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DGGI Big Action : 729 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी उजागर, नोएडा-गुजरात के बीच तंबाकू फर्म का फैला था जाल - Chewing Tobacco Supply in Rajasthan

DGGI Big Action on Noida Firm, डीजीजीआई ने नोएडा की एक फर्म पर बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का पर्दाफाश हुआ है. बिना ईवे बिल के ही गुजरात से दिल्ली-एनसीआर में तंबाकू की सप्लाई की जा रही थी.

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Published : Sep 1, 2022, 5:45 PM IST

जयपुर. डीजीजीआई जयपुर यूनिट ने नोएडा की फर्म पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. कार्रवाई के दौरान 729 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी उजागर हुई है. चेविंग टोबैको के दो ट्रकों से पूरा कारनामा पकड़ में आया है. बिना ईवे बिल के ही गुजरात से दिल्ली तंबाकू की सप्लाई की जा रही थी. नोएडा और गुजरात के बीच तंबाकू फर्म का नेक्सस फैला था. तंबाकू फार्म ने एक करोड़ रुपये का राजस्व मौके पर ही जमा करवाया है. इस पूरे प्रकरण का डीजीजीआई ने गुरुवार को खुलासा किया.

जानकारी के मुताबिक डीजीजीआई की जयपुर यूनिट पर इस पूरे मामले को लेकर मिलीभगत के आरोप भी लगे थे. उच्च स्तर के अधिकारियों पर एक्शन की सूचना लीक करने के आरोप लगाए गए थे. अब प्रारंभिक जांच में 729 करोड़ रुपये की राजस्व चोरी (Tax Evasion of Rupees 729 Crore Exposed) सामने आई है. आगामी जांच में टैक्स चोरी का दायरा ज्यादा बढ़ सकता है.

पढ़ें : DGGI की बड़ी कार्रवाई : 15 फर्जी फर्म बनाकर 66.44 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा, दो गिरफ्तार

डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक डिजीजीआई जयपुर यूनिट ने चेविंग टोबैको के गुप्त निर्माण और आपूर्ति के एक बड़े मामले का पता लगाया है, जिसमें करीब 729 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है. डीजीजीआई को सूचना प्राप्त हुई थी कि दिल्ली-एनसीआर और गुजरात में कुछ फर्म नकली फर्मों की आड़ में गैर निर्मित कच्चे तंबाकू की गुप्त खरीद और आपूर्ति में लगी हुई है. फर्म का गुप्त उत्पादन और गुप्त आपूर्ति से करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी हुई.

DGGI की जयपुर यूनिट के अधिकारियों ने संदिग्ध वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी और इस दौरान बिना किसी ईवे बिल और चालान के तंबाकू ले जाने वाले दो ट्रकों को करीब 20 दिन पहले बगरू इलाके में पकड़ा था. जांच करने पर सामने आया कि ट्रकों में नोएडा की एक फर्म की ओर से निर्मित चेविंग टोबैको गुजरात से नोएडा ले जाया जा रहा है और तभी से DGGI की कार्रवाई देश के अलग-अलग शहरों में जारी है. हालांकि, पहली कार्रवाई जयपुर में हुई थी. वहीं, डीलर ने स्वीकार किया कि इंटरसेप्टेड चेविंग टोबैको गुप्त रूप से (DGGI Big Action) खरीदा गया और राशि जमा कर दी गई.

डीजीजीआई की जांच में सामने आया कि गुजरात और दिल्ली एनसीआर में कुछ फर्में गैर मौजूद थी, लेकिन इन फर्मों के बीच कच्चे तंबाकू की आपूर्ति की जा रही थी. कुछ कच्चे तंबाकू आपूर्तिकर्ता की पहचान की गई, जिन्होंने स्वीकार किया कि गुप्त रूप से कच्चे तंबाकू की आपूर्ति में शामिल थे. नकली फर्मो के नाम पर कच्चे तंबाकू को दिल्ली एनसीआर ले जाया जा रहा था. ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि नकली फर्मों के नाम पर कच्चे तंबाकू के परिवहन में शामिल थे. कच्चे तंबाकू की गुप्त आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. नोएडा में निर्माण फर्म के व्यवसायिक परिसर में तलाशी ली गई है. मुख्य आरोपियों को समन जारी किया गया है.

