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संसद के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम के हक में 29 दिसंबर को होगा प्रदर्शन, सडकों पर उतरेंगे किसान व सामाजिक संगठन - जींद की नीलम

Parliament security lapse update: संसद भवन के बाहर हंगामा करने वाली जींद की नीलम के हक में किसान व सामाजिक संगठन 29 दिसंबर को प्रदर्शन करेंगे. एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

Parliament security lapse update
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 26, 2023, 11:03 PM IST

जींद: संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाली जींद की नीलम के हक में 29 दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें जींद गांव घसो खुर्द की नीलम के ऊपर लगा यूएपीए हटाने के साथ-साथ उसकी रिहाई की भी मांग की जाएगी. यह प्रदर्शन नरवाना में किया जाएगा. इसके बाद सामाजिक संगठन और भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहन रेलवे स्टेशन से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन करेगी. जिसके बाद एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.

'नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बुलंद की आवाज': मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पालवां, सिक्किम श्योकंद और मास्टर बालवीर ने कहा कि घसो खुर्द की नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की थी. नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की थी. नीलम ने इतना बड़ा अपराध नहीं किया है कि उसके ऊपर यूएपीए एक्ट लगाया जाए. वह नीलम के समर्थन में खड़े हैं और शांतिपूर्ण पूर्वक प्रदर्शन करेंगे. अगर सरकार ने जल्द नीलम की रिहाई नहीं की तो आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि 13 दिसंबर को नीलम संसद भवन के बाहर चलते स्मॉग क्रैकर के आगे प्रदर्शन करती नजर आई थी. जब उसे पकड़ा गया तो उसने कहा कि वह स्टूडेंट और बेरोजगारी को लेकर आवाज उठा रही है. उसे दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया. जिसके बाद पुलिस जींद में उसके घर पर रेड करने पहुंची. यहां से पुलिस उसे किसी तरह की फंडिंग के शक में उसके बैंक अकाउंट खातों की कॉपी, किताबें, डायरी लेकर गई थी. नीलम को अभी तक परिवार के किसी सदस्य से मिलने की इजाजत नहीं दी गई है. कोर्ट में अपील डालने के बाद भी नीलम से केवल उसके वकील को ही मिलने की इजाजत है. जबकि नीलम के परिजन उससे मिलने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं.

जींद: संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाली जींद की नीलम के हक में 29 दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें जींद गांव घसो खुर्द की नीलम के ऊपर लगा यूएपीए हटाने के साथ-साथ उसकी रिहाई की भी मांग की जाएगी. यह प्रदर्शन नरवाना में किया जाएगा. इसके बाद सामाजिक संगठन और भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहन रेलवे स्टेशन से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन करेगी. जिसके बाद एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.

'नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बुलंद की आवाज': मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पालवां, सिक्किम श्योकंद और मास्टर बालवीर ने कहा कि घसो खुर्द की नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की थी. नीलम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की थी. नीलम ने इतना बड़ा अपराध नहीं किया है कि उसके ऊपर यूएपीए एक्ट लगाया जाए. वह नीलम के समर्थन में खड़े हैं और शांतिपूर्ण पूर्वक प्रदर्शन करेंगे. अगर सरकार ने जल्द नीलम की रिहाई नहीं की तो आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि 13 दिसंबर को नीलम संसद भवन के बाहर चलते स्मॉग क्रैकर के आगे प्रदर्शन करती नजर आई थी. जब उसे पकड़ा गया तो उसने कहा कि वह स्टूडेंट और बेरोजगारी को लेकर आवाज उठा रही है. उसे दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया. जिसके बाद पुलिस जींद में उसके घर पर रेड करने पहुंची. यहां से पुलिस उसे किसी तरह की फंडिंग के शक में उसके बैंक अकाउंट खातों की कॉपी, किताबें, डायरी लेकर गई थी. नीलम को अभी तक परिवार के किसी सदस्य से मिलने की इजाजत नहीं दी गई है. कोर्ट में अपील डालने के बाद भी नीलम से केवल उसके वकील को ही मिलने की इजाजत है. जबकि नीलम के परिजन उससे मिलने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं.

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