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राम मंदिर का निर्माण नियति ने तय किया, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को चुना: आडवाणी

LK Advani : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि नियति ने तय किया था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उसने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना. उक्त बातें उन्होंने राष्ट्र धर्म' पत्रिका के आगामी विशेष संस्करण में प्रकाशित एक लेख में कहीं हैं. पढ़िए पूरी खबर...Ram Mandir

LK Advani
लालकृष्ण आडवाणी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 12, 2024, 10:58 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 'राष्ट्र धर्म' पत्रिका के आगामी विशेष संस्करण में प्रकाशित एक लेख में कहा है कि नियति ने तय किया था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा और उसने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना. अपने लेख 'राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति' में आडवाणी (96) ने राम मंदिर निर्माण के लिए 33 साल पहले निकाली गई रथ यात्रा का जिक्र किया और कहा कि उनका मानना है कि अयोध्या आंदोलन उनकी राजनीतिक यात्रा में सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना थी जिसने उन्हें 'भारत को फिर से खोजने और इस प्रक्रिया में खुद को फिर से समझने' का मौका दिया.

राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हुए कहा कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले उनकी कमी खल रही है. एक सूत्र के मुताबिक, आडवाणी ने अपने लेख में कहा है, 'आज रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो गए. 25 सितंबर 1990 की सुबह जब हमने रथ यात्रा शुरू की थी, तब हमें नहीं पता था कि भगवान राम के प्रति जिस आस्था के साथ हम यह यात्रा शुरू कर रहे हैं, वह देश में एक आंदोलन का रूप ले लेगी.'

सूत्रों ने कहा कि 16 जनवरी को 76 साल पुरानी हिंदी पत्रिका 'राष्ट्र धर्म' के विशेष संस्करण में प्रकाशित होने वाले अपने लेख में आडवाणी ने उल्लेख किया है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे. सूत्र के मुताबिक आडवाणी ने कहा, 'तब वह बहुत प्रसिद्ध नहीं थे. लेकिन उसी समय भगवान राम ने अपने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपने भक्त (मोदी) को चुना था.' आडवाणी ने कहा, 'उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा.' उन्होंने कहा, 'खैर, अब यह केवल समय की बात है.'

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित होने वाला है. समारोह के लिए प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश भर के हजारों संतों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर अयोध्या में एक लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद है. आडवाणी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में (भगवान राम की मूर्ति की) प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, तो वह हमारे भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्री राम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे.'

उन्होंने कहा, 'रथ यात्रा के दौरान, कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया. दूर-दराज के गांवों से अज्ञात लोग रथ को देखने के बाद भावना से अभिभूत होकर मेरे पास आते थे. वे प्रणाम करते थे, भगवान राम के नाम का जप करते थे और चले जाते थे.' उन्होंने कहा, 'यह एक संदेश था कि ऐसे कई लोग थे जिन्होंने राम मंदिर का सपना देखा था... 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ, उन ग्रामीणों की दबी हुई इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी.'

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मुताबिक आडवाणी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. एक सूत्र ने पत्रिका में आडवाणी के लेख का जिक्र करते हुए कहा, 'उन्होंने इस क्षण को लाने, भव्य राम लला मंदिर बनाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है.' सूत्रों ने बताया कि आडवाणी के लेख के साथ पत्रिका के विशेष संस्करण की एक प्रति उन सभी लोगों के साथ साझा की जाएगी जो अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे.

ये भी पढ़ें - राम मंदिर उद्घाटन पर विवाद के बीच अमर्त्य सेन ने बंगाल को धर्मनिरपेक्षता के लिए खड़े होने की दी सलाह

नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 'राष्ट्र धर्म' पत्रिका के आगामी विशेष संस्करण में प्रकाशित एक लेख में कहा है कि नियति ने तय किया था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा और उसने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना. अपने लेख 'राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति' में आडवाणी (96) ने राम मंदिर निर्माण के लिए 33 साल पहले निकाली गई रथ यात्रा का जिक्र किया और कहा कि उनका मानना है कि अयोध्या आंदोलन उनकी राजनीतिक यात्रा में सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना थी जिसने उन्हें 'भारत को फिर से खोजने और इस प्रक्रिया में खुद को फिर से समझने' का मौका दिया.

राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हुए कहा कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले उनकी कमी खल रही है. एक सूत्र के मुताबिक, आडवाणी ने अपने लेख में कहा है, 'आज रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो गए. 25 सितंबर 1990 की सुबह जब हमने रथ यात्रा शुरू की थी, तब हमें नहीं पता था कि भगवान राम के प्रति जिस आस्था के साथ हम यह यात्रा शुरू कर रहे हैं, वह देश में एक आंदोलन का रूप ले लेगी.'

सूत्रों ने कहा कि 16 जनवरी को 76 साल पुरानी हिंदी पत्रिका 'राष्ट्र धर्म' के विशेष संस्करण में प्रकाशित होने वाले अपने लेख में आडवाणी ने उल्लेख किया है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे. सूत्र के मुताबिक आडवाणी ने कहा, 'तब वह बहुत प्रसिद्ध नहीं थे. लेकिन उसी समय भगवान राम ने अपने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपने भक्त (मोदी) को चुना था.' आडवाणी ने कहा, 'उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा.' उन्होंने कहा, 'खैर, अब यह केवल समय की बात है.'

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित होने वाला है. समारोह के लिए प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश भर के हजारों संतों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर अयोध्या में एक लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद है. आडवाणी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में (भगवान राम की मूर्ति की) प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, तो वह हमारे भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्री राम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे.'

उन्होंने कहा, 'रथ यात्रा के दौरान, कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया. दूर-दराज के गांवों से अज्ञात लोग रथ को देखने के बाद भावना से अभिभूत होकर मेरे पास आते थे. वे प्रणाम करते थे, भगवान राम के नाम का जप करते थे और चले जाते थे.' उन्होंने कहा, 'यह एक संदेश था कि ऐसे कई लोग थे जिन्होंने राम मंदिर का सपना देखा था... 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ, उन ग्रामीणों की दबी हुई इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी.'

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मुताबिक आडवाणी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. एक सूत्र ने पत्रिका में आडवाणी के लेख का जिक्र करते हुए कहा, 'उन्होंने इस क्षण को लाने, भव्य राम लला मंदिर बनाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है.' सूत्रों ने बताया कि आडवाणी के लेख के साथ पत्रिका के विशेष संस्करण की एक प्रति उन सभी लोगों के साथ साझा की जाएगी जो अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे.

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