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Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि पर हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, चारों ओर बम-बम भोले की गूंज

शिवरात्रि पर्व को लेकर हरिद्वार में सुबह से ही गंगा घाटों में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालु गंगा स्नान कर मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं. सबसे ज्यादा भीड़ दक्षेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिली. जहां श्रद्धालु सुबह से लाइन में लगे दिखे.

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Published : Feb 18, 2023, 9:59 AM IST

Updated : Feb 18, 2023, 1:57 PM IST

हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में शिवरात्रि के पावन पर्व पर गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. सुबह से ही दक्षेश्वर महादेव, बिलकेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी शंकर और नीलेश्वर महादेव मन्दिरों पर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का ​जलाभिषेक कर रहे हैं.​ मान्यता है कि शिवरात्रि पर भगवान शिव की सच्चे मन से उपासना करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.

भगवान शिव का ससुराल: वहीं दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन देखी गई. कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव का ससुराल माना जाता है. जिसकी महत्ता इसी बात से बढ़ जाती है. पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.श्रद्धालु गंगाजल, बेल पत्र, फूल, दूध, दही, शहद से भगवान शिव का अभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
पढ़ें-यहां हनुमान जी दिलाते हैं अदालती मुकदमों में जीत, संजय दत्त और सलमान खान ने भी लगाई थी अर्जी

शिवरात्रि को लेकर पौराणिक कथा: दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी विश्वेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि भगवान शिव ने आज ही के दिन मां सती से विवाह किया था. इसलिए हिंदू धर्मालंबी या सभी धर्मों के धर्मावलंबी उसी पद्धति के अनुसार विवाह करते हैं. क्योंकि सृष्टि में सर्वप्रथम विवाह भगवान शिव का हुआ था. कनखल में भगवान शिव का सती से दुनिया का प्रथम विवाह हुआ था. इस पाणिग्रहण संस्कार के उपलक्ष्य में उसकी खुशियों के रूप में भगवान शिव के शुभ विवाह रात्रि को शिवरात्रि के पर्व के रूप में मनाया जाता है.
पढ़ें-Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में हिमस्खलन का अलर्ट, तापमान तोड़ सकता है 40 साल पुराना रिकॉर्ड

जलाभिषेक का महत्व: क्योंकि यह स्थान भगवान शिव की विवाह रात्रि का वही स्थल है जहां भगवान शिव का सती से विवाह हुआ था, इसलिए इस स्थान का विशेष महत्व है. यहां भगवान शिव सती के साथ विराजमान हैं और यहां भगवान शिव के मस्तक पर जलाभिषेक का अत्यधिक महत्व है. इसलिए शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करने से सारे कष्ट दूर होते हैं. कनखल स्थित पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है. यही कारण है कि शिवालयों पर स्थानीय ही नहीं बल्कि देश भर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं. भगवान शंकर यानि भगवान आशुतोष को जल्द ही प्रसन्न होने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है. भोलेनाथ की इस महिमा से सभी प्रभावित हैं और शिवालय में आये सभी का प्रयास है कि वे भगवान को प्रसन्न कर सकें, ताकि उनकी मनोकामनाएं पूरी हो सकें. महाशिवरात्रि पर प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं.

लक्सर में शिवालयों में लगी भीड़: लक्सर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी है. ऐसे ही लक्सर के सुल्तानपुर गांव के पास स्थित पंचलेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. मान्यता है कि पंचलेश्वर महादेव मंदिर महाभारत कालीन है. गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने की थी. अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां आकर रुके थे और उनके द्वारा ही मंदिर की स्थापना की गई थी. खास बात ये है कि यहां गंगा नदी पश्चिम से पूर्व की ओर उल्टी दिशा में बहती है, इसलिए मंदिर आस्था का केन्द्र है.

ऋषिकेश में बम बम का उद्घोष: तीर्थनगरी में शिवरात्रि को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही तीर्थनगरी के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में कतार लगाए दिखाए दिए, चारों ओर बम बम के उद्घोष से पूरी तीर्थनगरी शिवमय हो गयी है. तीर्थनगरी में देश में सुख शांति बनी रहे इसके लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया.

हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में शिवरात्रि के पावन पर्व पर गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. सुबह से ही दक्षेश्वर महादेव, बिलकेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी शंकर और नीलेश्वर महादेव मन्दिरों पर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का ​जलाभिषेक कर रहे हैं.​ मान्यता है कि शिवरात्रि पर भगवान शिव की सच्चे मन से उपासना करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.

भगवान शिव का ससुराल: वहीं दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन देखी गई. कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव का ससुराल माना जाता है. जिसकी महत्ता इसी बात से बढ़ जाती है. पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.श्रद्धालु गंगाजल, बेल पत्र, फूल, दूध, दही, शहद से भगवान शिव का अभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
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शिवरात्रि को लेकर पौराणिक कथा: दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी विश्वेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि भगवान शिव ने आज ही के दिन मां सती से विवाह किया था. इसलिए हिंदू धर्मालंबी या सभी धर्मों के धर्मावलंबी उसी पद्धति के अनुसार विवाह करते हैं. क्योंकि सृष्टि में सर्वप्रथम विवाह भगवान शिव का हुआ था. कनखल में भगवान शिव का सती से दुनिया का प्रथम विवाह हुआ था. इस पाणिग्रहण संस्कार के उपलक्ष्य में उसकी खुशियों के रूप में भगवान शिव के शुभ विवाह रात्रि को शिवरात्रि के पर्व के रूप में मनाया जाता है.
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जलाभिषेक का महत्व: क्योंकि यह स्थान भगवान शिव की विवाह रात्रि का वही स्थल है जहां भगवान शिव का सती से विवाह हुआ था, इसलिए इस स्थान का विशेष महत्व है. यहां भगवान शिव सती के साथ विराजमान हैं और यहां भगवान शिव के मस्तक पर जलाभिषेक का अत्यधिक महत्व है. इसलिए शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करने से सारे कष्ट दूर होते हैं. कनखल स्थित पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है. यही कारण है कि शिवालयों पर स्थानीय ही नहीं बल्कि देश भर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं. भगवान शंकर यानि भगवान आशुतोष को जल्द ही प्रसन्न होने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है. भोलेनाथ की इस महिमा से सभी प्रभावित हैं और शिवालय में आये सभी का प्रयास है कि वे भगवान को प्रसन्न कर सकें, ताकि उनकी मनोकामनाएं पूरी हो सकें. महाशिवरात्रि पर प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं.

लक्सर में शिवालयों में लगी भीड़: लक्सर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी है. ऐसे ही लक्सर के सुल्तानपुर गांव के पास स्थित पंचलेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. मान्यता है कि पंचलेश्वर महादेव मंदिर महाभारत कालीन है. गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने की थी. अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां आकर रुके थे और उनके द्वारा ही मंदिर की स्थापना की गई थी. खास बात ये है कि यहां गंगा नदी पश्चिम से पूर्व की ओर उल्टी दिशा में बहती है, इसलिए मंदिर आस्था का केन्द्र है.

ऋषिकेश में बम बम का उद्घोष: तीर्थनगरी में शिवरात्रि को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही तीर्थनगरी के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में कतार लगाए दिखाए दिए, चारों ओर बम बम के उद्घोष से पूरी तीर्थनगरी शिवमय हो गयी है. तीर्थनगरी में देश में सुख शांति बनी रहे इसके लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया.

Last Updated : Feb 18, 2023, 1:57 PM IST
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