ETV Bharat / bharat

उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार के लिए कठिन चुनौती ! - G Kishan Reddy

कैबिनेट विस्तार के बाद उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (Ministry for Development of North Eastern Region) कैबिनेट मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) के पास गया है. रेड्डी ने पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति तेज करने के साथ ही चालू परियोजनाओं का काम समय पर पूरा होने पर बल दिए जाने दिया है. उन्होंने समीक्षा के बाद सभी पूर्वोत्तर राज्यों से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

जी किशन रेड्डी
जी किशन रेड्डी
author img

By

Published : Jul 12, 2021, 10:26 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति तेज करने के साथ ही चालू परियोजनाओं का काम समय पर पूरा होने पर बल दिए जाने दिए जाने को लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (Minister for Development of North Eastern Region) जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के बाद मंत्रालय ने सोमवार को सभी पूर्वोत्तर राज्यों से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग को 2004 में मंत्रालय में बदला गया था
इस बारे में मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि रेड्डी ने अधिकारियों से क्षेत्र में सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने को कहा है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया फेरबदल में रेड्डी को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले रेड्डी गृह राज्य मंत्री का काम देख रहे थे, वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री की जिम्मेदारी डॉ जितेंद्र सिंह संभाल रहे थे.

क्षेत्र की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग को 2001 में स्थापित किया गया था और 2004 में इसे एक पूर्ण मंत्रालय में बदल दिया गया था.इसका विजन पूर्वोत्तर के सामाजिक आर्थिक विकास की गति को तेज करना है.

मंत्रालय के 2021-22 के प्रस्तावित बजट में भारी कटौती
वहीं सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को क्षेत्र के लाभ के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत अपने आवंटन से सकल बजटीय सहायता का 10 फीसदी खर्च करना आवश्यक है. हालांकि, मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए अपने प्रस्तावित बजट 4859.28 करोड़ रुपये में भारी कटौती का सामना करना पड़ा. क्योंकि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल 2658.00 करोड़ रुपये का शुद्ध बजट आवंटित किया है.

इस बारे में गुवाहाटी से भाजपा सांसद क्वीन ओजा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर निश्चित रूप से विकास और समृद्धि का युग देखेगा. उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है, पूर्वोत्तर के प्रति समग्र दृष्टिकोण बदल गया है.

पूर्वोत्तर में सामाजिक आर्थिक विकास पर फोकस होगा
बता दें कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास मंत्रालय (DoNER) की दो दिवसीय व्यापक मंत्रिस्तरीय समीक्षा बैठक के समापन दिवस पर रेड्डी ने कहा कि तेज गति से पूर्वोत्तर का सामाजिक आर्थिक विकास उनका प्रमुख फोकस क्षेत्र होगा. हालांकि, भूमि से घिरे क्षेत्र में अन्य विशेष घटकों के बीच उचित कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी है.

हाल की एक रिपोर्ट में एक संसदीय पैनल ने भी कहा है कि इस क्षेत्र को समग्र रूप से बदलने की जरूरत है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के लिए अनुदान मांगों (2021-22) पर संसदीय समिति ने अपनी 232 रिपोर्ट में बताया है कि वित्तीय कमी कई परियोजनाओं और संस्थानों के कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है.

पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रस्तावित 36 परियोजनाओं में से केवल 8 को दी मंजूरी
ईटीवी भारत के पास मौजूद आंकड़ों में कहा गया है कि पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रस्तावित 36 परियोजनाओं में से केवल 8 को ही मंजूरी दी गई है.इसके अलावा, कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए अस्पतालों जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी परियोजनाएं, स्कूल अभी भी स्वीकृत होने की प्रक्रिया में हैं. हालांकि संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सड़क निर्माण परियोजनाओं की प्रगति पहाड़ी इलाकों, खराब मौसम की स्थिति और कोविड -19 महामारी जैसी गंभीर प्रतिकूलताओं से प्रभावित हुई है.

समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए क्योंकि इन्हें 2013 में शुरू किया गया था. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी को वास्तव में हवाई संपर्क, बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं, कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट (केएमटीटी) परियोजना, पर्यटन कुछ अन्य क्षेत्र हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार सीके नायक ने कहा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए नए शामिल किए गए कैबिनेट मंत्री के पास काम करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है. क्योंकि दो दशक पहले स्थापित किया गया मंत्रालय अभी तक पूर्वोत्तर के सभी राज्यों का समावेशी विकास नहीं कर पाया है. पूर्वोत्तर के मुद्दों के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ नायक का मानना ​​है कि पूर्वोत्तर में समग्र विकास भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए गेम चेंजर हो सकता है.

