नई दिल्ली: सुकेश चंद्रशेखर द्वारा मांगे गए एक्सटॉर्शन मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing of Delhi Police) ने गिरफ्तार सात जेल अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति मांगी है. इसके साथ ही उन्होंने जेल के 82 कर्मचारियों पर भी भ्रष्टाचार की जांच करने की अनुमति मांगी है. इन कर्मचारियों पर सुकेश से करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है.
जेल अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति दिल्ली पुलिस की तरफ से तिहाड़ प्रशासन से मांगी गई है. सूत्रों का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला चलाया जा सकता है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है. पुलिस उनके जवाब का इंतजार कर रही है, जिसके बाद इन लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत जांच की जाएगी.
जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने कारोबारी की पत्नी से दाे साै करोड़ रुपए की उगाही प्रकरण को लेकर मकोका का मामला दर्ज कर रखा है. जेल अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति दिल्ली पुलिस की तरफ से तिहाड़ प्रशासन से मांगी गई है. इसके साथ ही पुलिस ने यह दावा किया है कि जेल के अन्य कर्मचारी भी सुकेश की मदद कर रहे थे. रुपये लेकर वह उसके गलत कामाें की अनदेखी कर रहे थे. इस काम के लिए उन्हें सुकेश की तरफ से मोटी रकम मिल रही थी. जांच के दौरान आर्थिक अपराध शाखा ने ऐसे 82 जेल कर्मचारियों की सूची बनाई है, जो सुकेश की मदद कर रहे थे.
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गौरतलब है कि रोहिणी जेल में बंद रहने के दौरान ( Sukesh Cheating from jail) सुकेश चंद्रशेखर ने फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी आदिति सिंह से दाे साै करोड़ रुपये की उगाही की थी. यह उगाही उसने अदिति सिंह के पति को जेल से बाहर निकलवाने के नाम पर की थी. इस पूरे प्रकरण के दौरान जेल कर्मचारियों की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिलता रहा था. उसने यह खुलासा किया था कि जेल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को उसने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत दी है.