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नाबालिग के साथ कथित यौन हिंसा की आरोपी महिला को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत

नाबालिग के साथ अप्राकृतिक यौन हिंसा की आरोपी एक महिला को दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) ने अग्रिम जमानत दी है. कोर्ट ने आरोपी महिला को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया.

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Aug 3, 2021, 3:19 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) ने एक नाबालिग बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन हिंसा की आरोपी महिला को अग्रिम जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने कहा कि महिला नौकरी करती है और उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है, इसलिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई जरुरत नहीं है.

कोर्ट ने आरोपी महिला को पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने आगे कहा कि महिला के सह-आरोपी को भी जमानत मिल चुकी है. आरोपी महिला को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act ) की धारा 6 के तहत आरोपी बनाया गया है.

इस मामले में शिकायतकर्ता एक दूसरी महिला है. शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसके बच्चे के साथ कई बार यौन हिंसा की है. शिकायतकर्ता महिला के मुताबिक उसके पूर्व पति से आरोपी महिला के संबंध हैं. इस नाते आरोपी महिला कभी-कभार उसके घर आया करती थी. उल्लेखनीय है कि इस मामले में शिकायतकर्ता महिला का पति सह-आरोपी है, जिसे अग्रिम जमानत पहले ही मिल चुकी है.

इस मामले में बच्चे का मेडिकल परीक्षण भी किया जा चुका है. पीड़ित बच्चे ने अपने बयान में शिकायतकर्ता महिला के आरोपों की पुष्टि की है. आरोप है कि बच्चा जब तीन वर्ष का था तब से आरोपी महिला उसे प्रताड़ित कर रही थी.

पढ़ें - गुजरात : विधायक के बेटे की शिकायत करने पर किया तड़ीपार, हाई कोर्ट ने लगाई एसडीएम को फटकार

वहीं, आरोपी की ओर से पेश वकील नवीन कुमार रहेजा ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने ये केस जानबूझकर इसलिए किया क्योंकि उसे शक था कि आरोपी महिला और उसके पति के बीच संबंध हैं. आरोपी महिला और शिकायतकर्ता का पति एक साथ काम करते हैं. उन्होंने कहा कि पहले शिकायतकर्ता महिला ने अपने बच्चे का इस्तेमाल किया और चार साल बाद एफआईआर दर्ज कराई.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) ने एक नाबालिग बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन हिंसा की आरोपी महिला को अग्रिम जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने कहा कि महिला नौकरी करती है और उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है, इसलिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई जरुरत नहीं है.

कोर्ट ने आरोपी महिला को पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने आगे कहा कि महिला के सह-आरोपी को भी जमानत मिल चुकी है. आरोपी महिला को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act ) की धारा 6 के तहत आरोपी बनाया गया है.

इस मामले में शिकायतकर्ता एक दूसरी महिला है. शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसके बच्चे के साथ कई बार यौन हिंसा की है. शिकायतकर्ता महिला के मुताबिक उसके पूर्व पति से आरोपी महिला के संबंध हैं. इस नाते आरोपी महिला कभी-कभार उसके घर आया करती थी. उल्लेखनीय है कि इस मामले में शिकायतकर्ता महिला का पति सह-आरोपी है, जिसे अग्रिम जमानत पहले ही मिल चुकी है.

इस मामले में बच्चे का मेडिकल परीक्षण भी किया जा चुका है. पीड़ित बच्चे ने अपने बयान में शिकायतकर्ता महिला के आरोपों की पुष्टि की है. आरोप है कि बच्चा जब तीन वर्ष का था तब से आरोपी महिला उसे प्रताड़ित कर रही थी.

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वहीं, आरोपी की ओर से पेश वकील नवीन कुमार रहेजा ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने ये केस जानबूझकर इसलिए किया क्योंकि उसे शक था कि आरोपी महिला और उसके पति के बीच संबंध हैं. आरोपी महिला और शिकायतकर्ता का पति एक साथ काम करते हैं. उन्होंने कहा कि पहले शिकायतकर्ता महिला ने अपने बच्चे का इस्तेमाल किया और चार साल बाद एफआईआर दर्ज कराई.

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