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हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद उठी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग

गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ती जा रही है. यही नहीं अलग-अलग संस्थाएं गौ रक्षा कानून की मांग भी सरकार से कर रही हैं. यह तमाम बातें इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश की उस टिप्पणी के बाद उठी हैं जिसमें उन्होंने कहा कि सदियों से गाय इस देश की प्राण वायु की तरह ही है लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारों को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए. आइए जानते हैं वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग
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Published : Sep 4, 2021, 6:04 PM IST

नई दिल्ली : इलाहाबाद कोर्ट की अहम टिप्पणी जिसमें गाय को भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बताया गया. कोर्ट ने यहां तक कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. उसके बाद से ही अलग-अलग संस्थाओं द्वारा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठ रही है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यहां तक सुझाव दिया है कि गायों की सुरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाना चाहिए. उनके मुताबिक गायों को किसी एक धर्म के दायरे में नहीं बांधा जा सकता यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है. कोर्ट ने यहां तक कहा कि अपनी संस्कृति को बचाना हर भारतवासी की जिम्मेदारी है और महज स्वाद पाने के लिए किसी को भी इसे मारकर खाने का अधिकार कतई नहीं दिया जा सकता.

जानिए क्या कहा विहिप नेताओं और संत समाज ने

अदालत की इस कड़ी टिप्पणी के बाद गौ रक्षा संस्थाओं की तरफ से केंद्र सरकार से मांग के साथ कई भाजपा और संघ के नेताओं ने भी अदालत की इस टिप्पणी पर बढ़-चढ़कर बयान देना शुरू किया है. साथ ही साथ संसद में विधेयक लाने की मांग उठा रहे हैं. अदालत की इस टिप्पणी के बाद जहां वीएचपी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है. वहीं, अब बीजेपी के नेता भी संघ की इस मांग पर सहमति भरते हुए नजर आ रहे हैं.

विहिप ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के सुझाव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि वीएचपी सुझाव का स्वागत तो करती ही है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सदियों से गाय इस देश की प्राण वायु की तरह है, लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारों को न्यायाधीश के सुझाव को अक्षरशः से पालन करना चाहिए और गौ हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र में गौ भक्तों की सरकार है इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव को अविलंब सरकार अमल में लाएगी.

इसी तरह वीएचपी के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए वीएचपी ने केंद्र सरकार से मांग की है. सरकार इस मसले पर जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करे. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है और एक लंबे समय से हिंदू समाज मांग करता आया है गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने हिंदू समाज की इस मांग को न केवल स्वीकृति प्रदान की है अपितु बल प्रदान करते हुए केंद्र सरकार से अपेक्षा की है कि वह गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किए जाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं.

पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुझाव, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र सरकार

उन्होंने कहा कि लंबे समय से हिंदू समाज की आस्थाओं पर चोट की जाती रही है और यह चोट की जाती है मिशनरियों के द्वारा, जिहादियों के द्वारा और टूलकिट गैंग के द्वारा. उन्हें समझ में आना चाहिए वह केवल हिंदू समाज काे अपमानित नहीं करते अपितु देश को कमजोर करने का पाप भी करते हैं अब इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने इन सब कामों से बाज आना चाहिए और हिंदू समाज की आस्थाओं का अपमान अब स्वीकार नहीं हो सकता. स्वयं न्यायपालिका भी इस पक्ष में खड़ी है और विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार से भी अपील करती है कि गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने के लिए जो भी आवश्यक उपाय हो अति शीघ्र ले.

गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी बिल लाए सरकार : जितेंद्रानंद सरस्वती

इसी तरह अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि समिति यह मांग करती है कि केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी बिल जल्द से जल्द संसद में लाना चाहिए और इसको संसद में जल्द से जल्द पास कराया जाना चाहिए. संत समाज के अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर कोर्ट के बोलने के बाद चर्चा शुरू हुई है कुछ निर्णय होगा तो आपको बताया जाएगा.

