ETV Bharat / bharat

दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

दिल्ली दंगों में आरोपी शारजीन इमाम ने हाईकोर्ट से आई उनके खिलाफ टिप्पणी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इमाम ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उन्हें बोलने का अवसर दिए बिना ही उनके खिलाफ टिप्पणी की गई थी.

author img

By

Published : Dec 7, 2022, 5:55 PM IST

Delhi riots accused Sharjeel Imam
दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम

नई दिल्ली: जेएनयू के विद्वान और कार्यकर्ता शारजील इमाम, जो दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय की उनके खिलाफ टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जबकि कोर्ट ने जेएनयू के एक अन्य छात्र और दिल्ली दंगों के मामले में सह-आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उच्च न्यायालय ने खालिद की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि खालिद इमाम के संपर्क में था, जो पूरी साजिश का सूत्रधार था.

हाईकोर्ट ने अवलोकित किया 'बेशक, सभी सह-आरोपियों के बीच समानता का एक तार मौजूद है. यह एक स्वीकृत स्थिति है कि खालिद और इमाम दोनों एक ही व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य हैं और दोनों ने जंतर मंतर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.' टिप्पणी के खिलाफ अपनी एसएलपी में इमाम ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उन्हें बोलने का अवसर दिए बिना ही उनके खिलाफ टिप्पणियां की गईं और इस तरह की टिप्पणियों से उनके मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

उनका तर्क है कि वह आपराधिक मामले में भी आरोपी हैं और इस तरह की टिप्पणियां उनके मामले की योग्यता और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित उनकी जमानत याचिका को प्रभावित कर सकती हैं. उनका तर्क है कि इस तरह की टिप्पणियां प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ हैं और इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: MCD में पहली बार AAP की सरकार, लगातार चौथी जीत दर्ज करने से चूकी BJP

उनकी जमानत याचिका पर खालिद के मामले में की गई टिप्पणी से अप्रभावित रहते हुए स्वतंत्र रूप से सुनवाई होनी चाहिए. इमाम सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दिए गए अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जनवरी 2020 से हिरासत में हैं.

नई दिल्ली: जेएनयू के विद्वान और कार्यकर्ता शारजील इमाम, जो दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय की उनके खिलाफ टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जबकि कोर्ट ने जेएनयू के एक अन्य छात्र और दिल्ली दंगों के मामले में सह-आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उच्च न्यायालय ने खालिद की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि खालिद इमाम के संपर्क में था, जो पूरी साजिश का सूत्रधार था.

हाईकोर्ट ने अवलोकित किया 'बेशक, सभी सह-आरोपियों के बीच समानता का एक तार मौजूद है. यह एक स्वीकृत स्थिति है कि खालिद और इमाम दोनों एक ही व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य हैं और दोनों ने जंतर मंतर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.' टिप्पणी के खिलाफ अपनी एसएलपी में इमाम ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उन्हें बोलने का अवसर दिए बिना ही उनके खिलाफ टिप्पणियां की गईं और इस तरह की टिप्पणियों से उनके मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

उनका तर्क है कि वह आपराधिक मामले में भी आरोपी हैं और इस तरह की टिप्पणियां उनके मामले की योग्यता और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित उनकी जमानत याचिका को प्रभावित कर सकती हैं. उनका तर्क है कि इस तरह की टिप्पणियां प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ हैं और इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: MCD में पहली बार AAP की सरकार, लगातार चौथी जीत दर्ज करने से चूकी BJP

उनकी जमानत याचिका पर खालिद के मामले में की गई टिप्पणी से अप्रभावित रहते हुए स्वतंत्र रूप से सुनवाई होनी चाहिए. इमाम सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दिए गए अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जनवरी 2020 से हिरासत में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.