धुले (महाराष्ट्र) : आदिवासी दिवस पर बैनर फाड़ने के विवाद में दो गुटों के बीच विवाद हो गया. वहीं विवाद के बढ़ जाने के बाद उग्र भीड़ ने हिंसा का रूप ले लिया. इस दौरान आठ गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. झड़प के बाद पथराव और तोड़फोड़ में तीन पुलिस अधिकारी समेत 15 जवान घायल हो गए. मामले में अब तक 20 संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया. इस घटना में चार नागरिक भी घायल हो गए हैं, जिनका विभिन्न जगहों पर इलाज किया जा रहा है. मामले में 200 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
घटना के बारे में बताया जाता है कि 9 अगस्त को क्रांति दिवस पर आदिवासियों और ठेलारी समुदाय के बीच झड़प हुई. यह विवाद धुले जिले के चरणपाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस का बैनर फाड़ने को लेकर हुआ था. इस दौरान पथराव कर रास्ता जाम कर दिया गया था. इसी क्रम में 10 अगस्त की दोपहर को विधायक काशीराम पावरा कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ विवाद सुलझाने मौके पर पहुंचे थे. इस दौरान सड़क के दोनों ओर भीड़ लगी थी.
लेकिन विधायक आदिवासियों से पहले मिले बिना दूसरे समूह से मिलने चले गए तो आदिवासी भीड़ उग्र होने के साथ हिंसक हो गई. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने विधायक की गाड़ी में तोड़फोड़ कर उसे पलट दिया. वहीं दोपहर से रात 10 बजे तक पथराव और तोड़फोड़ का दौर चलता रहा. दोनों गुटों के बीच हुए विवाद के बाद इस जगह पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है. वहीं शिरपुर सहित शिंदखेड़ा, सकरी, धुले तालुका के पुलिस अधिकारी मौके पर डेरा डाले हुए हैं.
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