पढ़ें : प्रदेश में DGGI ने बड़े कारोबारी समूहों के 17 ठिकानों पर मारे छापे, 5 करोड़ की GST चोरी उजागर

डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान गुजरात से दिल्ली-एनसीआर में कच्चे तंबाकू की आवाजाही के संबंध में विभिन्न स्रोतों से डाटा एकत्रित किया गया है. अनुमान लगाया गया है कि गुजरात से नकली फर्मों की आड़ में (Chewing Tobacco Supply in Rajasthan) भारी मात्रा में कच्चे तंबाकू को गुप्त रूप से लाया गया था और नोएडा स्थित फर्म को भेजा गया था. चबाने वाले तंबाकू के पाउच बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है. फिलहाल, पूरे मामले की जांच की जा रही है.

जयपुर. डीजीजीआई जयपुर यूनिट ने नोएडा की फर्म पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. कार्रवाई के दौरान 729 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी उजागर हुई है. चेविंग टोबैको के दो ट्रकों से पूरा कारनामा पकड़ में आया है. बिना ईवे बिल के ही गुजरात से दिल्ली तंबाकू की सप्लाई की जा रही थी. नोएडा और गुजरात के बीच तंबाकू फर्म का नेक्सस फैला था. तंबाकू फार्म ने एक करोड़ रुपये का राजस्व मौके पर ही जमा करवाया है. इस पूरे प्रकरण का डीजीजीआई ने गुरुवार को खुलासा किया.

जानकारी के मुताबिक डीजीजीआई की जयपुर यूनिट पर इस पूरे मामले को लेकर मिलीभगत के आरोप भी लगे थे. उच्च स्तर के अधिकारियों पर एक्शन की सूचना लीक करने के आरोप लगाए गए थे. अब प्रारंभिक जांच में 729 करोड़ रुपये की राजस्व चोरी (Tax Evasion of Rupees 729 Crore Exposed) सामने आई है. आगामी जांच में टैक्स चोरी का दायरा ज्यादा बढ़ सकता है.

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डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक डिजीजीआई जयपुर यूनिट ने चेविंग टोबैको के गुप्त निर्माण और आपूर्ति के एक बड़े मामले का पता लगाया है, जिसमें करीब 729 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है. डीजीजीआई को सूचना प्राप्त हुई थी कि दिल्ली-एनसीआर और गुजरात में कुछ फर्म नकली फर्मों की आड़ में गैर निर्मित कच्चे तंबाकू की गुप्त खरीद और आपूर्ति में लगी हुई है. फर्म का गुप्त उत्पादन और गुप्त आपूर्ति से करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी हुई.

DGGI की जयपुर यूनिट के अधिकारियों ने संदिग्ध वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी और इस दौरान बिना किसी ईवे बिल और चालान के तंबाकू ले जाने वाले दो ट्रकों को करीब 20 दिन पहले बगरू इलाके में पकड़ा था. जांच करने पर सामने आया कि ट्रकों में नोएडा की एक फर्म की ओर से निर्मित चेविंग टोबैको गुजरात से नोएडा ले जाया जा रहा है और तभी से DGGI की कार्रवाई देश के अलग-अलग शहरों में जारी है. हालांकि, पहली कार्रवाई जयपुर में हुई थी. वहीं, डीलर ने स्वीकार किया कि इंटरसेप्टेड चेविंग टोबैको गुप्त रूप से (DGGI Big Action) खरीदा गया और राशि जमा कर दी गई.

डीजीजीआई की जांच में सामने आया कि गुजरात और दिल्ली एनसीआर में कुछ फर्में गैर मौजूद थी, लेकिन इन फर्मों के बीच कच्चे तंबाकू की आपूर्ति की जा रही थी. कुछ कच्चे तंबाकू आपूर्तिकर्ता की पहचान की गई, जिन्होंने स्वीकार किया कि गुप्त रूप से कच्चे तंबाकू की आपूर्ति में शामिल थे. नकली फर्मो के नाम पर कच्चे तंबाकू को दिल्ली एनसीआर ले जाया जा रहा था. ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि नकली फर्मों के नाम पर कच्चे तंबाकू के परिवहन में शामिल थे. कच्चे तंबाकू की गुप्त आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. नोएडा में निर्माण फर्म के व्यवसायिक परिसर में तलाशी ली गई है. मुख्य आरोपियों को समन जारी किया गया है.

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डीजीजीआई अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान गुजरात से दिल्ली-एनसीआर में कच्चे तंबाकू की आवाजाही के संबंध में विभिन्न स्रोतों से डाटा एकत्रित किया गया है. अनुमान लगाया गया है कि गुजरात से नकली फर्मों की आड़ में (Chewing Tobacco Supply in Rajasthan) भारी मात्रा में कच्चे तंबाकू को गुप्त रूप से लाया गया था और नोएडा स्थित फर्म को भेजा गया था. चबाने वाले तंबाकू के पाउच बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है. फिलहाल, पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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