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देवशयनी एकादशी 2023 : आज के दिन तुलसी माता भी रहती हैं निर्जला व्रत, रखें इन बातों का ध्यान

देवशयनी एकादशी 2023 का व्रत रखने वालों व पूजा करने वालों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि व्रत का अधिकाधिक पुण्य व लाभ मिल सके. इस व्रत को करने के दौरान कई चीजें वर्जित हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी होता है....

Devshayani Ekadashi 2023 Vrat Rules and Tips
तुलसी माता भी रहती हैं निर्जला व्रत
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Published : Jun 29, 2023, 2:40 AM IST

नई दिल्ली : आज देवशयनी एकादशी 2023 पूरे देश में मनायी जा रही है. इसे हरिशयनी एकादशी, महा एकादशी, पद्मनाभा एकादशी, तोली एकादशी, आषाढ़ी एकादशी जैसे कई नामों से पुकारा जाता है. आज के दिन पूरी सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अगले चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाया करते हैं. इस पूरे चार माह की इस अवधि को चातुर्मास भी कहा जाता है. अबकी बार यह चतुर्मास 5 महीने का होगा, क्योंकि सावन माह में अधिमास लग रहा है.

देवशयनी एकादशी के बाद ऐसी परंपरा व मान्यता है कि कोई भी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम तब तक नहीं किए जाते हैं, जब तक भगवान विष्णु अपनी शयननिद्रा से उठकर बाहर नहीं आ जाते हैं.

Devshayani Ekadashi 2023 Vrat Rules and Tips
देवशयनी एकादशी 2023

हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के बाद से ग्रहों की स्थिति बदलती है. सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति के तेजस तत्व में कमी आने लगती है, जिसके चलते शुभ कार्यों का शुभ फल नहीं मिल पाता है. इसी कारण इसको पूरे 4 महीने तक वर्जित करके रखा गया है.

ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में सभी तीर्थ ब्रजधाम में आ जाया करते हैं. इसीलिए इस अवधि में ब्रज की यात्रा करना काफी लाभकारी माना जाता है. इसीलिए हरिशयनी एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और धन धान्य की प्राप्ति होती है.

Devshayani Ekadashi 2023 Vrat Rules and Tips
देवशयनी एकादशी 2023

देवशयनी एकादशी में क्या न करें (Devshayani Ekadashi Vrat Rules)
देवशयनी एकादशी के व्रत व पूजन में कई बातों का ध्यान रखना होता है. अगर आप पूजन की तैयारी कर रहे हैं तो इन बातों का पालन अवश्य करें, ताकि आपको इसका अधिकाधिक लाभ मिल सके....

  1. देवशयनी एकादशी पर तुलसी के गमले या पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि विष्णु प्रिया तुलसी माता भी इस दिन निर्जला व्रत रखा करती हैं. साथ ही साथ इस दिन तुलसी दल को भी नहीं तोड़ना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाया करती हैं. अगर पूजा के लिए किसी को तुलसी दल चाहिए तो एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेना चाहिए.
  2. दे‌वशयनी एकादशी का व्रत रखने के पहले व उस दिन चावल नहीं खाना चाहिए और न ही चावल का दान करना चाहिए. क्योंकि ये दोनों कार्य एकादशी में वर्जित माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी पर चावल खाने वाले का अगला जन्म कीड़े-मकोड़े की योनि वाला होता है.
  3. दे‌वशयनी एकादशी के दिन स्त्री संसर्ग से बचना चाहिए. उसके लिए दशमी के दिन से ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए. एकादशी का व्रत दशमी तिथि से ही शुरू माना जाता है. ऐसी स्थिति में दशमी तिथि से द्वादशी तिथि तक ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है.
  4. देवशयनी एकादशी के दिन ज्यादा से ज्यादा समय अच्छे कार्य व भजन में लगाएं. कोशिश करें कि किसी के लिए मन में कोई बुरा विचार न आए. किसी को न तो अपशब्द न बोलें और न ही किसी की निंदा करें. ऐसा करके आप अपने फल को कम करेंगे.

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नई दिल्ली : आज देवशयनी एकादशी 2023 पूरे देश में मनायी जा रही है. इसे हरिशयनी एकादशी, महा एकादशी, पद्मनाभा एकादशी, तोली एकादशी, आषाढ़ी एकादशी जैसे कई नामों से पुकारा जाता है. आज के दिन पूरी सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अगले चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाया करते हैं. इस पूरे चार माह की इस अवधि को चातुर्मास भी कहा जाता है. अबकी बार यह चतुर्मास 5 महीने का होगा, क्योंकि सावन माह में अधिमास लग रहा है.

देवशयनी एकादशी के बाद ऐसी परंपरा व मान्यता है कि कोई भी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम तब तक नहीं किए जाते हैं, जब तक भगवान विष्णु अपनी शयननिद्रा से उठकर बाहर नहीं आ जाते हैं.

Devshayani Ekadashi 2023 Vrat Rules and Tips
देवशयनी एकादशी 2023

हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के बाद से ग्रहों की स्थिति बदलती है. सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति के तेजस तत्व में कमी आने लगती है, जिसके चलते शुभ कार्यों का शुभ फल नहीं मिल पाता है. इसी कारण इसको पूरे 4 महीने तक वर्जित करके रखा गया है.

ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में सभी तीर्थ ब्रजधाम में आ जाया करते हैं. इसीलिए इस अवधि में ब्रज की यात्रा करना काफी लाभकारी माना जाता है. इसीलिए हरिशयनी एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और धन धान्य की प्राप्ति होती है.

Devshayani Ekadashi 2023 Vrat Rules and Tips
देवशयनी एकादशी 2023

देवशयनी एकादशी में क्या न करें (Devshayani Ekadashi Vrat Rules)
देवशयनी एकादशी के व्रत व पूजन में कई बातों का ध्यान रखना होता है. अगर आप पूजन की तैयारी कर रहे हैं तो इन बातों का पालन अवश्य करें, ताकि आपको इसका अधिकाधिक लाभ मिल सके....

  1. देवशयनी एकादशी पर तुलसी के गमले या पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि विष्णु प्रिया तुलसी माता भी इस दिन निर्जला व्रत रखा करती हैं. साथ ही साथ इस दिन तुलसी दल को भी नहीं तोड़ना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाया करती हैं. अगर पूजा के लिए किसी को तुलसी दल चाहिए तो एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेना चाहिए.
  2. दे‌वशयनी एकादशी का व्रत रखने के पहले व उस दिन चावल नहीं खाना चाहिए और न ही चावल का दान करना चाहिए. क्योंकि ये दोनों कार्य एकादशी में वर्जित माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी पर चावल खाने वाले का अगला जन्म कीड़े-मकोड़े की योनि वाला होता है.
  3. दे‌वशयनी एकादशी के दिन स्त्री संसर्ग से बचना चाहिए. उसके लिए दशमी के दिन से ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए. एकादशी का व्रत दशमी तिथि से ही शुरू माना जाता है. ऐसी स्थिति में दशमी तिथि से द्वादशी तिथि तक ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है.
  4. देवशयनी एकादशी के दिन ज्यादा से ज्यादा समय अच्छे कार्य व भजन में लगाएं. कोशिश करें कि किसी के लिए मन में कोई बुरा विचार न आए. किसी को न तो अपशब्द न बोलें और न ही किसी की निंदा करें. ऐसा करके आप अपने फल को कम करेंगे.

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