नई दिल्ली : म्यांमार के सामने हिंसक समय की संभावना के मजबूत संकेत मिल रहे हैं. राष्ट्रीय एकता सरकार (NUG) म्यांमार सेना या टाटमडॉ का विरोध कर रहे लोकतंत्र समर्थक आंदोलन की अगुवाई कर रही है, इसके लिए बुधवार को उसने 'लोक रक्षा बल' की स्थापना की घोषणा की है.
एनयूजी के एक बयान में कहा गया है कि अपने समर्थकों को सेना के हमलों और हिंसा से बचाने के लिए बल का गठन किया गया है. सेना लोगों को हिंसा की शिकार बना रही थी, उन पर लगातार हमले कर रही थी इसलिए ये बल 'टाटमडॉ ’का मुकाबला करेगा.
यह बयान 'रिप्रेजेंटिंग पाइदिगंगसु ह्लुटाव ’(CRPH) के ट्वीटर हैंडल से भी डाला गया है. जिसमें कहा गया है कि 'लोक रक्षा बल' ’संघीय संघ सेना की स्थापना के लिए एक अग्रदूत साबित होंगे. एनयूजी 70 साल के लंबे गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए सुरक्षा क्षेत्र में प्रभावी सुधार करेगा.'
म्यांमार में एक दशक पुराना लोकतंत्र फरवरी, 2021 को अचानक समाप्त हो गया, जब नवंबर 2020 में एक चुनावी फैसले के बाद चुनी हुई आंग सान सू की की अगुवाई वाली नेशनल डेमोक्रेटिक लीग (एनएलडी) की सरकार का तख्तापलट कर दिया गया. एनएलडी को कुल 476 सीटों में से 396 सीटें मिली थीं, जबकि जुंटा समर्थित यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) को सिर्फ 33 सीटें मिली थीं.
म्यांमार जातीय सशस्त्र संगठनों (ईएओ) के नेतृत्व में लगातार विद्रोहियों का गवाह रहा है जहां काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (KIA) सहित विद्रोही जातीय समूह करेन नेशनल यूनियन (KNU), ताओंग नेशनल लिबरेशन आर्मी (TNLA), शान स्टेट आर्मी-नॉर्थ, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और अराकान आर्मी लंबे समय से 'तातमडॉ से जूझ रहे हैं.
इस बीच, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं, सैन्य शासन विरोधी प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों सहित लगभग 759 लोगों ने अब तक जुंटा के हमले में अपनी जान गंवाई है. तख्तापलट के बाद से गिरफ्तार किए गए 4,561 लोगों में से 3,508 अभी भी हिरासत में हैं या उन्हें सजा सुनाई गई है जबकि 1,356 गिरफ्तारी वारंट से बचते रहे हैं.
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'ईटीवी भारत' ने 19 मार्च को बताया था कि कैसे सीआरपीएच ने 'टाटमडॉ ’का मुकाबला करने के लिए एक संघीय सेना बनाने के उद्देश्य से देश भर के प्रत्येक गांव से 10-20 सक्षम पुरुषों की सैन्य सेवाओं की मांग की थी.