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शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग - भगत सिंह कागजात पाकिस्तान

भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर के सलाहकार का कहना है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. उनका कहना है कि इससे इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी.

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Published : Jul 28, 2021, 2:29 PM IST

चंडीगढ़ : जब हमारा देश पाकिस्तान (India-Pakistan Partition) से अलग हुआ तो बहुत सारी चीजें थीं जो वहीं छूट गईं. उनमें कुछ भारत के इतिहास से जुड़े खास कागजात भी थे. ऐसे में अब उन कागजातों को दोबारा पाकिस्तान से भारत लाने की मांग उठ रही है.

चंडीगढ़ के रहने वाले प्रोफेसर चमनलाल दिल्ली में भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर (Bhagat Singh Archive and Research Center) के सलाहकार हैं. उन्हाेंने बताया कि भगत सिंह पर अंग्रेजों ने दो बड़े मुकदमे दर्ज किए थे. एक था दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने का मामला (Bomb Blast in Delhi Central Assembly Case) जिसमें भगत सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. दूसरा मामला लाहौर कॉस्प्रेन्सी का था जिसमें उन पर हत्या का आरोप लगा था.

शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग

प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि इन घटनाओं से जुड़े कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. प्रोफेसर चमनलाल ने इस बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) को चिट्ठी भी लिखी है. जिसकी कॉपी केंद्र सरकार काे भी भेजा गया है. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने भी प्रोफेसर चमनलाल से खास बातचीत की.

प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि पाकिस्तान में भगत सिंह पर दर्ज इन दोनों मुकदमों से जुड़ी कई फाइलें पड़ी हैं, दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है. पाकिस्तान में न सिर्फ इस मुकदमे से जुड़े दस्तावेज (Bagat Singh Legal Documents) बल्कि भारत की आजादी से जुड़े जरूरी दस्तावेज और भगत सिंह की बहुत सारी चिट्टियां भी पड़ी हैं, जिन्हें भारत लाया जाना बेहद जरूरी है.

प्रोफेसर चमनलाल का मानना है कि अगर यह सभी दस्तावेज भारत आ जाते हैं तो इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी. प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि अभी तक पाकिस्तान की ओर से इन दस्तावेजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान कुछ दस्तावेजों को स्कॉलर्स के लिए मुहैया करवा रहा है. जिससे थोड़ी बहुत जानकारियां भी सामने आ रही हैं.

प्रोफेसर चमनलाल के मुताबिक लंदन में रह रहे भारतीय सुरेंद्र सिंह ने एक किताब भी लिखी थी. इस किताब के लिए जरूरी जानकारी जुटाने के लिए जो पाकिस्तान भी गए थे, जहां उन्हें थोड़ी बहुत जानकारियां मिल पाई. इसके अलावा उन्होंने खुद भी कई किताबें लिखी हैं जिसमें भगत सिंह को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया है.

चमन लाल ने बताया कि भगत सिंह पाकिस्तान में भी भारत की तरह एक हीरो हैं, लोग वहां भी उनसे प्यार करते हैं. इसलिए पाकिस्तान किसी भी कीमत पर भगत सिंह से जुड़े दस्तावेजों को भारत को नहीं सौंपेगा, लेकिन कम से कम उन दस्तावेजों की कॉपी तो भारत ला ही सकता है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी को 75वां साल लगने वाला है, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इन दस्तावेजों को भारत लाने की कोशिश नहीं की.

यह भी पढ़ें- कारगिल: जांबाज भारतीय सेना ने जीती थी हारी हुई बाजी, जानें कैसे हुआ मुमकिन

चंडीगढ़ : जब हमारा देश पाकिस्तान (India-Pakistan Partition) से अलग हुआ तो बहुत सारी चीजें थीं जो वहीं छूट गईं. उनमें कुछ भारत के इतिहास से जुड़े खास कागजात भी थे. ऐसे में अब उन कागजातों को दोबारा पाकिस्तान से भारत लाने की मांग उठ रही है.

चंडीगढ़ के रहने वाले प्रोफेसर चमनलाल दिल्ली में भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर (Bhagat Singh Archive and Research Center) के सलाहकार हैं. उन्हाेंने बताया कि भगत सिंह पर अंग्रेजों ने दो बड़े मुकदमे दर्ज किए थे. एक था दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने का मामला (Bomb Blast in Delhi Central Assembly Case) जिसमें भगत सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. दूसरा मामला लाहौर कॉस्प्रेन्सी का था जिसमें उन पर हत्या का आरोप लगा था.

शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग

प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि इन घटनाओं से जुड़े कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. प्रोफेसर चमनलाल ने इस बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) को चिट्ठी भी लिखी है. जिसकी कॉपी केंद्र सरकार काे भी भेजा गया है. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने भी प्रोफेसर चमनलाल से खास बातचीत की.

प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि पाकिस्तान में भगत सिंह पर दर्ज इन दोनों मुकदमों से जुड़ी कई फाइलें पड़ी हैं, दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है. पाकिस्तान में न सिर्फ इस मुकदमे से जुड़े दस्तावेज (Bagat Singh Legal Documents) बल्कि भारत की आजादी से जुड़े जरूरी दस्तावेज और भगत सिंह की बहुत सारी चिट्टियां भी पड़ी हैं, जिन्हें भारत लाया जाना बेहद जरूरी है.

प्रोफेसर चमनलाल का मानना है कि अगर यह सभी दस्तावेज भारत आ जाते हैं तो इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी. प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि अभी तक पाकिस्तान की ओर से इन दस्तावेजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान कुछ दस्तावेजों को स्कॉलर्स के लिए मुहैया करवा रहा है. जिससे थोड़ी बहुत जानकारियां भी सामने आ रही हैं.

प्रोफेसर चमनलाल के मुताबिक लंदन में रह रहे भारतीय सुरेंद्र सिंह ने एक किताब भी लिखी थी. इस किताब के लिए जरूरी जानकारी जुटाने के लिए जो पाकिस्तान भी गए थे, जहां उन्हें थोड़ी बहुत जानकारियां मिल पाई. इसके अलावा उन्होंने खुद भी कई किताबें लिखी हैं जिसमें भगत सिंह को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया है.

चमन लाल ने बताया कि भगत सिंह पाकिस्तान में भी भारत की तरह एक हीरो हैं, लोग वहां भी उनसे प्यार करते हैं. इसलिए पाकिस्तान किसी भी कीमत पर भगत सिंह से जुड़े दस्तावेजों को भारत को नहीं सौंपेगा, लेकिन कम से कम उन दस्तावेजों की कॉपी तो भारत ला ही सकता है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी को 75वां साल लगने वाला है, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इन दस्तावेजों को भारत लाने की कोशिश नहीं की.

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