पढ़ें- HC का सुझाव-गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, जानें क्या है भारतीय संस्कृति में महत्व
संत समाज और वीएचपी की तरफ से उठ रही एस मांग और अदालत की टिप्पणी ने कहीं ना कहीं सरकार पर दबाव बनाना तो शुरू कर ही दिया है साथ ही पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए अब हिंदुत्व का एजेंडा भी इस मुद्दे के बहाने वापस आता नजर आ रहा है.

नई दिल्ली : इलाहाबाद कोर्ट की अहम टिप्पणी जिसमें गाय को भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बताया गया. कोर्ट ने यहां तक कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. उसके बाद से ही अलग-अलग संस्थाओं द्वारा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठ रही है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यहां तक सुझाव दिया है कि गायों की सुरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाना चाहिए. उनके मुताबिक गायों को किसी एक धर्म के दायरे में नहीं बांधा जा सकता यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है. कोर्ट ने यहां तक कहा कि अपनी संस्कृति को बचाना हर भारतवासी की जिम्मेदारी है और महज स्वाद पाने के लिए किसी को भी इसे मारकर खाने का अधिकार कतई नहीं दिया जा सकता.

जानिए क्या कहा विहिप नेताओं और संत समाज ने

अदालत की इस कड़ी टिप्पणी के बाद गौ रक्षा संस्थाओं की तरफ से केंद्र सरकार से मांग के साथ कई भाजपा और संघ के नेताओं ने भी अदालत की इस टिप्पणी पर बढ़-चढ़कर बयान देना शुरू किया है. साथ ही साथ संसद में विधेयक लाने की मांग उठा रहे हैं. अदालत की इस टिप्पणी के बाद जहां वीएचपी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है. वहीं, अब बीजेपी के नेता भी संघ की इस मांग पर सहमति भरते हुए नजर आ रहे हैं.

विहिप ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के सुझाव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि वीएचपी सुझाव का स्वागत तो करती ही है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सदियों से गाय इस देश की प्राण वायु की तरह है, लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारों को न्यायाधीश के सुझाव को अक्षरशः से पालन करना चाहिए और गौ हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र में गौ भक्तों की सरकार है इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव को अविलंब सरकार अमल में लाएगी.

इसी तरह वीएचपी के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए वीएचपी ने केंद्र सरकार से मांग की है. सरकार इस मसले पर जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करे. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है और एक लंबे समय से हिंदू समाज मांग करता आया है गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने हिंदू समाज की इस मांग को न केवल स्वीकृति प्रदान की है अपितु बल प्रदान करते हुए केंद्र सरकार से अपेक्षा की है कि वह गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किए जाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं.

पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुझाव, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र सरकार

उन्होंने कहा कि लंबे समय से हिंदू समाज की आस्थाओं पर चोट की जाती रही है और यह चोट की जाती है मिशनरियों के द्वारा, जिहादियों के द्वारा और टूलकिट गैंग के द्वारा. उन्हें समझ में आना चाहिए वह केवल हिंदू समाज काे अपमानित नहीं करते अपितु देश को कमजोर करने का पाप भी करते हैं अब इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने इन सब कामों से बाज आना चाहिए और हिंदू समाज की आस्थाओं का अपमान अब स्वीकार नहीं हो सकता. स्वयं न्यायपालिका भी इस पक्ष में खड़ी है और विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार से भी अपील करती है कि गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने के लिए जो भी आवश्यक उपाय हो अति शीघ्र ले.

गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी बिल लाए सरकार : जितेंद्रानंद सरस्वती

इसी तरह अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि समिति यह मांग करती है कि केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी बिल जल्द से जल्द संसद में लाना चाहिए और इसको संसद में जल्द से जल्द पास कराया जाना चाहिए. संत समाज के अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर कोर्ट के बोलने के बाद चर्चा शुरू हुई है कुछ निर्णय होगा तो आपको बताया जाएगा.

पढ़ें- HC का सुझाव-गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, जानें क्या है भारतीय संस्कृति में महत्व
संत समाज और वीएचपी की तरफ से उठ रही एस मांग और अदालत की टिप्पणी ने कहीं ना कहीं सरकार पर दबाव बनाना तो शुरू कर ही दिया है साथ ही पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए अब हिंदुत्व का एजेंडा भी इस मुद्दे के बहाने वापस आता नजर आ रहा है.

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