हैदराबाद: लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व शनिवार को उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के साथ समाप्त हो गया. सूर्य के दर्शन होते ही देशभर के करोड़ों श्रद्धालु अर्घ्य दिया. बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, एनसीआर, समेत देश के विभिन्न भागों में छठ पूजा करने वाले लोगों ने उगते हुए सूर्य का दर्शन किए.
देश के अलग-अलग राज्य के विविध भागों में छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया. चारों ओर महापर्व की धूम रही.
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा भगवान भास्कर और छठी मां को समर्पित है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं इस महापर्व के विधि और विधान से जुड़े कई गाथाएं हैं, जिनका अलग ही महत्व है. छठ महापर्व में व्रती अपने-अपने घरों में कोसी भराई करती हैं. मान्यता है कि कोसी भरने से सालों भर घरों में सुख सौभाग्य और धन-धन्य बरकरार रहता है.
जानकारों के मुताबिक दौरान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए.
यह शुभ माना जाता है. इससे श्रद्धालुओं की सारी मनोकामना पूरी होती है.
बता दें कि इससे पहले लोकआस्था के पर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार को लाखों व्रतियों ने तमाम प्रमुख नदियों के तट पर अस्ताचलगामी भास्कर को अर्घ्य देकर उनकी पूजा अर्चना की और अपने परिजनों तथा राज्य के लोगों के कल्याण की कामना की.
देशभर में बड़ी संख्या में लोगों ने कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए विभिन्न तालाबों, नदियों के किनारे भगवान भास्कर को अर्घ्य समर्पित किया.
देश के विभिन्न स्थानों में उगते हुए सूर्य को दिया जा रहा अर्घ्य
गोरखपुर, पटना, भुवनेश्वर, रांची सहित देश के अधिकांश भागों से छठ पूजा की तस्वीर मिली.