धनबाद: शराब पीकर ड्राइविंग करने की वजह से सड़क हादसे आम हैं. धनबाद के तीन इंजीनियरों ने इस समस्या का नायाब हल ढूंढ निकाला है. उन्होंने ऐसी तकनीक की खोज की है, जो न सिर्फ शराबियों को गाड़ी ड्राइव करने से रोकेगी बल्कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों (Road accidents deaths) पर भी विराम लगाने में कारगर साबित होगी. कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (Bharat Coking Coal Limited BCCL) में काम करने वाले इंजीनियर अजीत यादव ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर एक डिवाइस तैयार किया है जिसका नाम है 'सेफ्टी सिस्टम अगेंस्ट अल्कोहल इन व्हीकल'.
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कैसे काम करता है यह डिवाइस: सेफ्टी सिस्टम अगेंस्ट अल्कोहल इन व्हीकल (Safety System Against Alcohol In Vehicle) को किसी भी गाड़ी के ड्राइविंग सीट के सामने लगाया जा सकता है. यह डिवाइस ड्राइविंग सीट पर बैठने वाले शख्स की सांस को सेंसर के जरिए पकड़ लेती है. यदि किसी व्यक्ति ने शराब पी रखी है तो डिवाइस गाड़ी को स्टार्ट ही नहीं होने देगी और यदि गाड़ी का इंजन पहले से स्टार्ट हो और इसके बाद ड्राइविंग सीट पर कोई व्यक्ति शराब पीकर बैठता है तो इंजन खुद ब खुद बंद हो जाएगा. गाड़ी में लगा सेंसर सांस के जरिये शराबियों को पहचान लेगा और फिर गाड़ी का इंजन काम करना बंद कर देगा.
डिवाइस को अपग्रेड करने की तैयारी: इस डिवाइस को बनाने वाले तीनों इंजीनियर बीसीसीएल में काम करते हैं. जिनके नाम हैं अजीत, मनीष और सिद्धार्थ. इन्होंने पाया कि कोयला क्षेत्र में ट्रांसपोर्टिंग करने वाली गाड़ियों की दुर्घटनाओं में ज्यादातर मामलों में ड्राइवर के शराब के नशे में होने की बात सामने आती है. तभी इन्होंने तय किया कि कोई ऐसी तकनीक विकसित की जाए, जिससे ड्राइवर को शराब पीने से रोका जा सके. इनकी कोशिश इस डिवाइस को अपग्रेड करने की भी है ताकि गाड़ी चलाते वक्त नींद आने या फिर पलक झपकने की वजह से होने वाले हादसों को भी रोका जा सके.
परीक्षण के लिए भेजा गया डिवाइस: फिलहाल इस डिवाइस को आगे के परीक्षण के लिए DGMS (Directorate General Of Mines Safety) के पास भेजा गया है. इन्हें उम्मीद है कि कंपनी की पहल पर केंद्र सरकार जल्द ही इसे अप्रूव करेगी जिसके बाद इसका इस्तेमाल कार समेत सभी बड़ी गाड़ियों में हो सकेगा. वहीं इस आविष्कार को लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने काफी सराहना की है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर हादसे शराब के नशे के कारण हो रही है. इस डिवाइस के इस्तेमाल से काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी. वाहनों में इसके इस्तेमाल के लिए प्रचार प्रसार के लिए एक अभियान चलाने की बात परिवहन पदाधिकारी ने कही है. यकीनन ये डिवाइस देखने में छोटा है लेकिन बड़े काम की चीज है. अगर इस तकनीक का इस्तेमाल गाड़ियों में किया जाए तो यकीनन न सिर्फ हादसे कम होंगे बल्कि हादसों में होने वाली मौतों को भी रोका जा सकेगा.