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति तेज करने के साथ ही चालू परियोजनाओं का काम समय पर पूरा होने पर बल दिए जाने दिए जाने को लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (Minister for Development of North Eastern Region) जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के बाद मंत्रालय ने सोमवार को सभी पूर्वोत्तर राज्यों से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग को 2004 में मंत्रालय में बदला गया था
इस बारे में मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि रेड्डी ने अधिकारियों से क्षेत्र में सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने को कहा है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया फेरबदल में रेड्डी को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले रेड्डी गृह राज्य मंत्री का काम देख रहे थे, वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री की जिम्मेदारी डॉ जितेंद्र सिंह संभाल रहे थे.

क्षेत्र की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग को 2001 में स्थापित किया गया था और 2004 में इसे एक पूर्ण मंत्रालय में बदल दिया गया था.इसका विजन पूर्वोत्तर के सामाजिक आर्थिक विकास की गति को तेज करना है.

मंत्रालय के 2021-22 के प्रस्तावित बजट में भारी कटौती
वहीं सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को क्षेत्र के लाभ के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत अपने आवंटन से सकल बजटीय सहायता का 10 फीसदी खर्च करना आवश्यक है. हालांकि, मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए अपने प्रस्तावित बजट 4859.28 करोड़ रुपये में भारी कटौती का सामना करना पड़ा. क्योंकि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल 2658.00 करोड़ रुपये का शुद्ध बजट आवंटित किया है.

इस बारे में गुवाहाटी से भाजपा सांसद क्वीन ओजा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर निश्चित रूप से विकास और समृद्धि का युग देखेगा. उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है, पूर्वोत्तर के प्रति समग्र दृष्टिकोण बदल गया है.

पूर्वोत्तर में सामाजिक आर्थिक विकास पर फोकस होगा
बता दें कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास मंत्रालय (DoNER) की दो दिवसीय व्यापक मंत्रिस्तरीय समीक्षा बैठक के समापन दिवस पर रेड्डी ने कहा कि तेज गति से पूर्वोत्तर का सामाजिक आर्थिक विकास उनका प्रमुख फोकस क्षेत्र होगा. हालांकि, भूमि से घिरे क्षेत्र में अन्य विशेष घटकों के बीच उचित कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी है.

हाल की एक रिपोर्ट में एक संसदीय पैनल ने भी कहा है कि इस क्षेत्र को समग्र रूप से बदलने की जरूरत है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के लिए अनुदान मांगों (2021-22) पर संसदीय समिति ने अपनी 232 रिपोर्ट में बताया है कि वित्तीय कमी कई परियोजनाओं और संस्थानों के कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है.

पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रस्तावित 36 परियोजनाओं में से केवल 8 को दी मंजूरी
ईटीवी भारत के पास मौजूद आंकड़ों में कहा गया है कि पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रस्तावित 36 परियोजनाओं में से केवल 8 को ही मंजूरी दी गई है.इसके अलावा, कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए अस्पतालों जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी परियोजनाएं, स्कूल अभी भी स्वीकृत होने की प्रक्रिया में हैं. हालांकि संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सड़क निर्माण परियोजनाओं की प्रगति पहाड़ी इलाकों, खराब मौसम की स्थिति और कोविड -19 महामारी जैसी गंभीर प्रतिकूलताओं से प्रभावित हुई है.

समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए क्योंकि इन्हें 2013 में शुरू किया गया था. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी को वास्तव में हवाई संपर्क, बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं, कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट (केएमटीटी) परियोजना, पर्यटन कुछ अन्य क्षेत्र हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार सीके नायक ने कहा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए नए शामिल किए गए कैबिनेट मंत्री के पास काम करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है. क्योंकि दो दशक पहले स्थापित किया गया मंत्रालय अभी तक पूर्वोत्तर के सभी राज्यों का समावेशी विकास नहीं कर पाया है. पूर्वोत्तर के मुद्दों के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ नायक का मानना ​​है कि पूर्वोत्तर में समग्र विकास भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए गेम चेंजर हो सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.