शिलांग : मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक कोयले की खदान में दो सप्ताह से अधिक समय से पांच मजदूर फंसे हैं. उनकाे निकालने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा लगाई गई एक मशीन को मंगलवार को 152 फुट गहरे गड्ढे के तल में दो संदिग्ध वस्तुओं का पता चला है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
जिला उपायुक्त ई खरमालकी ने कहा, 'हम आरओवी (रिमोटली ऑपरेटेड वेहिकल) द्वारा लिए गए चित्र का विश्लेषण कर रहे हैं जिससे यह पता चल सके कि क्या वे वास्तव में मानव शरीर हैं.'
हो सकते हैं मानव शरीर
उन्होंने बताया कि बचाव दल के कर्मी उन वस्तुओं को निकाल नहीं पा रहे हैं लेकिन आरओवी द्वारा लिए गए चित्र के त्वरित विश्लेषण से संकेत मिलता है कि वे मानव शरीर हो सकते हैं.
खरमालकी ने कहा, 'अभी तक बचाव दल के कर्मी वीडियो का विश्लेषण कर रहे हैं और कल तक जैसे ही गड्ढे के भीतर तल में पानी की दृश्यता बढ़ेगी, नौसेना आरओवी को फिर से तैनात करेगी.' मंगलवार को गड्ढे के भीतर का पानी साफ नहीं था जिससे स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था.
बचाव दल के 60 कर्मी निकाल रहे पानी
बचाव स्थल पर एक मजिस्ट्रेट ने बताया कि भारतीय नौसेना के अतिरिक्त बचाव दल के लगभग 60 कर्मी पानी निकालने का काम कर रहे हैं जिनमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन दल के लोग शामिल हैं.
मजिस्ट्रेट ने बताया कि मंगलवार को पानी नहीं निकाला जा सका क्योंकि नौसेना, आरओवी की सहायता से पानी से भरे गड्ढे का अन्वेषण कर रही थी. उन्होंने कहा कि सोमवार रात को बारिश के कारण गड्ढे में पानी का स्तर एक मीटर तक बढ़ गया था.
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30 मई से खदान में फंसे हैं
उम्प्लेंग कोयला खदान के गड्ढे में 30 मई से पांच लोग फंसे हैं जिनमें चार असम के हैं जबकि एक त्रिपुरा का है. डायनामाइट विस्फोट के कारण 30 मई को गड्ढे में पानी भर गया था और इस वजह से मजदूर भीतर ही फंस गए. खदान ईस्ट जयंतिया हिल्स जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित है.