कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां (Tmc mp Nusrat Jahan) ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से 24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उस रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है जिस पर वरिष्ठ नागरिकों को पूर्वी कोलकाता के न्यू टाउन में फ्लैट देने का वादा कर धोखाधड़ी करने का आरोप है. नुसरत ने किसी फर्जीवाड़े में शामिल होने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कंपनी के निदेशक पद से मार्च 2017 में ही इस्तीफा दे दिया था.
वरिष्ठ नागरिकों के एक समूह ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि रियल एस्टेट कंपनी ने न्यू टाउन इलाके में फ्लैट देने का वादा कर उनसे धोखाधड़ी की है. शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शंखुदेब पांडा के साथ गए थे जिन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी तो प्रदर्शन किए जाएंगे. मीडिया से बात करते हुए नुसरत जहां ने कहा कि मैं यहां सफाई देने नहीं आई हूं क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. 'मीडिया ट्रायल' हो रहा है. मैं किसी गलत काम या धोखधड़ी में संलिप्त नहीं हूं. मैंने मार्च 2017 में ही उक्त कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्यों गलत तरीके से मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं.' उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पांडा ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, मैं जिस कंपनी से जुड़ी थी, उससे मैंने 1 करोड़ 16 लाख 30 हजार 285 रुपये का लोन लिया. उस पैसे से मैंने एक घर खरीदा. वहीं 6 मई 2017 को मैंने ब्याज सहित 1 करोड़ 40 लाख 71 हजार 995 रुपये कंपनी को लौटा दिए. मेरे पास बैंक के दस्तावेज भी हैं. मैं 300 प्रतिशत चुनौती दे सकता हूं कि मैं भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हूं. हालांकि पत्रकारों के सवालों की बौछार से नुसरत अपना आपा खो बैठीं और गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चली गईं.इससे पहले उन्होंने कहा कि मैंने टेलीविजन चैनलों को टीआरपी बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार में मेरा नाम लेते देखा है, लेकिन मैं कहूंगी कि कानून अपना काम करेगा.
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