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मठ में हुआ धूल रोट कार्यक्रम, साधु-संतों ने महंत नरेंद्र गिरी को किया याद

यूपी के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद शुक्रवार को धूल रोट का आयोजन किया गया. देश के कई हिस्सों से साधु-संत शामिल हुए. बता दें कि महंत की समाधि देने के तीसरे दिन धूल रोट का आयोजन होता है.

मठ में हुआ धूल रोट कार्यक्रम
मठ में हुआ धूल रोट कार्यक्रम
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Published : Sep 24, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 3:42 PM IST

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद शुक्रवार को धूल रोट का आयोजन किया गया. महंत को समाधि देने के तीसरे दिन धूल रोट का आयोजन किया जाता है. मठ बाघम्बरी गद्दी में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी तेरह अखाड़ों से जुड़े साधु-संत शामिल हुए. इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु भी धूल रोट में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे.

धूल रोट में सवा किलो आंटे की बनती है एक रोटी
धूल रोट कार्यक्रम में सवा किलो आंटे की एक रोटी बनायी गई. जिसके बाद उसे घी, चीनी और मेवा के साथ मिलाकर कूटकर चूरमा बनाया गया. उसी चूरमे का महंत नरेंद्र गिरी की समाधि पर भोग लगाया गया. भोग लगाने से पहले उनकी समाधि स्थल पर विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करके आरती उतारी गयी. पूजा और भोग के बाद उसी चूरमे का प्रसाद सभी को दिया गया.

देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत

आज से मठ की रसोई में बनने लगेगा कच्चा भोजन

महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद से रसोई में कच्चा भोजन नहीं बन रहा था. धूल रोट कार्यक्रम के बाद से कच्चा भोजन यानी कि दाल-चावल बनने लगेगा, जिसे यहां पहुंचने वाले संत खाएंगे. शाम से समाधि स्थल पर अखंड दीपक जलाया जाएगा. इस दीपक को जलाने के बाद से समाधि स्थल पर पूजा के साथ ही भोग लगाया जाएगा. जिस तरह से भगवान की पूजा आरती की जाती है. उसी तरह से समाधि स्थल पर भी पूजा पाठ किया जाएगा.

पढ़ें- नरेंद्र गिरि सुसाइड मामला : महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने उठाए कई सवाल, अखाड़ा परिषद की टीम 16 दिन में करेगी गुप्त जांच

पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड केस: पहला वीडियो आया सामने, पुलिस पहुंची तो यह था नजारा

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद शुक्रवार को धूल रोट का आयोजन किया गया. महंत को समाधि देने के तीसरे दिन धूल रोट का आयोजन किया जाता है. मठ बाघम्बरी गद्दी में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी तेरह अखाड़ों से जुड़े साधु-संत शामिल हुए. इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु भी धूल रोट में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे.

धूल रोट में सवा किलो आंटे की बनती है एक रोटी
धूल रोट कार्यक्रम में सवा किलो आंटे की एक रोटी बनायी गई. जिसके बाद उसे घी, चीनी और मेवा के साथ मिलाकर कूटकर चूरमा बनाया गया. उसी चूरमे का महंत नरेंद्र गिरी की समाधि पर भोग लगाया गया. भोग लगाने से पहले उनकी समाधि स्थल पर विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करके आरती उतारी गयी. पूजा और भोग के बाद उसी चूरमे का प्रसाद सभी को दिया गया.

देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत

आज से मठ की रसोई में बनने लगेगा कच्चा भोजन

महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद से रसोई में कच्चा भोजन नहीं बन रहा था. धूल रोट कार्यक्रम के बाद से कच्चा भोजन यानी कि दाल-चावल बनने लगेगा, जिसे यहां पहुंचने वाले संत खाएंगे. शाम से समाधि स्थल पर अखंड दीपक जलाया जाएगा. इस दीपक को जलाने के बाद से समाधि स्थल पर पूजा के साथ ही भोग लगाया जाएगा. जिस तरह से भगवान की पूजा आरती की जाती है. उसी तरह से समाधि स्थल पर भी पूजा पाठ किया जाएगा.

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Last Updated : Sep 24, 2021, 3:42 PM IST
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