नई दिल्ली: वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन करने के इच्छुक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की राह कुछ आसान हुई है. विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने बुधवार को ऐसे लोगों की फिटनेस का आकलन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले महीने उन मीडिया खबरों का खंडन किया था, जिसमें दावा किया गया था कि एडम हैरी (केरल के एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति) को वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस देने के लिए नियामक ने मंजूरी देने से मना कर दिया था.
इन रिपोर्टों को सही नहीं बताते हुए डीजीसीए ने तब कहा था कि एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को एक फिटनेस चिकित्सा प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है, बशर्ते कि उन्हें 'किसी तरह की चिकित्सकीय, मनोरोग या मनोवैज्ञानिक बीमारी न हो.' डीजीसीए ने बुधवार को अपने दिशानिर्देशों में कहा कि एक ट्रांसजेंडर आवेदक की फिटनेस का आकलन उनकी कार्यात्मक क्षमता और अक्षमता के जोखिम का आकलन करने के सिद्धांतों का पालन करते हुए किया जाएगा.
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इसमें यह उल्लेख किया गया है कि ऐसे ट्रांसजेंडर आवेदक, जो पिछले पांच वर्षों से हार्मोन थेरेपी ले रहे हैं या लिंग परिवर्तन सर्जरी करा चुके हैं, उनकी मानसिक सेहत की स्थिति जांची जाएगी.
पीटीआई-भाषा