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विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को कोर्ट से राहत, ट्रायल में मिली छूट के खिलाफ दायर याचिका खारिज

पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल एशियन गेम्स में खेलने की छूट के खिलाफ दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.

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विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को कोर्ट से राहत
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Published : Jul 22, 2023, 7:05 PM IST

नई दिल्ली: पहलवान अंतिम पंघाल (19) और सुजीत कलकल (21) के द्वारा एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को दी गई छूट को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें पहलवान पुनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई है.

बता दें, शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करेंगे कि बेहतर पहलवान कौन है. प्रसाद ने कहा था कि वह केवल यह देखेंगे कि बिना ट्रायल अनुमति देने में प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं. इस मामले में गुरुवार को हुई पहली सुनवाई में कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था.

उल्लेखनीय है कि दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष किया गया था. मुख्य न्यायाधीश ने मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया था, जिस पर सुनवाई हुई थी.

याचिका में यह की गई थी मांग: वकील हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार द्वारा दायर याचिका में मांग की गई कि दो श्रेणियों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिला 53 किग्रा) को रद्द कर दिया जाए. बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को दी गई छूट रद्द कर दी जाए. याचिका में यह भी मांग की गई है कि किसी भी पहलवान को कोई छूट दिए बिना ट्रायल निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए.

जूनियर पहलवानों का ये आरोप: पंघाल उन जूनियर पहलवानों में से एक हैं, जो इस साल जनवरी में निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लड़ाई में बजरंग और विनेश के साथ खड़े थे, जब शीर्ष खिलाड़ियों ने धरना दिया था. हालांकि, अब पंघाल का आरोप है कि उन्हीं पहलवानों ने उन्हें एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने का मौका नहीं देकर धोखा दिया है. फोगाट को एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश मिला है, जबकि उन्होंने पिछले एक साल से ट्रेनिंग नहीं की है.

''पंघाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि पिछले एक साल में उनकी कोई उपलब्धि नहीं है. जिन श्रेणियों में बजरंग पुनिया (65 किग्रा) और विनेश (53 किग्रा) प्रतिस्पर्धा करते हैं, उनके प्रतिद्वंद्वियों को बहुत निराशा हुई''.

भारतीय ओलंपिक संघ तदर्थ पैनल ने इन दोनों पहलवानों को शनिवार और रविवार को होने वाले ट्रायल से छूट देने का फैसला किया. आईओए ने कहा कि आगामी एशियाई खेलों के लिए देश के कुश्ती दल का अंतिम मूल्यांकन खिलाड़ियों के चीन रवाना होने से पहले किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Asian Games 2023: भारतीय ओलंपिक संघ के दफ्तर के बाहर पहलवानों का प्रदर्शन, जानिए वजह

ये भी पढ़ें: Wrestler Anshu Malik : एशियन गेम्स के चयन ट्रायल में छूट के विरोध में अंशू ने पहलवानों का सपोर्ट किया

नई दिल्ली: पहलवान अंतिम पंघाल (19) और सुजीत कलकल (21) के द्वारा एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को दी गई छूट को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें पहलवान पुनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई है.

बता दें, शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करेंगे कि बेहतर पहलवान कौन है. प्रसाद ने कहा था कि वह केवल यह देखेंगे कि बिना ट्रायल अनुमति देने में प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं. इस मामले में गुरुवार को हुई पहली सुनवाई में कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था.

उल्लेखनीय है कि दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष किया गया था. मुख्य न्यायाधीश ने मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया था, जिस पर सुनवाई हुई थी.

याचिका में यह की गई थी मांग: वकील हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार द्वारा दायर याचिका में मांग की गई कि दो श्रेणियों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिला 53 किग्रा) को रद्द कर दिया जाए. बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को दी गई छूट रद्द कर दी जाए. याचिका में यह भी मांग की गई है कि किसी भी पहलवान को कोई छूट दिए बिना ट्रायल निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए.

जूनियर पहलवानों का ये आरोप: पंघाल उन जूनियर पहलवानों में से एक हैं, जो इस साल जनवरी में निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लड़ाई में बजरंग और विनेश के साथ खड़े थे, जब शीर्ष खिलाड़ियों ने धरना दिया था. हालांकि, अब पंघाल का आरोप है कि उन्हीं पहलवानों ने उन्हें एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने का मौका नहीं देकर धोखा दिया है. फोगाट को एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश मिला है, जबकि उन्होंने पिछले एक साल से ट्रेनिंग नहीं की है.

''पंघाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि पिछले एक साल में उनकी कोई उपलब्धि नहीं है. जिन श्रेणियों में बजरंग पुनिया (65 किग्रा) और विनेश (53 किग्रा) प्रतिस्पर्धा करते हैं, उनके प्रतिद्वंद्वियों को बहुत निराशा हुई''.

भारतीय ओलंपिक संघ तदर्थ पैनल ने इन दोनों पहलवानों को शनिवार और रविवार को होने वाले ट्रायल से छूट देने का फैसला किया. आईओए ने कहा कि आगामी एशियाई खेलों के लिए देश के कुश्ती दल का अंतिम मूल्यांकन खिलाड़ियों के चीन रवाना होने से पहले किया जाएगा.

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