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छत्तीसगढ़ में बढ़ी गंगाजल की मांग, लेकिन डाकघरों में आपूर्ति नहीं

छत्तीसगढ़ में सावन आते ही गंगाजल की डिमांड बढ़ जाती (Demand for Gangajal increased in Chhattisgarh) है. लेकिन इस बार डाकघरों में आपूर्ति कम होने से गंगाजल लेने वालों के हाथ निराशा लग रही है.

Gangajal was ordered from Dehradun in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बढ़ी गंगाजल की मांग
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Published : Jul 23, 2022, 10:15 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के डाकघरों में गंगाजल की मांग बढ़ गई है. भारी संख्या में लोग गंगाजल लेने प्रदेश के डाकघरों में पहुंच रहे (Demand for Gangajal increased in Chhattisgarh) हैं. सावन शुरू होने से पहले डाक विभाग ने 200 पेटी गंगाजल के लिए पत्र लिखा था, लेकिन देहरादून से महज 50 पेटी गंगाजल ही भेजी गई (Gangajal was ordered from Dehradun in Chhattisgarh) है. प्रदेश में गंगाजल की बढ़ती मांग और कमी को देखते हुए डाक विभाग ने एक बार फिर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है. जिसमें 300 पेटी गंगाजल की मांग की गई है. जानकारों की माने तो सावन के महीने में गंगाजल की डिमांड अधिक होती है. क्योंकि ज्यादातर श्रद्धालु और कांवड़िए भगवान भोले नाथ का अभिषेक गंगोत्री के ही गंगाजल से करते हैं.

छत्तीसगढ़ में बढ़ी गंगाजल की मांग
कब भेजा गया था मांग पत्र : गंगा जल की आपूर्ति के लिए पहला "मांग पत्र" 7 जून 2022 को देहरादून भेजा गया था. राजधानी सहित अन्य डाकघरों के लिए 200 पैकेट अर्थात 9600 बोतल गंगोत्री के गंगा जल की आपूर्ति जल्द से जल्द करने का आग्रह किया था. मांग पत्र भेजने पर भी आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण 27 जून को रिमाइंडर किया गया. इसके बाद 50 पेटी गंगाजल देहरादून से रायपुर भेजा गया, लेकिन सूत्रों की माने तो जिस तरह से गंगाजल की डिमांड हो रही है. उससे इस 50 पेटी से राज्य की पूर्ति नहीं की जा (Chhattisgarh Postal Department wrote letter but Gangajal did not come) सकती. बहुत से डॉक घरों में गंगाजल भी नहीं हैं, जहां से लोगों को निराशा हाथ लग रही है. कहां के गंगाजल की डिमांड ज्यादा : गंगोत्री, ऋषिकेश और इलाहाबाद के गंगा जल की शुद्धता को लेकर कोई शंका नहीं है. कहते हैं पूर्वजों के अनुसार गंगोत्री का गंगाजल ज्यादा महत्व रखता है. गंगा नदी का उद्गम स्थल है, यहां का गंगाजल से सबसे ज्यादा होता है. इसलिए इसकी मांग अधिक है. भक्तगण शिवरात्रि और श्रावण माह में भगवान शिव शंकर का गंगाजल से अभिषेक करते हैं. इसलिए इन दिनों में गंगाजल की सबसे अधिक डिमांड रहती है. गंगाजल की एक पेटी में ढाई सौ एमएल के 48 बोतल हैं. एक बोतल की कीमत 30 रुपये है.



राजधानी में रोजाना 50 लोग पहुंच रहे : गंगाजल की बोतल राज्य के कई पोस्ट आफिस में उपलब्ध हैं. राजधानी रायपुर के पोस्ट आफिस में गंगाजल की बिक्री को लेकर स्टाल लगाए गए हैं. स्टॉल पर बिक्री करने वाले टंडन ने बताया कि सावन माह में गंगाजल की मांग अधिक बढ़ जाती है. रोजाना 50 लोग गंगाजल खरीदकर ले जाते हैं. गंगाजल के लिए यहां लंबी कतारें लगी रहती है. टंडन कहते हैं कि सावन के शुरुआती दिनों में स्टॉक खत्म हो गया था. जिसकी वजह से लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता था. वे कहते हैं. सुबह से आज बहुत तेज बारिश हो रही है. इसलिए कम ही लोग गंगाजल खरीदने पहुंचे हैं.

ये भी पढ़ें-सावन में कहां से और कैसे मंगवाएं गंगाजल ?

कहां-कहां भेजा गया गंगाजल : वरिष्ठ पोस्ट मास्टर आरपी वर्मा ने बताया "सावन माह में अक्सर गंगाजल की मांग बढ़ जाती (Demand for Gangajal in entire Chhattisgarh in Sawan) है. इसे लेकर हम लोग देहरादून से गंगाजल की आपूर्ति करते हैं. चूंकि गंगाजल बहुत पवित्र होता है. गंगोत्री का जल बहुत हु पवित्र होता है. सावन माह के प्रत्येक सोमवार इसी जल का अभिषेक किया जाता है. इसे लेकर हमने काउंटर भी बनाया है, ताकि श्रद्धालुओं को गंगाजल की आपूर्ति की जा सके. हमने गंगाजल को लेकर सबसे पहले 200 पैकेट की मांग की थी, लेकिन 50 पेटी ही भेजा गया है. उससे क्राइसेस उत्पन्न नहीं हो पाया. क्योंकि मई में हमारे पास कुछ पेटी पहुंच गई थी. वर्तमान में हमने 300 पेटी का मांग पत्र भेजा है. उम्मीद है जल्द हमारे पास गंगाजल की पेटी पहुंच जाएगी."

