी बीच उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री विजय वाडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने कहा है कि सरकार नागपुर के समीप 1600 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक आपदा मोचन केंद्र का निर्माण कराएगी.
उन्होंने कहा कि यह केंद्र त्वरित आपदा और चक्रवात पर अलर्ट जारी करेगा और बारिश तथा अन्य आपदाओं के कारण कृषि को हुए नुकसान का नक्शा तैयार करने और सर्वेक्षण करने में मदद करेगा. वडेट्टीवार ने कहा, '1600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मिहान में 10 एकड़ के भूखंड पर राज्य आपदा मोचन केंद्र बनेगा.'
बकौल वाडेट्टीवार, मिहान में प्रस्तावित 'राज्य आपदा मोचन केंद्र' (State Disaster Response Centre) आपदा और चक्रवात पर अलर्ट देगा, साथ ही बारिश और अन्य आपदाओं के कारण कृषि को हुए नुकसान का नक्शा तैयार करने और सर्वेक्षण में मदद करेगा. एक सलाहकार नियुक्त किया गया है और परियोजना के डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है.'
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अधिकारियों ने बताया कि महानगर के माहुल में चहारदीवारी का एक हिस्सा गिरने से जहां 17 लोगों की मौत हुई, वहीं विखरोली में सात और भांडुप में एक व्यक्ति की मौत हुई. वडेट्टीवार ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान चेंबूर (माहुल) में 14, विखरोली में छह और भांडुप में एक व्यक्ति की मौत की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुंबई में भारी बारिश के बाद पहाड़ियों आदि पर रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन अक्सर लोग ऐसी चेतावनी को नजरअंदाज कर सुरक्षित स्थानों पर जाने से इनकार कर देते हैं.
(पीटीआई-भाषा)