नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो वसंत विहार स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के दफ्तर के सामने बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे अफगानी नागरिकों को दूसरे जगह शिफ्ट करने पर दो दिन में फैसला करें. कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार फैसला नहीं करेगी, तो वो आदेश जारी करेगी. मामले की अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी.
पिछले 1 सितंबर को कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के दफ्तर के सामने भीड़ जुटने पर चिंता जताई थी. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की भीड़ से कोरोना फैलने का खतरा है. कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और नगर निगम को नोटिस जारी किया था.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि लोगों के जुलूस और प्रदर्शनों को रेगुलेट करने के लिए क्या कदम उठाया है. क्या आपने सुप्रीम कोर्ट के मजदूर किसान शक्ति संगठन बनाम भारत सरकार पर दिए गए फैसले के तहत दिशा-निर्देश तैयार किया है. उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरने की इजाजत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर धरना-प्रदर्शनों को रेगुलेट करने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं बनाया गया है, तो उसका कारण बताएं.
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याचिका वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि वसंत विहार के बी ब्लॉक स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के दफ्तर के सामने बड़ी संख्या में अफगानी नागरिक एकत्र होकर शरण की मांग कर रहे हैं.
अफगानी नागरिक वहां के सार्वजनिक पार्कों और इलाकों में जमा हैं. पूरा इलाका प्रदर्शनकारियों के हुजूम से भरा पड़ा है. इतने लोगों के जमा होने से वहां के नागरिकों को कोरोना के संक्रमण का खतरा है. याचिका में मांग की गई है कि इन अफगानी नागरिकों को हटाने के दिशा-निर्देश जारी किये जाएं.