रायपुर : छत्तीसगढ़ के डाकघरों में गंगाजल की मांग बढ़ गई है. भारी संख्या में लोग गंगाजल लेने प्रदेश के डाकघरों में पहुंच रहे (Demand for Gangajal increased in Chhattisgarh) हैं. सावन शुरू होने से पहले डाक विभाग ने 200 पेटी गंगाजल के लिए पत्र लिखा था, लेकिन देहरादून से महज 50 पेटी गंगाजल ही भेजी गई (Gangajal was ordered from Dehradun in Chhattisgarh) है. प्रदेश में गंगाजल की बढ़ती मांग और कमी को देखते हुए डाक विभाग ने एक बार फिर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है. जिसमें 300 पेटी गंगाजल की मांग की गई है. जानकारों की माने तो सावन के महीने में गंगाजल की डिमांड अधिक होती है. क्योंकि ज्यादातर श्रद्धालु और कांवड़िए भगवान भोले नाथ का अभिषेक गंगोत्री के ही गंगाजल से करते हैं.

छत्तीसगढ़ में बढ़ी गंगाजल की मांग
कब भेजा गया था मांग पत्र : गंगा जल की आपूर्ति के लिए पहला "मांग पत्र" 7 जून 2022 को देहरादून भेजा गया था. राजधानी सहित अन्य डाकघरों के लिए 200 पैकेट अर्थात 9600 बोतल गंगोत्री के गंगा जल की आपूर्ति जल्द से जल्द करने का आग्रह किया था. मांग पत्र भेजने पर भी आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण 27 जून को रिमाइंडर किया गया. इसके बाद 50 पेटी गंगाजल देहरादून से रायपुर भेजा गया, लेकिन सूत्रों की माने तो जिस तरह से गंगाजल की डिमांड हो रही है. उससे इस 50 पेटी से राज्य की पूर्ति नहीं की जा (Chhattisgarh Postal Department wrote letter but Gangajal did not come) सकती. बहुत से डॉक घरों में गंगाजल भी नहीं हैं, जहां से लोगों को निराशा हाथ लग रही है. कहां के गंगाजल की डिमांड ज्यादा : गंगोत्री, ऋषिकेश और इलाहाबाद के गंगा जल की शुद्धता को लेकर कोई शंका नहीं है. कहते हैं पूर्वजों के अनुसार गंगोत्री का गंगाजल ज्यादा महत्व रखता है. गंगा नदी का उद्गम स्थल है, यहां का गंगाजल से सबसे ज्यादा होता है. इसलिए इसकी मांग अधिक है. भक्तगण शिवरात्रि और श्रावण माह में भगवान शिव शंकर का गंगाजल से अभिषेक करते हैं. इसलिए इन दिनों में गंगाजल की सबसे अधिक डिमांड रहती है. गंगाजल की एक पेटी में ढाई सौ एमएल के 48 बोतल हैं. एक बोतल की कीमत 30 रुपये है.



राजधानी में रोजाना 50 लोग पहुंच रहे : गंगाजल की बोतल राज्य के कई पोस्ट आफिस में उपलब्ध हैं. राजधानी रायपुर के पोस्ट आफिस में गंगाजल की बिक्री को लेकर स्टाल लगाए गए हैं. स्टॉल पर बिक्री करने वाले टंडन ने बताया कि सावन माह में गंगाजल की मांग अधिक बढ़ जाती है. रोजाना 50 लोग गंगाजल खरीदकर ले जाते हैं. गंगाजल के लिए यहां लंबी कतारें लगी रहती है. टंडन कहते हैं कि सावन के शुरुआती दिनों में स्टॉक खत्म हो गया था. जिसकी वजह से लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता था. वे कहते हैं. सुबह से आज बहुत तेज बारिश हो रही है. इसलिए कम ही लोग गंगाजल खरीदने पहुंचे हैं.

ये भी पढ़ें-सावन में कहां से और कैसे मंगवाएं गंगाजल ?

कहां-कहां भेजा गया गंगाजल : वरिष्ठ पोस्ट मास्टर आरपी वर्मा ने बताया "सावन माह में अक्सर गंगाजल की मांग बढ़ जाती (Demand for Gangajal in entire Chhattisgarh in Sawan) है. इसे लेकर हम लोग देहरादून से गंगाजल की आपूर्ति करते हैं. चूंकि गंगाजल बहुत पवित्र होता है. गंगोत्री का जल बहुत हु पवित्र होता है. सावन माह के प्रत्येक सोमवार इसी जल का अभिषेक किया जाता है. इसे लेकर हमने काउंटर भी बनाया है, ताकि श्रद्धालुओं को गंगाजल की आपूर्ति की जा सके. हमने गंगाजल को लेकर सबसे पहले 200 पैकेट की मांग की थी, लेकिन 50 पेटी ही भेजा गया है. उससे क्राइसेस उत्पन्न नहीं हो पाया. क्योंकि मई में हमारे पास कुछ पेटी पहुंच गई थी. वर्तमान में हमने 300 पेटी का मांग पत्र भेजा है. उम्मीद है जल्द हमारे पास गंगाजल की पेटी पहुंच जाएगी."

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