देहरादून: उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ, वाराणसी, अयोध्या और मध्य प्रदेश के महाकाल उज्जैन की तर्ज पर हरिद्वार और ऋषिकेश का पुनर्विकास किया जाएगा. इसके लिए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना पर उत्तराखंड सरकार काम करने जा रही है. दरअसल, धार्मिक पर्यटन के लिहाज से हरिद्वार और ऋषिकेश काफी महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि हरिद्वार और ऋषिकेश को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.
धार्मिक पर्यटक क्षेत्र के लिहाज से हरिद्वार एक महत्वपूर्ण स्थल है. यहां महाकुंभ, अर्धकुंभ, कावड़ यात्रा के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार हरिद्वार के पुनर्विकास को लेकर रोडमैप तैयार कर रही है. जिससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को बनाया जा सके. इसी क्रम में योग नगरी ऋषिकेश को भी विकसित किया जाएगा.
![Haridwar Rishikesh Ganga Corridor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-08-2023/19180408_hari.jpg)
पढ़ें- महाकुंभ 2021: लोक परंपरा और संस्कृति के रंगों से सराबोर हुआ हरिद्वार, देखें तस्वीरें
उत्तराखंड सरकार, उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ, वाराणसी, अयोध्या और मध्य प्रदेश के उज्जैन की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर को तैयार करने जा रही है. इसमें हरिद्वार में देवीपुरा से भूपतवाला (दूधाधारी चौक), हर की पैड़ी से 1.5 किमी की परिधि का क्षेत्र, कनखल क्षेत्र (दक्ष मन्दिर एवं संयास रोड), भूपतवाला से सप्तऋषि आश्रम (भारत माता मन्दिर क्षेत्र) का क्षेत्र शामिल है. ऋषिकेश में तपोवन का सम्पूर्ण क्षेत्र, रेलवे स्टेशन के पास का क्षेत्र, आईएसबीटी के पास का क्षेत्र के साथ ही त्रिवेणी घाट के क्षेत्र को परियोजना में सम्मिलित किया गया है.
![Haridwar Rishikesh Ganga Corridor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-08-2023/19180408_ri.jpg)
पढ़ें- कांवड़ियों के सैलाब से पट गया हरिद्वार, आंकड़ा पहुंचा 3 करोड़ के पार
हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए दोनों शहरों के मास्टर प्लानर की नियुक्ति की जानी है. इसके साथ ही इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए संस्थागत व्यवस्था के तहत हरिद्वार- ऋषिकेश पुनर्विकास कम्पनी लिमिटेड (HRRDCL) नाम से स्पेशल परपोज व्हीकल (SPV) का गठन किया जायेगा. परियोजना की प्रशासनिक, वित्तीय और तकनीकी स्वीकृति के साथ ही परियोजना के अनुपालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (High Power Steering committee) भी गठित की जायेगी.
![Haridwar Rishikesh Ganga Corridor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-08-2023/19180408_kgkg.jpg)
पढ़ें- बैसाखी पर्व के मौके पर गंगा घाटों में जुटे हजारों श्रद्धालु, तस्वीरों में देखिए नजारा
कुल मिलाकर, उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि हरिद्वार और ऋषिकेश को काशी विश्वनाथ, वाराणसी, अयोध्या और उज्जैन की तरह ही विकसित किया जाएगा. साथ ही सरकार ने निर्णय लिया है कि काशी विश्वनाथ और महाकाल का प्लान तैयार करने वाली कंपनी ही हरिद्वार- ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना का प्लान तैयार करेगी. परियोजना के तहत दोनों शहरों में गंगा किनारे गंगा कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे.
![Haridwar Rishikesh Ganga Corridor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-08-2023/19180408_dp.jpg)
पढ़ें- श्रावण मास में यहां साक्षात विराजते हैं भोलेनाथ, सुसराल से जुड़ा है किस्सा, देखें तस्वीरें
मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के लिए जब मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा तो उस दौरान दोनों शहरों की स्टडी की जाएगी. यहां ऑडिटोरियम, होटल जैसी व्यवस्थाएं कहां और कैसे बनेगी इस पर विचार किया जाएगा. साथ ही गंगा तटों को कैसे भव्य बनाया जाएगा इस पर भी काम किया जाएगा. इसके साथ ही इन दोनों शहरों में सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा इस परियोजना के लिए दुनिया की बेहतर कंपनी को चुनने का प्रयास सरकार कर रही है.
सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने बताया हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के लिए एक विस्तृत प्लान तैयार किया जाएगा. इसके लिए एक बेहतर कंसल्टेंसी हायर की जाएगी. उन्होंने कहा ऋषिकेश और हरिद्वार का अलग अलग डिटेल प्लान तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया इस परियोजना के लिए ढाई साल का वक्त तय किया गया है. जिसके तहत अगले 6 महीने का समय परियोजना की प्लानिंग के लिए रखा गया है. बाकी दो साल प्लान को धरातल पर उतरने का समय होगा.
![Haridwar Rishikesh Ganga Corridor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-08-2023/19180408_rr.jpg)